बिना पानी, बिना बिजली के रहने को छात्र मजबूर

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बिना पानी, बिना बिजली के रहने को छात्र मजबूरगाँव कनेक्शन

एटा। ये सरकारी और मुफ्त की व्यवस्थाएं हैं, जिनका हाल भी सरकारी तंत्र की तरह लचर बना हुआ है। सकीट रोड पर संचालित राजकीय छात्रावास अव्यवस्थओं से घिरा है। जहां न बिजली है न पानी, शौचालय और नालियां भी बंद हैं।

अनुसूचित वर्ग के गरीब छात्रों के लिए सकीट रोड पर राजकीय इंटर कॉलेज के पास ही राजकीय छात्रावास स्थित है। इसमें शहर के अंदर पढ़ाई करने वाले दूर-दराज के छात्रों को रहने के अलावा पानी, बिजली आदि सुविधा भी मुफ्त मुहैया कराई जाती है। लेकिन अक्सर यहां अव्यवस्थाएं बनी रहती है। वर्तमान में तो हालात यह बन गए हैं कि छात्रों का रहना दूभर हो गया है। वे यहां से सामान समेटकर छात्रावास छोडऩे का मन बना रहे है।

 छात्रावास में रहने वाला छात्र उमाशंकर ने बताया,''अंतिम बार जुलाई को यहां साफ.-सफाई की गई थी। इसके बाद से अभी तक कोई कर्मचारी नहीं आया और न ही समस्या सुनने कोई अधिकारी। स्थिति यह हुई कि सफाई के अभाव में नालियां और शौचालय जाम हो गए।’’ 

छात्रावास में रहने वाला छात्र अंकित कुमार समस्याओं के बारे में बताता है, ''पिछले सप्ताह बिजली आपूर्ति की मुख्य लाइन का तार टूट गया। इसके बाद से जहां छात्रावास में अंधेरा छाया है, वहीं पानी की विकराल समस्या पैदा हो गई। जलापूर्ति के लिए सबमर्सिबल की ही सुविधा है, जो बिना बिजली के चल नहीं पा रही। जबकि वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में लगाया गया हैंडपंप वर्षों से खराब पड़ा है। ऐसे में छात्र दूर-दूर से पानी भरकर लाने को मजबूर हैं।’’

जिला समाज कल्याण अधिकारी विनोद शंकर तिवारी ने बताया, ''दो महीने पहले ही छात्रावास में काफी मरम्मत कार्य कराए गए हैं। कोई समस्या है तो उनका समाधान कराया जाएगा। इस छात्रावास में किसी  सफाईकर्मी की नियुक्ति न होने के कारण सफाई संबंधी समस्या रहती है। अन्य छात्रावासों के कर्मचारियों से ही समय-समय पर सफाई करा दी जाती है।’’

पुस्तकालय बना सहारा

छात्रावास में असुविधा के कारण अब यहां रहने वाले छात्रों के लिए पास का ही राजकीय पुस्तकालय सहारा बना हुआ है। छात्र शौचालय और स्नान के लिए यहीं आते हैं। लेकिन उनका यह भी कहना है कि कितने दिनों तक उन्हें अनुमति दी जाएगी। यदि यहां भी मना कर दिया गया तो कोई अन्य विकल्प भी नहीं है।

नहीं है कोई भी स्टाफ

यूं तो छात्रावास के लिए वार्डन, सुरक्षा गार्ड आदि की तैनाती होनी चाहिए। लेकिन वर्तमान में यह छात्रावास पूरी तरह छात्रों के ही हवाले है। छात्र विकास ने बताया, ''वार्डन जुलाई से ही नहीं आए। जबकि तीन महीने पहले तक आ रहे सुरक्षा गार्ड भी अब नहीं आ रहे।’’

तहसील दिवस में लगाई गुहार

अव्यवस्थाओं से परेशान छात्रों का सब्र मंगलवार को टूट गया। वे तहसील दिवस में पहुंचे और अधिकारियों को अपनी समस्या बताते हुए प्रार्थना पत्र दिया। यहां अधिकारियों ने दो-चार दिन में समस्या निस्तारण का आश्वासन दिया। लेकिन छात्र संतुष्ट नहीं थे। उनका कहना था कि बिजली-पानी जैसी सुविधा के लिए तो तुरंत ही कार्रवाई करनी चाहिए थी।

रिपोर्टर - बबिता जैन

 

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