लोगों के चहेते थे IAS अनुराग तिवारी, सूखे से जूझते एक ज़िले की बदल दी थी तस्वीर
Anusha Mishra 18 May 2017 4:57 PM GMT
लखनऊ। बुधवार को उत्तर पद्रेश की राजधानी लखनऊ के मीराबाई गेस्ट हाउस के बाहर मृत पाए गए आईएएस अनुराग तिवारी की शख्सियत कुछ खास थी। अनुराग तिवारी कर्नाटक कैडर के आईएएस अधिकारी थे और कर्नाटक के लोगों के लिए वो किसी मसीहा की ही तरह थे।
कर्नाटक के बिदार ज़िले के लोग साल 2016 को कभी नहीं भूल सकते क्योंकि इस साल यहां दशकों बाद भयंकर सूखा पड़ा था। यही नहीं वो लोग अनुराग तिवारी को भी कभी नहीं भूल सकते, जिन्होंने सिर्फ 18 महीने में बिदार के लोगों को सूखे से निकाल लिया। वेबसाइट बेटर इंडिया के मुताबिक, सदियों पुराने भूमिगत जलसेतु बावी सुरंग के पुनरुत्थान के अलावा अनुराग ने 130 से ज्यादा टैंकों की और 110 से ज्यादा खुले कुओं की सफाई कराई जिससे ज़िले के लोगों को पानी की कमी की समस्या से दो-चार न होना पड़े। बिदार के लिए यह काम नए जीवन की तरह था। अगले साल वहां 40 प्रतिशत बारिश ज्यादा हुई और ये सारे टैंक और कुएं पानी से भर गए।
देश-दुनिया से जुड़ी सभी बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करके इंस्टॉल करें गाँव कनेक्शन एप
मध्यकालीन युग का एक ऐतिहासिक कुआं 'जहाज़ की बावड़ी' लगभग पूरा सूख चुका था और इसमें लोग कूड़ा डालने लगे थे। अनुराग ने 80 फीट गहरे इस कुएं से कूड़ा निकलवाकर इसको साफ करवा। इसी का नतीज़ा है कि 500 साल पुराना यह कुआं अब इतना साफ है कि लोग इसका पानी पीने और घर के बाकी कामों के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। यही नहीं, अनुराग ने राज्य सरकार की योजना 'केरे संजीवनी' के माध्यम से भी कई टैंकों को साफ करवाया।
ज़िले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कर्नाटक कैडर के अधिकारी अनुराग ने हैदराबाद-कर्नाटक क्षेत्र में एक टूरिस्ट सर्किट बनवाया और बिदार किले में घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए ऑडियो विजुअल गाइड्स की व्यवस्था भी की। ज़िले के स्थानीय निकायों और मजिस्ट्रेट कोर्ट को पूरी तरह से कम्प्यूटरीकृत करने का श्रेय भी अनुराग तिवारी को ही जाता है। आज भले ही कर्नाटक कैडर के आईएएस अधिकारी लोगों के बीच नहीं हैं लेकिन कर्नाटक के लोग आज भी 'जलपुरुष' के नाम से प्रसिद्ध इस अधिकारी का दिल से सम्मान करते हैं।
ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।
More Stories