कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लेने के बावजूद हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री कोरोना पॉजिटिव, भारत बायोटेक ने बताया ऐसा क्यों ?
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। भारत में कोवैक्सीन नाम से वैक्सीन बना रही भारत बायोटेक की ओर से स्वास्थ्य मंत्री को 15 दिन पहले क्लिनिकल ट्रायल के दौरान पहली डोज दी गयी थी।
गाँव कनेक्शन 5 Dec 2020 3:18 PM GMT
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज कोरोना पॉजिटिव हैं। आज सुबह ट्वीट कर उन्होंने इस बात की जानकारी दी। इससे ठीक 15 दिन पहले यानी 20 नवंबर को उन्हें भारत बायोटेक के तीसरे चरण के परिक्षण के दौरान कोरोना वैक्सीन की डोज दी गयी थी। भारत बायोटेक कोवैक्सीन नाम से कोरोना वैक्सीन बना रही है।
वैक्सीन की डोज देने के बावजूद हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने को लेकर भारत बायोटेक ने अपनी सफाई दी है। भारत बायोटेक ने सोशल मीडिया पर कहा है कि कोवैक्सीन की क्लिनिकल ट्रायल दो खुराक के कार्यक्रम पर आधारित हैं। वैक्सीन के प्रभाव के बारे में जानकारी के लिए पहली खुराक के 14 दिन बाद दूसरी खुराक जरूरी है।
फिलहाल हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को अंबाला छावनी में सिविल हॉस्पिटल के आईसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया है। आज उन्होंने अपने कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी देते हुए ट्वीट में कहा कि जो लोग उनके संपर्क में आये हैं, वे सभी अपना कोरोना टेस्ट करवा लें।
I have been tested Corona positive. I am admitted in Civil Hospital Ambala Cantt. All those who have come in close contact to me are advised to get themselves tested for corona.
— ANIL VIJ MINISTER HARYANA (@anilvijminister) December 5, 2020
अभी भारत बायोटेक समेत कई फार्मा कंपनियों के वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल भारत में चल रहे हैं। इसमें भारत बायोटेक ने अपनी कोवैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल हरियाणा के रोहतक में भी किये। इस दौरान हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री ने वॉलंटियर के तौर पर खुद को कोवैक्सीन का टीका लगवाया था। तब पीजीआई रोहतक की टीम की निगरानी में स्वास्थ्य मंत्री को टीका लगाया गया था।
भारत बायोटेक कंपनी से जुड़ी शीला पनिकर के अनुसार, कोरोना वैक्सीन को लेकर थर्ड स्टेज की तैयारी 16 नवम्बर से शुरू की गयी है, तीसरे चरण में देश के 13 राज्यों के 25 अलग-अलग केन्द्रों पर 26 हजार से ज्यादा वालंटियर्स पर ट्रायल किया जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि 2021 के जून महीने तक वैक्सीन आ सकती है। इसी के तहत हरियाणा राज्य में भी ट्रायल किये गए थे।
COVAXINᵀᴹ trials are based on a 2-dose schedule, given 28 days apart. The vaccine efficacy will be determined 2 weeks after the 2nd dose. pic.twitter.com/ZKmGuKbBMf
— BharatBiotech (@BharatBiotech) December 5, 2020
प्लेसिबो भी हो सकता है कारण
दूसरी ओर पिछले करीब 50 वर्षों से भारत सरकार के सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम से जुड़े रहे और भारत में कई वैक्सीन पर काम कर चुके पब्लिक हेल्थ स्पेशलिस्ट के. सुरेश किशनराव स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को कोरोना वैक्सीन की डोज दिए जाने के बावजूद उनके कोरोना पॉजिटिव होने को लेकर प्लेसिबो को भी कारण मानते हैं।
के. सुरेश किशनराव 'गाँव कनेक्शन' से बताते हैं, "हर वैक्सीन के जब क्लिनिकल ट्रायल इंसानों पर शुरू होते हैं तो प्लेसिबो भी एक बड़ा कारण हो सकता है। क्लिनिकल ट्रायल के दौरान 50 फीसदी को वैक्सीन की डोज दी जाती है, प्लेसिबो में वे लोग होते हैं जिन्हें वैक्सीन की डोज नहीं दी जाती है और यह उस डॉक्टर को भी पता नहीं होता है जो वालंटियर को डोज दे रहा होता है। इसलिए क्लिनिकल ट्रायल में यह भी जरूरी नहीं होता कि उस वालंटियर को वैक्सीन की डोज दी ही गयी हो।"
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