सीबीआई विवाद: आलोक वर्मा के खिलाफ सीवीसी रिपोर्ट में क्लीन चिट नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने कहा, कुछ और जांच की जरूरत
गाँव कनेक्शन 16 Nov 2018 7:49 AM GMT
नई दिल्ली। विवाद के बाद अवकाश पर भेजे गए डायरेक्टर आलोक वर्मा के खिलाफ केन्द्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की गोपनीय रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि यह रिपोर्ट इस ओर इशारा करती है कि वर्मा के खिलाफ लगाए गए आरोपों को लेकर कुछ और जांच की जरुरत है।
उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को आदेश दिया कि सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के खिलाफ लगे आरोपों की जांच से जुड़ी सीवीसी की रिपोर्ट उन्हें सीलबंद लिफाफे में सौंपी जाए। न्यायालय ने वर्मा से इस पर सोमवार तक जवाब देने को कहा।
Supreme Court says it will give CVC report to CBI Director Alok Verma in a sealed cover and he can file his response and then court can take a decision. Supreme Court refuses to give the inquiry report to CBI Special Director Rakesh Asthana.
— ANI (@ANI) November 16, 2018
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने केन्द्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की रिपोर्ट अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल और सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता को भी देने को कहा है। पीठ ने कहा कि आलोक वर्मा के खिलाफ लगे कुछ आरोपों का सीवीसी की रिपोर्ट समर्थन नहीं करती है और कुछ मामलों में उसका कहना है कि और जांच की जरूरत है।
न्यायालय ने कहा कि आलोक वर्मा सोमवार तक सीलबंद लिफाफे में अपना जवाब दाखिल करें। मामले की सुनवाई अब मंगलवार को होगी। न्यायालय ने सीवीसी रिपोर्ट की प्रति मुहैया कराने संबंधी सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना का अनुरोध ठुकरा दिया।
बता दें कि केंद्र सरकार ने बीते 23 अक्टूबर को केंद्रीय सतर्कता आयोग की सलाह पर आलोक वर्मा से सारे अधिकार वापस ले लिए और उन्हें छुट्टी पर भेज दिया था। वर्मा की जगह पर एम नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक नियुक्त कर दिया था।
शुक्रवार को इस मामले में आगे की सुनवाई शुरू हुई तो केंद्रीय सतर्कता आयोग के बाद जस्टिस पटनायक ने भी अपनी रिपोर्ट सौंप दी। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि सीवीसी ने दस्तावेज के साथ पूर्ण रिपोर्ट सौंपी है। हालांकि रिपोर्ट के मामले में कुछ मुद्दे बेहद पेंचिदा हैं। कुछ और आरोपों के जांच की जरुरत है।
इनपुट : एजेंसी
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