सउदी में हजारों हज जायरीन की सिम एक्टीवेट न होने से परेशानी

Khadim Abbas RizviKhadim Abbas Rizvi   6 Aug 2017 2:45 PM GMT

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सउदी में हजारों हज जायरीन की सिम एक्टीवेट न होने से परेशानीहज यात्रियों को हो रही परेशानी।

जौनपुर। इन दिनों हज के मुकदृस सफर का सिलसिला जारी है। हज की तमन्ना लिए हजारों जायरीन मक्का मदीना का सफर कर रहे हैं। सरकारी सहायता प्राप्त आजमीन-ए-हज को इस बार सरकारी व्यवस्था की छोटी सी चूक के कारण बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जायरीन को जो सिम उपलब्ध कराई गई है, वह एक्टीवेट ही नहीं हो रही है।

इसके चलते मदीना पहुंचे हजारों जायरीन का अपने परिवार के लोगों से संपर्क टूट गया है। जायरीनों को दूसरे सिम कार्ड खरीदने पड़ रहे हैं। तब जाकर उनका संपर्क अपनों से हो पा रहा है।

गौरतलब है कि इस बार हज के मुकदृस सफर के लिए भारत से सरकारी सहायता प्राप्त करीब 1 लाख 38 हजार जायरीन को हज के लिए जाना है, जबकि करीब 70 हजार जायरीन प्राइवेट टूर से जा रहे हैं। सरकारी सहायता प्राप्त जायरीन को टूर करीब 45 दिनों का होता है जबकि प्राइवेट वालों का करीब एक माह का। ऐसे में कोटा वाले जायरीन पिछले महीने के आखिरी सप्ताह से ही हज के लिए रवाना हो रहे हैं। कोटा के जरिए हज पर जो जायरीन जा रहा है। हर जायरीन ने करीब 2 लाख 25 हजार रुपए जमा किए हैं। इसमें उन्हें कुछ हजार रियाल वहां खर्च के लिए मिल जाएंगे।

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जायरीन को हज पर जाने के लिए अहराम खुद से खरीदना पड़ता है। इसके अलावा उन्हें कुछ किताबें और दूसरे सामान उपलब्ध कराए जाते हैं। इसके साथ ही हाजियों को एक सिम कार्ड भी दिया जाता है। ताकि वह दूसरे वतन में होने के बावजूद अपनों से हमेशा जुड़े रहें। पिछले वर्ष तक जितने भी जायरीन हज के लिए जाते थे। उनकी सिम संकुल भवन में ही एक्टीवेट करके दे दी जाती थी, लेकिन इस बार जायरीन को जो सिम उपलब्ध कराई गई है। वह एक्टीवेट नहीं हो रही है।

जायरीन से हज हाउस में यह बताया गया था कि उनकी सिम सउदी अरब के मदीना एयरपोर्ट के बाहर लगे कैंप में एक्टीवेट कर दी जाएगी। हालांकि ऐसा नहीं हुआ। हर दूसरे जायरीन के साथ यह समस्या आ रही है कि उनका सिम कार्ड एक्टीवेट ही नहीं हो रहा है। उनकी परेशानी की एक वजह यह भी है कि सउदी अरब में बोली जाने वाली अरबी भाषा उनको समझ नहीं आ रही है। ऐसे में जायरीन एक दूसरे या पहले से पहुंचे जायरीन की मदद से दूसरा सिम कार्ड खरीद रहे हैं। इसके बाद उनका राब्ता अपनों से हो पा रहा है।

हज पर गए जौनपुर शहर के बाजार भुआ निवासी सैयद अलमदार हुसैन रिजवी ने बताया, “ जो सिम उन्हें दी गई थी। वह एक्टीवेट नहीं हुई है। इसके चलते उन्हें दूसरी सिम 30 रियाल देकर खरीदी है। इसके बाद अपनी फैमिली से संपर्क किया।”

लखनऊ के स्मृति उपवन स्थित रुचि खंड निवासी दिलदार हुसैन ने बताया कि सिम कार्ड हज हाउस में उपलब्ध करा दिया गया था। परिजनों को नंबर दे दिया लेकिन वह फोन लगा लगाकर थक गए लेकिन संपर्क नहीं हो सका। दूसरे दिन सिम कार्ड खरीदा इसके बाद परिवार के लोगों से बातचीत हो सकी।

जौनपुर के नवाब यूसुफ रोड निवासी सुल्तान भाई नें बताया कि वह एक सप्ताह पहले ही मदीना पहुंच गए थे लेकिन सिम न मिलने के चलते एक सप्ताह तक वह अपनों से बातचीत नहीं कर सके। पहली बार दूसरे वतन आया हूं इसलिए काफी घबराहट हो रही थी। हालांकि अब सिम खरीद लिया और दिक्कत दूर हो गई है।

वाराणसी के राहिल रजा ने बताया कि उनके पिता हज करने के लिए गए हैं। उनका सिम कार्ड एक्टीवेट नहीं हुआ। इसके बाद मदीना में रह रहे अपने दोस्त को उनके पास भेजा। उन्होंने पिता को ढूंढकर बात कराई और फिर नया सिम कार्ड उपलब्ध कराया।

सिम एक्टीवेट न होने की शिकायत मिली है। हालांकि मदीना के एयरपोर्ट के बाहर संंबंधित सिम कार्ड कंपनी का कैंप लगा हुआ। जहां पर सिम एक्टीवेट की जा रही है।

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सिम एक्टीवेट न होने की शिकायत मिली है। हालांकि मदीना के एयरपोर्ट के बाहर संंबंधित सिम कार्ड कंपनी का कैंप लगा हुआ। जहां पर सिम एक्टीवेट की जा रही है।
मोहम्मद तारिक, ट्रेनर, हज कमेटी आॅफ इंडिया

एक नजर

  • 1 लाख 38 हजार जायरीन भारत से हज करने जा रहे हैं।
  • 38 हजार जायरीन उत्तर प्रदेश के इस काफिले में हैं शामिल।
  • 70 हजार सरकारी मदद के बिना हज के सफर को जाएंगे
  • 2 लाख 25 हजार रुपए लग रहा जायरीन का कोट से सफर को
  • 45 दिनों का टूर है कोटा के जरिए हज करने वाले जायरीन को

     

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