चहेतों को बांटी जा रही नगर पंचायत की सोलर लाइट

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चहेतों को बांटी जा रही नगर पंचायत की सोलर लाइटgaonconnection

शोहरतगढ़ (सिद्धार्थनगर)। कस्बे को दूधिया रोशनी से सजाने का सपना संजोए सभासदों की मंशा पर पानी फिर रहा है। नगर पंचायत में 24 लाख रुपए से खरीदे गए 160 अदद एलईडी व सोलर लाइटों से सभासदों ने कस्बे में हर तरफ रोशनी की उम्मीद जगाई थी, लेकिन चेयरमैन के करीबियों में रेवड़ी की तरह बंट रही लाइट सभासदों को चुप्पी तोड़ने को मजबूर करने लगी है। करीबियों में बांटी जा रही लाइटों को लेकर नगर पंचायत अध्यक्ष व सभासद में नोकझोंक भी चुकी है।    

दरअसल, नगर पंचायत अपने कार्यों को लेकर चर्चा में बना रहता है, लेकिन जिम्मेदार इन सबसे अन्जान बने हुए हैं। कस्बे को रोशन करने के लिए सभासदों ने प्रस्ताव पास कर जनवरी माह में 6.40 लाख रुपए की लागत से 80 अदद एलईडी स्ट्रीट लाइट व जून महीने में 17.60 रुपए की लागत से 80 अदद सोलर लाइटों की खरीदारी करायी।

इससे सभासदों के साथ जनता में भी उम्मीद जगी कि कस्बे के हर चौराहों और गलियों में एलईडी स्ट्रीट लाइट और सोलर लाइट लगने से कस्बे की रंगत दिल्ली के चांदनी चौक की तरह होगी। देर रात तक दुकानें खुली रहेंगी। जो रात के समय आकर्षण का केंद्र होंगी, लेकिन यह सोलर लाइटें नीबी दोहनी, गड़ाकुल ग्राम सभा के साथ ग्रामीण इलाकों में बने सरकारी दफ्तरों को रोशन कर रही हैं।

अब तक चेयरमैन की मंशा के हिसाब से नगर व ग्राम सभाओं में आधा दर्जन एलईडी स्ट्रीट लाइट और 13 सोलर लाइट करीबियों के आवासों व सरकारी दफ्तरों पर लगायी जा चुकी हैं। इसे लेकर दो सप्ताह पहले चेयरमैन के पति और सभासद से नोकझोंक भी हो चुकी है। हालांकि लाइट को लेकर विवाद झेल रहे नगर पंचायत के जिम्मेदारों ने 16 जून को चेयरमैन के एक करीबी के आवास से एलईडी स्ट्रीट लाइट उतरवा ली है। 

छह महीने बाद भी नहीं लगी एलईडी 

चैराहों और गली मोहल्लों को रोशन करने के लिए 80 अदद एलईडी स्ट्रीट लाइट को खरीदे हुए छह महीने बीत चुके हैं लेकिन अभी तक 50 एलईडी स्ट्रीट लाइट ही लग सकी हैं। ऐसे में शेष बचे 30 एलईडी कब लगेंगे यह लोगों में सवाल खड़ा कर रहा है।  

पावर सीज होते ही निविदा कराया था रद‍्द

80 एलईडी स्ट्रीट लाइट की प्राइवेट खरीदारी के लिए चेयरमैन ने 22 हजार रुपए प्रति लाइट का स्टीमेट तैयार करा कर निविदा करायी थी। खरीदारी होने से पहले ही 15 अक्टूबर 2015 को वित्तीय कार्य में अनियमितता के आरोप में शासन ने चेयरमैन का पावर सीज कर दिया था। मौका पाते ही प्राइवेट खरीदारी में अधिक लागत होने के नाते अधिशाषी अधिकारी विकास आनन्द ने निविदा कैंसिल करा दी थी और चेयरमैन एडीएम पीके जैन के कार्यकाल में नेडा विभाग से 8 हजार रुपए प्रति लाइट खरीदारी करायी थी।

रिपोर्टर - सुजीत अग्रहरि

 

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