हो जाइए सावधान, दस दिनों तक किसान शहर में नहीं भेजेंगे सब्जी और दूध
गाँव कनेक्शन 3 May 2018 12:40 PM GMT
लखनऊ। मंहगाई से जूझ रही जनता पर एक और समस्या आने वाली है। देश के अन्नदाताओं के एक ऐलान से सरकार और लोगों की चिंता बढ़ गई है। एक जून से 10 जून तक दूध, सब्जी और आपूर्ति बाधित करने में जुटे किसान संगठनों ने बुधवार को चंडीगढ़ में बैठकर कर साझा रणनीति तैयार की। किसानों ने कहा अब जून के इन 10 दिनों में गांव से बाहर कोई सामान ही हीं भजेंगे, किसानों की नाराजगी उपज के सही मूल्य को लेकर है।
चंडीगढ़ में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कई किसान संगठनों से जुड़े किसान नेता इकट्ठे हुए और एग्रीकल्चरल एक्टिविस्ट देविंदर शर्मा की अगुवाई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके ऐलान किया कि 1 जून से लेकर 10 जून तक गांव को पूरी तरह से सील कर दिया जाएगा और किसी को भी गांव से बाहर सामान सप्लाई करने की परमिशन नहीं दी जाएगी। साथ ही जब तक कोई बहुत ही जरूरी काम नहीं होगा किसान और उनके परिवार भी गांव के अंदर ही रहेंगे और वो भी शहरों की तरफ नहीं आएंगे।
किसान नेताओं ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हम लंबे समय से स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रही है। सभी राज्य सरकारें अन्य सेक्टर के लोगों पर पैसे खर्च करती है, लेकिन किसानों की बेहतरी पर कोई ध्यान नहीं दे रही है। मजबूर होकर किसानों ने शहरों में सब्जियों, दूध और फल की सप्लाई रोकने का फैसला लिया है।
बैठक के बाद कृषि विशेषज्ञ रमनदीप सिंह मान ने कहा कि किसानों का कारवां बढ़ता जा रहा है। किसान एकता के 62 संगठन और राष्ट्रीय किसान महासंघ के 110 संगठन एक साथ आ गए हैं।
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