अपनी मांगों पर अड़े किसानों का दिल्ली सीमा पर डेरा, कहा- मांगे पूरी होने तक नहीं हटेंगे

कर्ज़माफी, स्वामीनाथन आयोग कि रिपोर्ट, किसानों को पेंशन समेत की मांगों पर अड़े किसानों ने पीछे हटने से इनकार कर दिया है, कहां- आश्वासन नहीं चाहिए

Ranvijay SinghRanvijay Singh   2 Oct 2018 4:30 PM GMT

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अपनी मांगों पर अड़े किसानों का दिल्ली सीमा पर डेरा, कहा- मांगे पूरी होने तक नहीं हटेंगे

गाजियाबाद। किसानों की कर्ज़माफी और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू कराने की मांग को लेकर हरिद्वार से दिल्ली पहुंचे हजारों किसानों ने दिल्ली बॉर्डर पर डेला डाल दिया है। किसानों का कहना है जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाते वो लाठी खाने के बाद भी वापस नहीं जाएंगे। गृहमंत्री राजनाथ सिंह और भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत के बीच हुई वार्ता के बाद नरेश टिकैत ने कहा- सिर्फ आश्वासन लेकर किसान वापस नहीं जाएंगे। दिल्ली बार्डर और गाजियाबाद क्षेत्र में धारा १४४ लागू है।

मंगलवार की सुबह हजारों की संख्या में किसान क्रांति यात्रा में आए किसानों ने यूपी गेट के रास्ते दिल्ली में घुसने की। प्रदर्शनकारी किसानों को रोकने के लिए पुलिस पानी की बौछार और लाठीचार्ज किया, जिसके कई किसानों को चोट आईं। नाराज किसानों ने भी पुलिस के बैरीकेटर तोड़ दिए। पुलिस ने मौके पर मौजूद किसानों के कई ट्रैक्टर की पंचर कर हवा निकाल दी, जिसके बाद नाराज किसानों ने वहीं पर डेरा जमा दिया। सुबह हंगामे के बाद भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत, गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मिलने पहुंचे। प्रतिनिधि मंडल की लंबी वार्ता के बाद माना जा रहा है कई मुद्दों पर सहमति बनी लेकिन पूरी मांगे नहीं मानीं गई। इसके बाद नरेश टिकैत ने धरना जारी रखने की बात की।

गृहमंत्री से हुई वार्ता के बाद केद्रीय कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र शेखावत प्रदर्शनकारी किसानों से मिलने के लिए यूपी गेट पहुंचे। उन्होंने कहा कि राजनाथ सिंह से हुई वार्ता पर कई मुद्दों पर सहमति बनी है, इन्हें लागू कराने के लिए वो प्रतिनिधि मंडल से लंबी वार्ता करेंगे। इसी बीच राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया अजित सिंह भी किसानों को समर्थन देने पहुंचे, हालांकि वो काफी कम देर मौके पर रुके। २३ सितंबर को उत्तराखंड के हरिद्वार से हजारों की संख्या में किसानों ने दिल्ली के लिए कूच किया था। किसान क्रांति यात्रा के जरिए किसानों की कर्जमाफी, बुजुर्ग किसानों को पेंशन, एमएसपी कानून और कृषि से जुड़े उत्पादों पर जीएसटी कम करने की मांग शामिल थी। इसके साथ ही किसान एनजीटी के उस फैसले को भी रद्द करने की मांग कर रहे थे, जिसके मुताबिक दिल्ली-एनसीआर में १० साल पुराने डीजल ट्रैक्टर तुरंत बंद किए जाएं।

जानिए क्या चाहते हैं किसान

1-किसानों के लिए न्यूनतम आय तय की जाए। 60 साल की आयु के बाद किसान को 5,000 रुपए प्रति माह पेंशन दी जाए ।

2-प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में बदलाव किया जाए। इस योजना में किसानों को लाभ मिलने के बजाए बीमा कंपनियों को लाभ मिल रहा है।

3-सरकार पूर्ण कर्जमाफी करें और बिजली के बढ़ाए दाम वापस ले।

4-किसानों को सिंचाई के लिए बिजली मुफ्त में उपलब्ध कराई जाए।

5-दिल्ली-एनसीआर में 10 साल से ज्यादा पुराने ट्रैक्टरों पर रोक हटा दी जाए।

6-किसान क्रेडिट कार्ड योजना में बिना ब्याज लोन दिया जाए। महिला किसानों के लिए क्रेडिट कार्ड योजना अलग से बनाई जाए।

7-आवारा पशुओं से किसानों के फसल को बचाने का इंतजाम किया जाए।

8-जिन किसानों ने खुदकुशी की है, उनके परिजनों को नौकरी और परिवार को पुनर्वास की व्यवस्था हो।

9-स्वामीनाथन कमेटी के फॉर्मूले के आधार पर किसानों की आय सी-2 लागत में कम से कम 50 प्रतिशत जोड़ कर दिया जाए।

10-सभी फसलों की शत-प्रतिशत खरीद की गारंटी दी जाए

11-खेती में उपयोग होने वाली सभी वस्तुओं को जीएसटी से बाहर की जाए

12-चीनी का न्यूनतम मूल्य 40 रुपए प्रति किलो किया जाए और 7 से 10 दिन के अंदर गन्ना किसानों का भुगतान सुनिश्चित किया जाए।

13-किसानों के पेंशन और गन्ने का बकाया भुगतान किया जाए।

नीचे दि गई तस्वीरें.. यूपी गेट पर किसानों पर हुए लाठीचार्ज और हंगामे की हैं।..

ये भी पढ़ें-किसान क्रांति यात्रा: दिल्ली बॉर्डर पर पुलिस ने किसानों पर दागे आंसू गैस के गोले, कई किसान घायल

हरिद्वार से दिल्ली के लिए रवाना हुई किसान क्रांति यात्रा में शामिल हजारों किसानों पर दिल्ली सीमा पर गाजियाबाद के यूपी गेट पर पुलिस ने आंसू गैस के गोलों और वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया है।










आंसू गैस के गोलों की चपेट में आकर कई किसान घायल हो गए हैं। इन किसानों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं मिली थी। प्रशासन ने क्षेत्र में इंटरनेट सेवाओं पर भी रोक लगा दी है। ऐसी भी ख़बरें हैं कि पुलिस ने प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली के सीमावर्ती क्षेत्र पूर्वी दिल्ली में धारा 144 लगा दी है।










गौरव टिकैत ने बताया कि "दिल्ली में ट्रैक्टर ले जाने की अनुमति नहीं दे रहे। केंद सरकार से वार्ता चल रही है।" भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत कहते हैं कि "जब तक हमारी मांग नहीं मानी जायेगी हम वापस नहीं जाएंगे।"















किसान क्रांति यात्रा में पुलिस के लाठीचार्ज में घायल किसान। फोटो- साभार सोशल मीडिया




          

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