पशु चिकित्सा शिविर में पशुपालकों ने पशुओं का कराया इलाज

Diti BajpaiDiti Bajpai   7 Dec 2018 8:11 AM GMT

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लखनऊ। लल्लू यादव की गाय पिछले कई दिनों से चारा नहीं खा रही थी और न ही दूध दे रही थी लेकिन अब उनको पता है कि यह समस्या उनकी गाय को क्यो हुई और उनको इसके लिए दवाईं भी मिली है।


लखनऊ जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर कुनौरा गांव में गाँव कनेक्शन मेला का आयोजन किया गया, जिसमें पशु स्वास्थ्य शिविर भी लगाया गया। इस शिविर में लल्लू जैसे सैकड़ों पशुपालकों ने अपने पशुओं का इलाज कराया और मुफ्त दवाएं भी ली।


पशु चिकित्सा शिविर में मुफ्त चिकित्सा सेवा और औषधि वितरण, पशु चिकित्सा शिविर, पशु परीक्षण, बधियाकरण और टीकाकरण, लघु शल्य चिकित्सा, कृमिनाशक दवापान, बांझपन चिकित्सा, कृत्रिम गर्भाधान, पशुधन बीमा जैसे कई सेवाएं पशुपालकों को दी गई। पशुपालन विभाग, उत्तर प्रदेश के उपनिदेशक डॉ अरविंद कुमार सिंह ने बताया, ''पशुपालकों को इलाज के इधर-उधर न भटकना पड़े इसके लिए प्रदेश के हर जिलों में ऐसे में लगाए जा रहे हैं, जिससे पशुपालकों को एक जगह पर सभी तरह की चिकित्सा मिल सके।''




सिंह आगे बताते हैं, ''भारत सरकार के बजट से ही पूरे प्रदेश में ब्लॉक स्तर पर ऐसे पशु मेले लगाए जा रहे हैं। इस मेले पशुपालकों को मुफ्त दवा, मिनिरल मिक्चर, कृमि नाशक दवाएं दी जा रही है। साथ बीमारियों के बारे में पशुपालक खुद जान रहे। पशुओं को बीमारी से कैसे बचाया जाए और उत्पादन कैसे बढ़ें इसके बारे में भी जागरुक किया जाता है।"


19वीं पशुगणना के अनुसार के उत्तर प्रदेश में 205.66 लाख गोवंशीय, 306.25 लाख महिषवंशीय, 13.54 लाख भेड़, 155.86 लाख बकरी, 13.34 लाख सूकर और 186.68 लाख (कुक्कुट) है। प्रदेश के 70 प्रतिशत लघु, सीमांत और भूमिहीन किसानों द्वारा पशुपालन व्यवसाय किया जा रहा है। पशुधन के माध्यम से देश की सकल घरेलू उत्पादन में लगभग नौ प्रतिशत का सीधा योगदान है।


इस मेले में न सिर्फ पशुओं का निशुल्क इलाज हुआ बल्कि मौके पर दुधारू पशुओं के बीमा की पशुपालकों ने जानकारी ली। दूध देने वाली गाय का चार हजार रुपये प्रति लीटर के हिसाब से 60 हजार रुपये तक का बीमा होगा। वहीं छह हजार रुपये प्रति लीटर के हिसाब से भैंस का भी अधिकतम 60 हजार रुपये का बीमा करवाए।

मेले में गदेला गाँव से आईं जुगरा काफी खुश थीं वो बताती हैं, इस मेले में हमने डॉक्टर को भी दिखाया है अपने पशुओं के मिनिरल मिक्चर भी लिया है और पेट के कीड़े की दवा भी ली। यहां आकर हम बहुत खुश हैं।''


पशु चिकित्सा में आए सैंकड़ों पशुओं को इलाज किया गया। मेले पशुओं को इलाज कर रहें बी.के.टी के पशुचिकित्सक अधिकारी डॉ ओम प्रकाश बताते हैं, "ज्यादा पशुपालक पशुओं के थनों की दिक्कतों को लेकर आए साथ कुछ पशुपालकों ने अपने पशुओं का कृत्रिम गर्भाधान भी कराया। ऐसे मेलों को पशुपालकों को काफी फायदा मिलता।'' मेले में आए पशुपालकों को सर्दियों में अपने पशुओं का रख-रखाव किस तरह करें इसके बारे में भी बताया गया।










     

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