फोनी चक्रवात की तबाही से नहीं मिली राहत, एक महीने बाद भी अंधेरे में रह रहे 1.64 लाख परिवार

ओडिशा फोनी चक्रवात की तबाही के असर से अभी भी जूझ रहा है। पुरी के समीप फोनी चक्रवात द्वारा तबाही मचाने के एक महीने बाद भी ओडिशा के तटीय जिलों में 1.64 लाख परिवारों के पांच लाख से अधिक लोग गर्मी और उमस भरे मौसम में रह रहे हैं।

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फोनी चक्रवात की तबाही से नहीं मिली राहत, एक महीने बाद भी अंधेरे में रह रहे 1.64 लाख परिवार

लखनऊ। ओडिशा फोनी चक्रवात की तबाही के असर से अभी भी जूझ रहा है। पुरी के समीप फोनी चक्रवात द्वारा तबाही मचाने के एक महीने बाद भी ओडिशा के तटीय जिलों में 1.64 लाख परिवारों के पांच लाख से अधिक लोग गर्मी और उमस भरे मौसम में रह रहे हैं। यहां चक्रवात की वजह से ठप हुई बिजली आपूर्ति अभी तक बहाल नहीं हो पाई है।

एक अधिकारी ने बताया कि तीन मई को आए फोनी का सर्वाधिक कहर पुरी जिले पर टूटा था। यहां 2,91,171 प्रभावित उपभोक्ताओं में से केवल 1,51,889 को ही फिर से बिजली मिल पाई है। फोनी से राज्य के 14 जिलों के कुल 1.65 करोड़ परिवार प्रभावित हुए हैं। इस चक्रवात की चपेट में आने से लगभग 64 लोगों की जान चली थी। अकेले पुरी जिले में 39 लोगों की मौत हुई।


गांव कनेक्‍शन की टीम ने फोनी चक्रवात आने के बाद यहां रिपोर्ट की थी। इस दौरान पुरी के जिलाधिकारी बलवंत सिंह ने भी स्वीकार किया था कि सिर्फ पुरी में ही लगभग चार से पांच हजार करोड़ रूपए का नुकसान हुआ है, जबकि फोनी तूफान से ओडिशा के 14 जिलों के 51 शहर और 18,388 गांव प्रभावित हुआ है। इस तूफान से लगभग 1.65 करोड़ लोगों का जीवन प्रभावित हुआ, वहीं करीब पांच लाख घरों को नुकसान पहुंचा है। अब तक कुल 64 लोगों की मौत इस तूफान की वजह से हो चुकी है।

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भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के बेहतर वॉर्निंग सिस्टम और प्रदेश सरकार की युद्ध स्तर की तैयारियों के चलते ओडिशा में हजारों लोगों की जान बचाई जा सकी है। वर्ष 1999 में आए भीषण तूफान ने करीब 10 हजार लोगों की जान ले ली थी। लेकिन इस बार आईएमडी के नए क्षेत्रीय तूफान मॉडल (रीजनल हूरिकेन मॉडल) से पहले मिली सूचना से जान-माल को नुकसान होने से पहले बचा लिया गया।


ओडिशा के तट पर इस माह के शुरू में तबाही मचाने वाले चक्रवात फोनी के बारे में ताजा जानकारियां देने के लिए पूर्वी और दक्षिणी भारत के लोगों को भारतीय मौसम विभाग ने करीब 65 लाख एसएमएस भेजे गए थे। केंद्र सरकार को भेजी गई एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।

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इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने आंध्रप्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, असम, कर्नाटक, तमिलनाडु और पुडुचेरी के किसानों को 59 लाख से अधिक संदेश भेज कर उन्हें ऐहतियाती उपाय करने की सलाह दी थी। 59,37,365 संदेशों में से लगभग आधे संदेश ओडिशा के किसानों को भेजे गए। फोनी से सर्वाधिक तबाही ओडिशा में हुई।


स्थानीय भाषाओं में भेजे गए कुछ संदेशों में कहा गया था पशुओं और कुक्कुट पक्षियों को सुरक्षित जगहों पर रखें। फसल की कटाई का काम फिलहाल टाल दें और काटे गए फसल उत्पाद को सुरक्षित स्थान पर रखें। आंध्रप्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, असम, कर्नाटक, तमिलनाडु और पुडुचेरी के किसानों को संदेश 26 अप्रैल से तीन मई के दौरान भेजे गए जब तूफान ने ओडिशा के तट पर दस्तक दी और बड़े पैमाने पर विनाश हुआ।

चक्रवात प्रभावित इलाकों में एक महीने में पेयजल, बैंकिंग, दूरसंचार एवं अन्य सेवाओं में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। ओडिशा के स्कूल एवं सामूहिक शिक्षा मंत्री समीर रंजन दास ने कहा कि अधिकारियों से स्कूलों की मरम्मत करने को कहा गया है क्योंकि गर्मी की छुट्टियां 19 जून को खत्म हो जाएंगी। पुरी के रहने वाले दास ने कहा कि जिले के ग्रामीण इलाकों में बिजली बहाल करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। (इनपुट भाषा)


  

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