विशेष : आपकी दिवाली पड़ सकती है पशुओं पर भारी  

Diti BajpaiDiti Bajpai   26 Oct 2019 10:45 AM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
विशेष : आपकी दिवाली पड़ सकती है पशुओं पर भारी  दिवाली पर दिल्ली-एनसीआर में सुप्रीम कोर्ट ने एक नवंबर तक पटाखों की बिक्री पाबंदी लगायी 

लखनऊ। दिवाली पर होने पर आतिशबाजी जितना पर्यावरण और इंसानों को नुकसान पहुंचाती है, उससे कहीं ज्यादा इससे पशु-पक्षियों को नुकसान होता है। पशु-पक्षियों में सुनने और देखने की क्षमता को कम करने के साथ-साथ उनको सांस से जुड़ी कई बीमारियां हो जाती है।

दिवाली के दिन जानवरों को ऐसी जगह रखें जहां पर वह सुरक्षित हो और पटाखों की आवाज उन तक कम पहुंचे। " तेज़ आवाज़ करने वाले पटाखें और ज्यादा धुंआ देने वाले पटाखों का प्रयोग कम करना चाहिए क्योंकि ये सब जानवरों को नुकसान पहुंचाते है। दिवाली रोशनी और खुशी का त्योहार है,जो लोगों ने शोर और धुंए में बदल दिया है।" दिल्ली स्थित संजय गांधी एनिमल केयर सेंटर में कार्यरत अम्बिका शुक्ला ने बताया।

यह भी पढ़ें- हमारी कुछ मिनटों की खुशी, कहीं इन जानवरों की न बढ़ा दे परेशानी

" ग्रामीण क्षेत्रों की अपेक्षा शहरी क्षेत्रों में दिवाली के दिन ज्यादातर घायल पशु के केस आते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में पेड़-पौधे ज्यादा होते हैं, जो पटाखों में प्रयोग होने कैमिकल को अवशोषित कर लेते हैं, लेकिन शहरी क्षेत्रों में ऐसा नहीं होता है। कुत्तों के दिल बहुत कमजोर होते हैं, इसलिए पटाखों को कम जलाना चाहिए।'' ऐसा बताते हैं, जीव आश्रय संस्था में पशु चिकित्सक डॉ. सूर्य प्रकाश मिश्रा।

कई पटाखों की चिंगारियां इतनी घातक होती कि उनके पशु-पक्षी घायल हो जाते हैं। " कई पटाखों की चिंगारियां इतनी घातक होती कि उनके पशु-पक्षी घायल हो जाते हैं। कई नन्हे पक्षी मर जाते हैं और पटाखे से फैले प्रदूषण से उनका श्वसन तंत्र भी खराब हो जाता है।" डॉ. सूर्य प्रकाश मिश्रा ने बताया।

यह भी पढ़ें-विश्व पशु दिवस: जानिए जानवरों के कानूनी अधिकार

नोएडा स्थित संस्थान अभ्यदानम संस्था पिछले दो वर्षों से पक्षियों को बचाने के लिए कार्य कर रही है। इस संस्था ट्रस्टी गौरव जैन बताते हैं, "सर्दियां शुरू होते ही पक्षियों का प्रजनन काल पूरा हो जाता है। दिवाली के समय तक पक्षियों के छोटे-छोटे बच्चे घोसले में होते है या फिर अंडे। तेज़ आवाज़ से उसकी मां तो डर के उड़ जाती है,वहीं उसके बच्चों की गिरने से मौत हो जाती है। दिवाली पर लोगों को दीप जलाकर खुशियां मनानी चाहिए।"


         

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.