अनुदेशक शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर किया प्रदर्शन
Vinay Gupta 3 Aug 2016 5:30 AM GMT
लखनऊ। प्रदेश भर से आये अनुदेशक शिक्षकों ने अपनी सात सूत्रीय मांगों के हक में शहर में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन करने वाले अनुदेशकों का कहना था कि मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद भी मांगें पूरी नहीं की गयी हैं इसलिए मजबूरीवश हम लोगों को इस प्रदर्शन के लिए मजबूर होना पड़ा है।
गौरतलब है कि प्रदेश में 38 हजार अनुदेशक हैं जिनको मुलायम सिंह यादव ने समायोजित करने का फैसला किया था। साथ ही इस बारे में मुख्यमंत्री ने भी आश्वासन दिया था लेकिन कई बार प्रदर्शन के बावजूद अभी तक उनका समायोजन नहीं हो सका जिसके चलते अनुदेशक शिक्षकों में रोष है। उच्च प्राथमिक अनुदेशक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के बैनर तले शिक्षक अपनी सात सूत्री मांगों को लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय का घेराव करने जा रहे थे लेकिन पुलिस ने उन्हें कैपिटल तिराहे के पास बैरिकेडिंग लगाकर रोक लिया। इससे आक्रोशित होकर अनुदेशकों ने सड़क पर डेरा जमा दिया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
अनुदेशक शिक्षकों ने विधान सभा के आस-पास प्रदर्शन के दौरान 'नेताजी वादा निभाओ', 'अखिलेश भईया वादा निभाओ' के नारे लगाये। इस दौरान उनकी पुलिस से झड़प भी हुई। इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री को संबोधित मांगपत्र जिला प्रशासन को सौंपा। पुलिस ने उन्हें वार्ता कराने का आश्वासन देकर गिरफ्तार कर रमाबाई अंबेडकर मैदान भेज दिया। प्रदर्शन करने वाले सभी शिक्षक अनुदेशक बेसिक शिक्षा मंत्री से बात करने की मांग पर अड़े थे लेकिन प्रशासन द्वारा उनको बस में भरकर रमाबाई मैदान भेज दिया गया। देर शाम एसोसिएशन का पांच सदस्यीय दल शिक्षाधिकारियों से मिला जिसके बाद धरना प्रदर्शन समाप्त किया गया।
उच्च प्राथमिक अनुदेशक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष तेजस्वी शुक्ला ने बताया कि अनुदेशक शिक्षक पूर्णकालिक अध्यापकों की तरह शिक्षण कार्य कर रहा है लेकिन उसके बदले अनुदेशकों को कुल मानदेय 8470 रुपए प्रतिमाह ही दिया जा रहा है जो कि बेहद कम है। उन्होंने अनुदेशको का मानदेय बढ़ाने की मांग करते हुए सरकार से उनका न्यूनतम वेतन 25000 रुपये प्रतिमाह किए जाने की मांग की है।
रिपोर्टर- मीनल टिंगल
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