चमकी बुखार: सुप्रीम कोर्ट ने बिहार, यूपी और केंद्र सरकार को भेजा नोटिस
याचिका में कहा गया कि चमकी बुखार से हर साल बच्चों की मौतें हो रही हैं लेकिन इस बीमारी का कोई स्थायी समाधान नहीं तलाशा गया
गाँव कनेक्शन 15 July 2019 11:13 AM GMT
नई दिल्ली। बिहार में दिमागी बुखार से निपटने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, बिहार और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट में ये याचिका वकील शिवकुमार त्रिपाठी ने दाखिल की है। याचिका में कहा गया कि पिछले 50 साल में करीब 50 हजार बच्चों की मौत चमकी बुखार से हुई है लेकिन अभी तक इस बीमारी का कोई स्थाई हल नहीं निकाला गया है।
पिछले सप्ताह बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल किया और कहा था कि, वर्तमान समय में बिहार की स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर नहीं हैं। इसके साथ ही प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग में करीब 50 फीसदी पद खाली हैं। सरकार का यह भी मानना है कि स्वास्थ्य विभाग में 47 फीसदी डॉक्टरों के पद और 71 फीसदी नर्सों के पद खाली हैं।
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बारिश होने के बाद मुजफ्फरपुर में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से पीड़ित बच्चों के अस्पताल पहुंचने का सिलसिला कम हुआ था कि गया में अज्ञात बीमारी से पीड़ित बच्चे दम तोड़ने लगे। अज्ञात बीमारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर आठ हो गई है। इस बीमारी को बिहार में दिमागी बुखार और चमकी बुखार भी कहा जा रहा है।
एक स्वास्थ्य अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि गया के अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कलेज और अस्पताल (एएनएमसीएच) में दो जुलाई से अब तक 33 बच्चों को इलाज के लिए भर्ती कराया गया है, जिनमें से आठ बच्चों की मौत हो चुकी है।
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