Monsoon Alert: केरल पहुंचा मानसून, जानें देश के अन्य हिस्सों में कब होगी बारिश

लखनऊ। लगभग एक सप्ताह की अनुमानित देरी के बाद दक्षिण पश्चिमी मानसून ने केरल तट पर शनिवार को दस्तक दे दी है। दक्षिण पश्चिम मानसून ही उत्तर और मध्य भारत सहित देश के अधिकांश इलाकों में लगभग चार महीने तक चलने वाली बारिश की ऋतु का वाहक माना जाता है। मानसून आने के बाद लोगों को इस भारी गर्मी से राहत मिल गई है।

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Monsoon Alert: केरल पहुंचा मानसून, जानें देश के अन्य हिस्सों में कब होगी बारिश

लखनऊ। लगभग एक सप्ताह की अनुमानित देरी के बाद दक्षिण पश्चिमी मानसून ने केरल तट पर शनिवार को दस्तक दे दी है। दक्षिण पश्चिम मानसून ही उत्तर और मध्य भारत सहित देश के अधिकांश इलाकों में लगभग चार महीने तक चलने वाली बारिश की ऋतु का वाहक माना जाता है। मानसून आने के बाद लोगों को इस भारी गर्मी से राहत मिल गई है।

मौसम विभाग के नवनियुक्त महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने मानसून के पूर्वानुमान के मुताबिक आठ जून को केरल तट पर पहुंचने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि केरल के तटीय इलाकों में अच्छी मात्रा में मानसून की पहली बारिश दर्ज की गई है। विभाग ने पिछले महीने दक्षिण पश्चिमी मानसून के केरल तट पर छह जून को पहुंचने का पूर्वानुमान व्यक्त किया था लेकिन हवा के कम दबाव का क्षेत्र बनने में देरी के कारण मानसून आने में दो दिन की देरी हो गई। यह मानसून भीषण गर्मी, कृषि संकट और जलाशयों के तेजी से गिरते जलस्तर की चिंता से राहत देने वाली साबित होगी।

इसे भी पढ़ें- Monsoon: 8 दिन की देरी से मानसून पहुंचा केरल, किसानों के लिए राहत

गौरतलब है कि उत्तर एवं मध्य भारत में भीषण गर्मी का असर पश्चिम और दक्षिणी राज्यों के जलाशयों पर भी पड़ा है। इन इलाकों में देश के प्रमुख जलाशयों का जलस्तर काफी नीचे चला जाता है जिसकी वजह से महाराष्ट्र और राजस्थान सहित आसपास के तमाम सूखा ग्रस्त इलाकों में जलसंकट की समस्या आ जाती है।



इसके अलावा देश का अधिकांश ग्रामीण क्षेत्र कृषि एवं सिचाई जरूरतों के लिए दक्षिण पश्चिम मानसून के दौरान चार महीने तक होने वाली बारिश पर ही निर्भर रहता है। देश में कुल वर्षाजल का 75 प्रतिशत हिस्‍सा दक्षिण पश्चिमी मानसून से मिलता है। इसलिए इसका सीधा प्रभाव अर्थव्यवस्था पर भी पड़ता है।

केरल तट पर मानसून की दस्तक के साथ ही, भीषण गर्मी से झुलस रहे उत्तरी और मध्य भारत के मैदानी क्षेत्रों तथा दक्षिणी राज्यों में तापमान में गिरावट आने की भी उम्मीद जगी है। मैदानी इलाकों में इन दिनों अधिकतम तापमान 40 से 45 डिग्री सेल्सियस के बीच चल रहा है। वहीं, राजस्थान के चुरू और आसपास के इलाकों में पारा 50 डिग्री सेल्सियस का स्तर पार कर गया है।


मौसम विभाग ने उत्तरी क्षेत्रों में जून के अंतिम और जुलाई के पहले सप्ताह में मानसून पहुचंने की संभावना व्यक्त की है। मौसम विभाग के मुताबिक दिल्‍ली में पूर्वानुमान से तकरीबन दो- तीन दिन की देरी से मानसून 29 जून को पहुंच सकता है। हालांकि निजी क्षेत्र की एजेंसी स्काईमेट ने इसमें एक सप्ताह तक की देरी का अनुमान व्यक्त किया है।

मौसम विभाग ने दिल्‍ली और उत्तर पश्चिमी इलाकों सहित लगभग पूरे देश में मानसून की सामान्य बारिश होने की संभावना जताई है। हरियाणा और पंजाब में 11 जून के बाद ही प्रचंड गर्मी से राहत मिलेगी, यहां पश्चिमी विक्षोभ के कारण गरज और बारिश होने की संभावना है। (इनपुट भाषा)


   

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