बुलंदशहर हिंसा के वीडियो, योगेश की सफाई और गांव वालों की दबी जु़बान क्या कहती है…

Ranvijay SinghRanvijay Singh   6 Dec 2018 7:41 AM GMT

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बुलंदशहर हिंसा के वीडियो, योगेश की सफाई और गांव वालों की दबी जु़बान क्या कहती है…

स्याना (बुलंदशहर)। बुलंदशहर हिंसा को लेकर कम से कम आठ वीडियो सोशल मीडिया में लगातार शेयर हो रहे हैं। इन वीडियो में नारेबाजी, पथराव, शोरशराबा, जलती हुई गाड़ियां, ट्रैक्टर ट्राली में गायों के कंकाल हैं, एक वीडियो इंस्पेक्टर का जीप से लटकता शरीर तो एक में वो युवक है सुमित,जिसे गोली लगी है।

नौवां वीडियो मुख्य आरोपी कहे जा रहे योगेश राज का है, जिसे उसने खुद सोशल मीडिया में शेयर करते हुए खुद को निर्दोष बताया है। बुलंदशहर हिंसा का मुख्य आरोपी और बजरंग दल का जिला संयोजक योगेश राज फिलहाल फरार है। आईजी मेरठ जोन रामकुमार ने कहा, घटना में कौन शामिल है कौन नहीं, इसकी जांच जारी है।"

योगेश को पुलिस अभी तक उसे खोज नहीं पाई है। कहा ये भी जा रहा है कि उसके पास इंस्पेक्टर सुबोध सिंह से लूटे गए सरकारी पिस्टल की जानकारी हो सकती है। इसी बीच कुछ मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि योगेश दिल्ली में छिपा हो सकता है। उसके गांव के लोगों ने भी कहा वो लखनऊ गया होगा।

संबंधित खबर- "हम गाय के कंकाल को हाइवे पर लेकर जाएंगे, नारेबाजी और प्रदर्शन करेंगे, आप इसे प्रमुखता से कवर करें''

घटना वाले दिन पुलिसकर्मियों के साथ उलझते युवकों के साथ योगेश राज।

'गाँव कनेक्शन' जब योगेशराज के गाँव नया बांस गाँव पहुंचा तो दबी जुबान लोगों ने बात की, लेकिन नाम न छापने की शर्त पर।

चिंगरावठी गाँव में रहने वाले एक बुजुर्ग ने कहा, ''योगेश तो निकल लिया लखनऊ, अब फैसला लेकर आएगो। वो हाथ न आने को।'' इस सवाल पर कि आपको कैसे पता कि योगेश लखनऊ चला गया? बुजुर्ग ने कहा, ''जानकारी है जी, ये जो हाथ में है न (मोबाइल की ओर इशारा करते हुए) खूब तेज है।''

''लड़का तो ठीक है जी, कभी ऐसा कुछ न सुनने में आया। दल (बजरंग दल) में था, गाय के लिए गया था उस रोज।''

इन बुजुर्ग की ही तरह गाँव के कई लोगों ने भी कहा। पहले तो लोग बात करने से कतराते रहे, जब बात करने पर आते हैं तो योगेश के हाथ न आने की बात दोहराते हैं।

चिंगरावठी गाँव की तरह ही नया बांस के रहने वाले एक शख्स ने कहा, ''घटना के रोज योगेश 2 से 3 बजे के बीच गाँव में दिखा था। इसके बाद से नहीं दिखा।'' ये पूछने पर कि योगेश कैसा लड़का है? ये शख्स कहता है, ''लड़का तो ठीक है जी, कभी ऐसा कुछ न सुनने में आया। दल (बजरंग दल) में था, गाय के लिए गया था उस रोज।''

योगेश का घर छोटा ही है। दरवाजे जैसा कुछ है नहीं, बस बरामदे से होते हुए सीधे घर के आंगन में जाया जा सकता है। यहीं पर उनकी चाची और गाँव के कुछ लोग बैठे रहते हैं।

इन दिनों योगेश के घर के बाहर हर वक्त हुजूम लगा रहता है। योगेश के घर पर सिर्फ उसकी चाची और चचेरी बहन मिलती हैं। बाकी योगेश अपने माता-पिता और दो भाई समेत फरार है। योगेश की चाची भूरी देवी अपने आंख में लगी चोट और उनकी बेटी के हाथ पर पड़े लाठी के निशान को दिखाते हुए कहती हैं, ''पुलिस वाले 11 बजे रात को आए। 30 के करीब रहे होंगे। मेरे पूरे परिवार को मारा और फिर मेरे पति (देवेन्द्र) और बेटे (चमन) को उठा ले गए।''

इस सवाल पर कि योगेश फरार क्यों है? भूरी देवी कहती हैं, ''पुलिसवाले पा जाएंगे तो मार डालेंगे, फरार न हो तो क्या करे?'' भूरी देवी ये बात भी कहती हैं कि योगेश इस सब में शामिल नहीं था।

लेकिन सोशल मीडिया मीडिया जारी वीडियो और कुछ तस्वीरों में योगेश राज इंस्पेक्टर सुबोध सिंह से उलझता दिखाई दे रहा है। योगेश ने भी एक वीडियो जारी कर अपने को बेगुनाह बताते हुए कहा कि हिंसा के वक्त वह जब इंस्पेक्टर सुबोध सिंह को गोली मारी गई उस वक्त वह थाने में था। उस हिंसा के घटनास्थल पर मौजूद नहीं था।

योगेश राज के मुताबिक वो महाव गांव गया था, लेकिन दूसरे गांव वाली घटना के दौरान वो मौके पर नहीं था।

अपने वीडियो में योगेश ने कहा कि पुलिसवाले उसे ऐसे प्रस्तुत कर रहे हैं जैसे मेरा बहुत बड़ा आपराधिक इतिहास हो। मैं ये बताना चाहता हूं कि स्याना के नजदीक महाव में गोकशी की घटना ही थी,जहां मैं अपने साथियों के साथ पहुंचा था। प्रशासनिक लोग भी वहां पहुंचे थे, सब शांत हो गया, जिसके बाद हम लोग स्याना थाने में थे। वहां हमें सूचना मिली की गांवों वालों ने पथराव किया है और दो लोगों को गोली लगी है।" फरार योगेश ने अपने वीडियो में कहा कि उसका दूसरी घटना से न कोई लेना देना है न ही वो वहां मौजूद था।

इस वीडियो में उसने खुद को बजरंग दल का जिला संयोजक बताया है। नया बांस गाँव में स्थित योगेश के घर के पास ही एक दीवार पर अखण्डे भारत का एक पोस्टर लगा हुआ है। इसमें बताया गया है कि भारत कब-कब बांटा गया। साथ ही इसे हर राष्ट्र। भक्त का स्वयप्न भी बताया गया है।

योगेश राज के गांव में उसके घर के पास लगा पोस्टर, जिसमें अखंड भारत का नक्शा दिखाया गया है। फोटो- रणविजय सिंह

इस पोस्टर पर पूछे जाने पर स्थानीय निवासी कहते हैं, ''योगेश बतावे है, पहले भारत ऐसा रहो, फिर ऐसा बनाना है।'' योगेश का घर छोटा ही है। दरवाजे जैसा कुछ है नहीं, बस बरामदे से होते हुए सीधे घर के आंगन में जाया जा सकता है। यहीं पर उनकी चाची और गाँव के कुछ लोग बैठे रहते हैं।

सबहेड- 'मीडिया में गोकशी की चर्चा क्यों नहीं'

गाँव में गोकशी के खिलाफ अलग ही माहौल है। गाँव वाले शि‍कायत करते हैं कि मीडिया में गोकशी पर बात ही नहीं हो रही, सिर्फ योगेश को गलत दिखा रहे हैं। वहीं, गाँव के लोगों में योगेश को लेकर एक गर्व की भावना भी नजर आती है। एक जगह गाँव के कुछ लोग इकट्ठा थे। इनमें से एक शख्सग इस बात पर जोर देते दिखा, "योगेश ने तो गाय को बचाने के लिए कुर्बानी दी है। ऐसा करना सबके बस की बात नहीं।"

तीन दिसंबर को उत्तर प्रदेश बुलंदशहर जिले में उस वक्त विवाद हो गया। जब स्याना कोतवाली इलाके के दो गांवों में गोकशी होने की खबर मिली। खेतों मेंं गाय के शव मिलने से नाराज लोग सड़क पर जाम लगाकर हंगामा करने लगे। नाराज लोगों ने पथराव किया, जिसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग किया। इस दौरान कई गाड़ियां तोड़ी गईं और एक चौकी फूंक दी गई। इसी बीच श्याना के इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की गोली लगने से मौत हो गई। हंगामे में एक स्थानीय युवक सुमित की भी गोली लगने से मौत हो गई। इस मामले में स्याना थाने में एफआईआर नंबर 0583 दर्ज की गई है। घटना के बाद बुलंदशहर में भारी संख्या पुलिसबल तैनात किया गया है।

   

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