कर्नाटक में येदुरप्पा की सरकार, सुप्रीम कोर्ट ने नहीं लगाई शपथग्रहण पर रोक

रातभर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा- राज्यपाल ने अपने विवेक का प्रयोग किया, शुक्रवार को फिर सुनवाई

Arvind ShuklaArvind Shukla   17 May 2018 2:57 AM GMT

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कर्नाटक में येदुरप्पा की सरकार, सुप्रीम कोर्ट ने नहीं लगाई शपथग्रहण पर रोक

कर्नाटक में राजनीतिक उठापठक के बीच बीएस येदुपरप्पा ने मु्ख्यमंत्री पद की शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह के बाद राजभवन में मौजूद समर्थकों ने येदुरप्पा के पैर छुए। सीएम बनते ही येदुरप्पा ने ट्वीट के जरिए कहा कर्नाटक का विकास शुरू हो गया है। उन्हें १५ दिन में अपना बहुमत साबित करना है। बी एस येदुरप्पा ने तीसरी बार सीएम पद की शपथ ली है। शपथ लेने से पहले बीजेपी के बीएस येदुरप्पा ने कहा वो बहुमत साबित करेंगे। येदुरप्पा सुबह ९ बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले मंदिर में भगवान का आशीर्वाद लेने पहुंचे थे। सुप्रीम कोर्ट में रातभर चली सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने येदुरप्पा के शपथ ग्रहण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई शुक्रवार सुबह होगी। हालांकि कर्नाटक मसले पर कल फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। इस वक्त बीजेपी के पास १०४ सीटें हैं ८ एमएलए और चाहिएए। कांग्रेस येदुरप्पा के शपथ का विरोध कर रही है।
येदुरप्पा की ताजपोशी के खिलाफ बैंगलुरु में विधानसभा के सामने कांगेस और जेडीयू का प्रदर्शन शुरू। गुलामनबी आजाद की अगुवाई में प्रदर्शन।
देर रात कुछ यूं चला घटनाक्रम:-
सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस और जेडीएस का याचिका खारिज नहीं की है और कहा, 'यह याचिका बाद में सुनवाई का विषय है।' इसके साथ ही दोनों पक्षों समेत येदियुरप्पा को एक जवाब दाखिल करने का नोटिस भी जारी किया है।


सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी के बीएस येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है।

अटॉर्नी जनरल बोले, 'कृपया इस याचिका को खारिज करे दें। वे एक उच्च स्तरीय संवैधानिक सिस्टम के कार्य को रोकने के लिए यह फैसला चाहते हैं। यह राज्यपाल का काम है कि वह शपथ के लिए बुलाएं। राज्यपाल और राष्ट्रपति किसी भी कोर्ट के प्रति उत्तरदायी नहीं हैं। ऐसे में कोर्ट को चाहिए कि वह संवैधानिक कार्यप्रणाली को ना रोके।'


बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय दिए जाने पर जब कोर्ट ने सवाल पूछा को मुकुल रोहतगी बोले, 'सुप्रीम कोर्ट चाहे तो इस समय को 10 दिन या सात दिन कर सकता है।'
अटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल ने कहा, 'यह याचिका दायर करने के बजाय कांग्रेस और जेडीएस को फ्लोर टेस्ट का इंतजार करना चाहिए था।'

जस्टिस सीकरी ने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल से पूछा, 'जब एक पक्ष 117 विधायकों का समर्थन दिखा रहा है तो 112 विधायकों का समर्थन दूसरे पक्ष को कैसे मिल जाएगा?
मुकुल रोहतगी बोले, 'मामले पर रात में सुनवाई नहीं होनी चाहिए। अगर शपथ ग्रहण हो जाता है तो आसमान नहीं गिर जाएगा। पिछली बार सुप्रीम कोर्ट में रात में सुनवाई याकूब मेमन की फांसी के लिए हुई थी।'
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा, 'यह कहना निरर्थक है कि बिना शपथ लिए विधायक ऐंटी डिफेक्शन लॉ के तहत बाध्य नहीं है। यह खुलेआम हॉर्स ट्रेडिंग को न्योता देता है।'
जस्टिस बोबडे ने कहा, 'हम नहीं जानते कि बीएस येदियुरप्पा ने किस तरह के बहुमत का दावा किया है। जब तक कि हम समर्थन पत्र को नहीं देख लेते हम कोई अनुमान नहीं लगा सकते हैं।'

ये खबर लगातार अपडेट हो रही है...


     

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