कानपुर का गुनहगार मोस्ट वांटेड अपराधी विकास दुबे उज्जैन से गिरफ्तार, सोशल मीडिया में चर्चा- सरेंडर या गिरफ्तारी?

पांच लाख का ईनामी मोस्ट वांटेड अपराधी विकास दुबे आज उज्जैन के महाकालेश्वर मन्दिर में पुलिस के हत्थे चढ़ गया। मंदिर के बाहर विकास ने पुलिस की गिरफ्त में चिल्लाकर कहा वो विकास दुबे है कानपुर वाला...

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आठ पुलिसकर्मियों की हत्या आरोपी, 5 लाख का मोस्ट वांटेड अपराधी, पिछले कई दिनों से लगातार सुर्खियों में चल रहा कानपुर एनकाउंटर का मुख्य आरोपी विकास दुबे 9 जुलाई को पुलिस के हत्थे चढ़ गया। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मुताबिक एमपी पुलिस ने उसे उज्जैन से गिरफ्तार किया है। विकास दुबे को उज्जैन के महाकाल मंदिर परिसर से गिरफ्तार किया गया है।

कानपुर के बिकरू गांव में खौफनाक मुठभेड़ जिसे सीओ समेत 8 लोगों की मौके पर मौत हो गई थी, के बाद यूपी पुलिस को विकास की तलाश थी, उसके दो साथी आज ही पुलिस की मुठभेड़ में ढेर हुए हैं। इस हिस्ट्रीशीटर पर पुलिस ने पांच लाख रूपये के ईनाम की भी घोषणा की थी।



विकास दुबे मूलतः कानपुर नगर के चौबेपुर के बिकरू गाँव का रहने वाला है, इस पर 60 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। दो जुलाई को देर रात जब बिकरू गाँव में विकास दुबे के घर पुलिस दबिश देने पहुंची तो विकास ने ताबड़तोड़ फायरिंग में मौके पर ही आठ पुलिसकर्मियों को शहीद कर दिया। जबकि सात घायल पुलिसकर्मियों में दो ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। इस एनकाउंटर में अबतक दस पुलिसकर्मी शहीद हो गये हैं।

हालांकि कई लोग विकास दुबे की गिरफ्तारी को संदिग्ध मान रहे हैं। इसमें से कुछ वरिष्ठ पत्रकार, नेता और पुलिस मामलों के विशेषज्ञ हैं। इन लोगों का कहना है कि विकास दुबे ने बचने का कोई मौका ना देखते हुए आत्मसमर्पण किया है, जबकि पुलिस इसे गिरफ्तारी बता रही है। उत्तर प्रदेश के एक ऐसे ही वरिष्ठ पत्रकार ब्रजेश मिश्रा अपने सूत्रों के हवाले से ट्वीटर पर लिखते हैं-

ये भी पढ़ें-कानपुर एनकाउंटर: विकास दुबे के बारे में स्थानीय लोग क्या कहते हैं?

मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मीडिया को बताया, "हमारी पुलिस किसी को छोड़ती नहीं है। विकास को भी पकड़ा है हमारी गिरफ्तार में अभी वो है। वो मन्दिर के अंदर पकड़ा गया या बाहर पकड़ा गया अभी इसके बारे में कुछ भी कहना ठीक नहीं है। यह क्रूरता की हदें पार कर रहा था।

मध्य प्रदेश कांग्रेस ने भी इस गिरफ्तारी पर सवाल उठाए हैं।

कानपुर एनकाउंटर के बाद से इस दुर्दांत आरोपी को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म था। इसकी तलाशी में पुलिस सैकड़ों जगह छापेमारी कर चुकी थी। पहले ईनाम की राशि 50,000 रूपये रखी गयी बाद में इसे बढ़ाकर पांच लाख रूपये कर दी गयी। विकास से जुड़े कई अपराधियों पर ही पुलिस ने 25,000-50,000 ईनाम राशि रखी है। कुछ अपराधी पुलिस मुठभेड़ में मारे गये तो कुछ पुलिस की गिरफ्त में हैं।

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