देर से ही सही...जागी सरकार, सूखे के लिए जारी किए 12,000 करोड़ रुपये

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की सख्ती और नाराज़गी के बाद आखिरकार केंद्र सरकार को सूखे से परेशान लोगों की याद आ ही गई। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 12 हजार 230 करोड़ रुपये जारी किए हैं। इन पैसों का इस्तेमाल सरकार मनरेगा की मज़दूरी के भुगतान और सूखा प्रभावित क्षेत्रों के लिए करेगी। कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहां कि सूखे और जल प्रबंधन के मामले मंप केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर काम कर रही हैं।

उससे सूखे के असर पर काबू पाने में आसानी होगी। राधा मोहन सिंह ने कहा है कि पिछले साल की तुलना में इस साल सूखा ज्यादा है और बारिश कम हुई है। लेकिन कृषि मंत्री ने ये भी दावा किया है कि इस साल उत्पादन ज्यादा होगा। महाराष्ट्र में सूखे के हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं। महाराष्ट्र के लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। पानी पर धारा 144 लागू है यानी चार से ज्यादा लोग पानी के टैंकर के पास खड़े नहीं हो सकते।

सूखे की चपेट में देश के कई राज्य

देश के दस राज्य इस वक्त सूखे का सामना कर रहे है। पीने के पानी को लेकर देश के कई राज्यों में हाहाकार मचा हुआ है। सूखे में फसल की बरबादी ने किसानों की कमर तो तोड़ ही दी है, लेकिन उनके सामने अब जिंदगी बचाने के लिए पीने के पानी का नया संघर्ष खड़ा हो गया है। महाराष्ट्र, कर्नाटक, बुंदेलखंड, तेलंगाना में हालात बद से बदतर हैं।

1. बुंदेलखंड

बुंदेलखंड में सूखे से लोग बेहाल हैं। मनरेगा में काम न मिलने से लोगों ने गांव छोड़ दिए हैं। गांवों में बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे ही रह गए हैं। बुंदेलखंड के टीकमगढ़ में बंदूकों से पानी की निगरानी की जा रही है। 52 दिन की औसत बारिश अब 23 दिन तक सिमट गई है।

2. मराठवाड़ा

देश में सूखे का सबसे ज्यादा कहर यहीं देखने को मिलता है। मराठवाड़ा के परभणि और लातूर में पानी के लिए धारा 144 तक लगानी पड़ी है। मराठवाड़ा के 11 में से 7 बांध सूखे हैं। सरकार एक हफ्ते में 200 लीटर पानी ही देती है। लोग 8 दिन तक कपड़े ना धोने को मजबूर हैं। 12 हजार लीटर पानी का टैंक 10 मिनट में खाली हो जाता है।

3. कर्नाटक

कर्नाटक के कई इलाके भी सूखे की चपेट में हैं खासतौर पर उत्तरी कर्नाटक के जिले। बीदर जिले में एक घड़ा एक घंटे में भरता है। बीदर में लोग आधी बाल्टी से नहाते हैं। गुफा का पानी सूखने से नरसिंह मंदिर के दर्शन बंद कर दिए गए हैं। उत्तर कर्नाटक के 12 जिलों में पिछले तीन साल से सूखा है।

4. छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में सूखे की हालत ऐसी है कि लोगों के लिए पीने के पानी का बड़ा संकट खड़ा हो गया है। एबीपी न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया है कि छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में लोगों को अपनी प्यास बुझाने के लिए पहाड़ पर चढ़ना पड़ता है। छत्तीसगढ़ के 5 जिले सूखे की चपेट में हैं। बलरामपुर में एक किलोमीटर चलने के बाद पीने का पानी मिलता है। 800 लोगों के पीने का पानी का सिर्फ एक छोटा सा स्रोत है। तीन साल में छत्तीसगढ़ में 302 किसानों ने खुदकुशी की।

5. तेलंगाना

तेलंगाना तीन साल से सूखे से जूझ रहा है। ऐसे मे यहां के लोग भी पीने के पानी के लिए बहुत परेशान हैं।

6. आंध्रप्रदेश

आंध्र प्रदेश भी तीन साल से सूखे से जूझ रहा है. यहां भी एक-एक बूंद के लिए लोग तरस रहे हैं.

7. राजस्थान

राजस्थान से किसानों की आत्महत्या की खबरें अक्सर आती रहती हैं। राज्य के 19 जिले सूखे की चपेट में हैं।

 

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