'हमने कोरोना का टीका लगवाया, अब ग्रामीणों में भ्रम भी दूर करना है'

शहरों से इतर ग्रामीण भारत में कोरोना टीकाकरण अभियान को लेकर सरकार और प्रशासन की क्या तैयारियां हैं, और गांवों में काम कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों में टीके को लेकर क्या कोई भ्रम है, गाँव कनेक्शन ने जमीनी हकीकत जानने की कोशिश की।

Kushal MishraKushal Mishra   22 Jan 2021 3:00 PM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo

उन्नाव (उत्तर प्रदेश)। "आज हमने कोरोना का टीका लगवाया है और अब आगे हमें गांवों में टीका लगवाना है, कोरोना की महामारी से सब कोई परेशान रहे हैं, और अब टीके को लेकर जो भ्रम फैला हुआ है, हम पूरी कोशिश करेंगे कि ग्रामीणों के बीच इस भ्रम को पूरी तरह ख़त्म करें," यह कहना है स्वास्थ्य कर्मी और आशा संगिनी अनीता कुशवाहा का।

उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के ग्रामीण क्षेत्र अचलगंज की रहने वाली अनीता कुशवाहा 22 जनवरी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अचलगंज में अपनी अन्य साथियों के साथ कोरोना का टीका लगाने के लिए पहुंची। सीएचसी अचलगंज में इस दिन स्वास्थ्य कर्मियों के लिए पहली बार कोरोना टीकाकरण अभियान शुरू किया गया।

शहरों से इतर ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना टीकाकरण अभियान को लेकर सरकार और प्रशासन की क्या तैयारियां हैं और गांवों में काम कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों में टीके को लेकर क्या कोई भ्रम है, गाँव कनेक्शन ने जमीनी हकीकत जानने की कोशिश की।

उन्नाव के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अचलगंज पहुँचने पर मुख्य द्वार पर कोरोना टीकाकरण अभियान को लेकर 'हैं तैयार हम' का बड़ा सा पोस्टर लगाया गया था। अस्पताल में भीड़-भाड़ की स्थिति से बचा जा सके, इसके लिए जगह-जगह बैरीकेडिंग की व्यवस्था की गयी थी। साथ ही मुख्य द्वार और टीकाकरण स्थल को गुब्बारों से भी सजाया गया था।

मुख्य द्वार में प्रवेश करते ही सामने पंजीकरण के लिए काउंटर बनाया गया था जहाँ पंजीकरण के लिए कई महिला स्वास्थ्य कर्मियों की भीड़ लगी हुई थी। इस काउंटर पर आवश्यक दस्तावेज चेक किये जाने के बाद स्वास्थ्य कर्मियों को पहले और दूसरे तल पर टीका लगवाने के लिए भेजा जा रहा था।

कोरोना टीकाकरण अभियान से जुड़े सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉ. मनीष बाजपेई 'गाँव कनेक्शन' से बताते हैं, "सीएचसी स्तर पर अभियान को लेकर सारी तैयारियां की गई हैं। जागरुकता और बढ़ाई जा सके, इसके लिए जगह-जगह पोस्टर लगाये हैं और लोगों को बताया गया कि टीका लगने के बाद भी मास्क पहने और सामाजिक दूरी का पालन करें।"

कोरोना टीकाकरण अभियान को लेकर 22 जनवरी को उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से राज्य के अलग-अलग जिलों में 1,500 टीकाकरण केंद्र बनाए गए थे। हर एक केंद्र से 100 स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाया जाना था। ऐसे में एक दिन में पूरे प्रदेश में करीब 1.5 लाख स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाने का लक्ष्य तय किया गया था। इससे इतर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अचलगंज में दो टीकाकरण केंद्र बना कर 200 स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाए जाने की तैयारी की गई।

टीका लगने के करीब एक घंटे बाद केंद्र से बाहर निकली आशा संगिनी अनीता कुशवाहा 'गाँव कनेक्शन' से बताती हैं, "न चक्कर आया, न उल्टियाँ हुईं, हमसे टीका लगाने से पहले यह सब बताया गया था, कोई दिक्कत नहीं है, जैसे हम पहले थे, वैसे ही अब भी हैं। मेरे साथ कई साथी भी थे जिन्हें लगाया गया, एक 52 वर्षीय आशा वर्कर भी थीं, मगर अभी तक किसी को कोई दिक्कत नहीं हुई।"

"अगले चरणों में जब ग्रामीणों को वैक्सीन देना होगा तो हमें यही संदेश देना है कि हम लोगों ने भी टीका लगवाया है, और सब लोग टीका लगवाएं, सुरक्षित रहेंगे। आने वाली 31 जनवरी से पोलियो टीकाकरण अभियान भी शुरू हो रहा है, हम सबको ट्रेनिंग दी गयी है कि बच्चों को पोलियो खुराक पिलाने के साथ गांवों में कोरोना टीका लगवाने के लिए भी प्रेरित करें," अनीता कुशवाहा ने बताया।

केंद्र में टीका लगवाने के लिए सुबह से ही स्वास्थ्य कर्मियों की भीड़ जुटनी शुरू हो गयी थी। आशा वर्कर, आशा संगिनी, एएनएम और अस्पताल से जुड़े अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगया गया।

टीका लगा कर आईं सीएचसी अचलगंज सब सेंटर की एक और स्वास्थ्य कर्मी गीता गुप्ता 'गाँव कनेक्शन' से बताती हैं, "टीके को लेकर किसी तरह का कोई भय नहीं था। आगे ग्रामीणों को भी हमें यह संदेश देना है कि कोरोना का टीका लगवाएं और अपने परिवार और समाज को सुरक्षित बनाएं।"

टीकाकरण अभियान को लेकर सीएचसी अचलगंज के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बृजेश कुमार 'गाँव कनेक्शन' से बताते हैं, "टीका लगवाने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों की अच्छी सहभागिता देखी गई, सुबह 10 से पांच कार्यक्रम में 1:30 बजे तक 140 से ज्यादा स्वास्थ्य कर्मियों ने टीका लगवाया और किसी को कोई दिक्कत नहीं आई।"

"टीका पूरी तरह सुरक्षित है, इसमें कोई डरने की आवश्यकता नहीं है, भारत का स्वदेशी टीका है, वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों द्वारा जांचा-परखा हुआ है, इसलिए किसी कोई भ्रम नहीं होना चाहिए। हम 28 जनवरी को तीन टीकाकरण केंद्र बनायेंगे और 300 स्वास्थ्य कर्मियों को एक दिन में टीका लगाएंगे, यहाँ कुल 746 स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाया जाना है।"

रिपोर्टिंग सहयोग : सुमित यादव

  

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.