सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की संख्या बढ़ाने के प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी, संसद में पेश होगा विधेयक

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सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की संख्या बढ़ाने के प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी, संसद में पेश होगा विधेयक

लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट में मकदमों के बढ़ते बोझ को देखते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या को 30 से बढ़ाकर 33 करने की मंजूरी दे दी है। कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि अब सुप्रीम कोर्ट में भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के अलावा 33 और न्यायाधीश होंगे। उन्होने कहा कि न्यायाधीशों की संख्या बढ़ाने वाले विधेयक को संसद में मंजूरी मिलने बाद न्यायालय में न्यायाधीशों की कुल संख्या सीजेआई समेत 34 हो जाएगी।

आखिरी बार 2009 में बढ़ाई गई थी न्यायाधीशों की संख्या

उच्चतम न्यायालय (न्यायाधीशों की संख्या) कानून, 1956 आखिरी बार 2009 में संशोधित किया गया था। उस समय सीजेआई के अलावा न्यायाधीशों की संख्या 25 से बढ़ाकर 30 की गई थी। मंत्रिमंडल का फैसला ऐसे समय आया है जब भारत के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या बढ़ाने के लिए कहा था। राज्यसभा में एक सवाल पर 11 जुलाई को कानून मंत्रालय के लिखित जवाब के अनुसार सुप्रीम कोर्ट में 59,331 मामले लंबित हैं।

चीफ जस्टिस ने भी न्यायाधीशों की संख्या को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री को भी लिखा था पत्र

सीजेआई ने कहा था कि न्यायाधीशों की कमी के कारण कानून के सवालों से जुड़े महत्वपूर्ण मामलों में फैसला लेने के लिए आवश्यक संवैधानिक पीठों का गठन नहीं किया जा रहा। उन्होंने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि आपको याद होगा कि करीब तीन दशक पहले मामलों का शीघ्र हल करने के लिए उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों की संख्या 18 से बढ़ाकर 26 की गई और फिर एक बार 2009 में दो दशक बाद सीजेआई समेत न्यायाधीशों की संख्या 31 कर दी गई। लेकिन एक बार फिर न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है ताकि लंबित मामलों का जल्दी निस्तारण हो सके।

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उच्चतम न्यायालय (न्यायाधीशों की संख्या) संशोधन कानून के तहत 1960 में न्यायाधीशों संख्या 13 थी और 1977 में 17 कर दी गई थी। लेकिन फिर से मंत्रिमंडल ने 1979 के अंत तक उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों की संख्या मुख्य न्यायाधीश के अलावा 15 तक सीमित कर दी। लेकिन भारत के मुख्य न्यायाधीशों के अनुरोध पर यह सीमा हटा दी गई थी। साल 1986 में उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों की संख्या सीजेआई के अलावा बढ़ाकर 25 कर दी गई थी। इसके बाद उच्चतम न्यायालय संशोधन कानून, 2009 में यह संख्या बढ़ाकर 30 कर दी गई।

   

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