इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर उत्तर प्रदेश की महिला जज पर देहरादून पुलिस ने किया मुकदमा दर्ज 

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इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर उत्तर प्रदेश की महिला जज पर देहरादून पुलिस ने किया मुकदमा दर्ज ।महिला जज ने पुलिसकर्मियों के साथ की मारपीट।

लखनऊ। थाने में पुलिसकर्मियों से मारपीट कर अपने पद का दुरूपयोग करने वाली महिला जज के खिलाफ देहरादून पुलिस ने कार्रवाई की है। देहरादून के प्रेमनगर थाने में ड्यूटी पर तैनात पुलिस कांस्टेबल पर थप्पड़ जड़ने वाली महिला जज के खिलाफ देहरादून पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। मामला महिला जज से जुड़ा था इसके लिए बाकायदा इलाहाबाद हाईकोर्ट से मुकदमा दर्ज करने की परमिशन ली गई। जिसके बाद विभिन्न धाराओं के तहत महिला जज पर मुकदमा दर्ज किया गया है।

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ये है मामला

पुलिस के मुताबिक 11 सितंबर को पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी में लॉ द्धितीय वर्ष के छात्र रोहन पाठक व प्रभात आर्य के बीच कार की तेज रफ्तार को लेकर मारपीट हो गई। मारपीट में दोनों पक्षों से अन्य छात्र भी आ गए। अगले दिन 12 सितंबर को एक बार फिर दोनों गुटों में मार-पीट हो गई। सूचना मिलने पर प्रेमनगर पुलिस यूनिवर्सिटी पहुंची और दोनों पक्षों को थाने ले आई। जानकारी के मुताबिक दोपहर करीब दो बजे छात्र रोहन पाठक की माँ जया पाठक अपने पति देवेश पाठक के साथ थाने आ गई। जया पाठक उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में फेमिली कोर्ट में अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (एडीजे) के पद पर नियुक्त हैं।

बतौर पुलिस माता-पिता के सामने रोहन उग्र हो गया और दूसरे पक्ष की कार में तोड़-फोड़ करने लगा। इस पूरे घटनाक्रम का एक पुलिसकर्मी मोबाइल से वीडियो बना रहा था। ये देखकर जज साहिबा नाराज हो गई और वीडियो बना रहे पुलिस कर्मी को कई थप्पड़ जड़ दिए। जज साहिबा ने अपना परिचय देते हुए थानाध्यक्ष नरेश राठौर के साथ भी अभद्रता की जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

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ये मुकदमा हुआ दर्ज

महिला जज पर सरकारी कार्य मे बाधा पहुंचाना, गाली गलौच करना और जान से मारने की धमकी देने का मुकदमा दर्ज हुआ है। इस मामले की जांच के लिए किसी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को नियुक्त किया जाएगा। जिससे किसी भी दवाब में आये बिना जांच को आगे बढ़ाया जाए।

एसएचओ नरेश सिंह राठौड़ ने बताया कि पहले महिला को बहुत समझाने की कोशिश की गई। लेकिन महिला ने गाली के साथ ही सिपाही से मारपीट शुरू कर दी। बीच-बचाव करने पर उनपर भी हाथ उठाने की कोशिश की। मुकदमा दर्ज करने को लेकर हाईकोर्ट की परमिशन के बाद कहीं न कहीं पुलिस का मनोबल और कानून के प्रति सम्मान बढ़ा है।

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