महाराष्ट्र: जीएम बीज बोने पर किसानों के खिलाफ मामला दर्ज, ये है पूरा मामला
गाँव कनेक्शन 26 Jun 2019 11:43 AM GMT
लखनऊ। प्रतिबंधित हर्बिसाइड-टोलेरंट बीटी (एचटीबीटी) कपास के बीज की बुआई के आरोप में बुधवार को महाराष्ट्र में 12 किसानों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस के अनुसार ये किसान अकोला जिले के हैं।
पुलिस के अनुसार आनुवांशिक रूप से संवर्द्धित बीटी (बेसिलस थूरिंगिनसिस) कपास और बैंगन के बीज के इस्तेमाल पर केंद्र सरकार ने प्रतिबंध लगाया था। इसके खिलाफ शेतकारी संगठन द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन के तहत अडगांव और अकोली जहांगीर गांवों में किसानों ने अपने खेतों में बीज बोएं। पूर्वी महाराष्ट्र के इस जिले में 10 जून को सैकड़ों किसानों ने कपास और बैंगन के जीएम बीज से बुआई की थी।
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संगठन ने जीएम फसल पर प्रतिबंध का विरोध करते हुए दावा किया है कि है इससे उन्हें कम लागत पर अच्छी पैदावार मिलती है और किसानों को फायदा होता है। हिवारखेड थाने के एक अधिकारी ने बताया कि कृषि विभाग की शिकायत के आधार पर हिवारखेड और अकोट थाने में दो प्राथमिकी दर्ज की गई है।
जिन लोगों पर मामले दर्ज किए गए हैं उनमें संगठन के प्रवक्ता ललित बहाले भी हैं। हिवारखेड थाने के निरीक्षक सोमनाथ पवार ने बताया कि भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और पर्यावरण संरक्षण कानून तथा बीज कानून के तहत किसानों के खिलाफ मामले दर्ज किया गया है।
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गौरतलब है कि इससे पहले गुजरात में अप्रैल माह की शुरूआत में पेप्सिको ने 4 किसानों पर मुकदमा किया था कि वे अवैध रूप से आलू की एक ऐसी किस्म (FL-2027) को उगा और बेच रहे थे जिसे पेप्सिको ने रजिस्टर करा रखा है। कंपनी का दावा था कि आलू के इस किस्म (FL-2027) से वो Lays ब्रैंड के चिप्स बनाती है और इसे उगाने का उसके पास एकल अधिकार है।
कंपनी ने प्रोटेक्शन ऑफ प्लांट वैराइटी एंड फार्मर्स राइट एक्ट, 2001 के तहत FL 2027 किस्म को 2012 में पंजीकृत कराया था। ऐसे में किसानों द्वारा इसे उगाकर बेचना गैर कानूनी था। पेप्सिको ने वाणिज्यिक अदालत में इन चार किसानों से मुआवजे के तौर पर 4 करोड़ 20 लाख देने की बात कही थी। यानि हर किसान से 1 करोड़ पांच लाख मुआवजा देना पड़ता। (इनपुट भाषा)
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