जीएसटी मात्र एक और सुधार या बदलाव नहीं है, बल्कि हमारी आर्थिक आजादी है : अनिल अंबानी
Sanjay Srivastava 29 Jun 2017 6:40 PM GMT
मुंबई (आईएएनएस)। रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी ने गुरुवार को कहा कि एक जुलाई से देशभर में लागू होने के लिए तैयार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) 'मात्र सुधार या बदलाव' भर नहीं है, बल्कि 'यह हमारी आर्थिक आजादी' है।
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड इन इंडिया द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में अनिल अंबानी ने कहा, "जीएसटी मात्र एक और सुधार या बदलाव नहीं है, बल्कि बेहद महत्वपूर्ण है। जीएसटी हमारी आर्थिक परिकल्पना का उदारीकरण है। यह हमारी आर्थिक आजादी है।"
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उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते तीन वर्षों के दौरान जीएसटी को लेकर जो किया है, वह बीते 30 वर्षों के दौरान नहीं किया जा सका। अंबानी ने कहा, "जीएसटी को लेकर वास्तविक उम्मीद आर्थिक उदारीकरण की है। जीसटी का वास्तविक वादा ही है, 'एक देश, एक कर, एक बाजार'।"
उन्होंने कहा, "सत्तर साल पहले हमारे प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने संसद के सेंट्रल हॉल में भाग्य के साथ साक्षात्कार की बात कही थी।"
उन्होंने कहा, "कल ठीक उसी वक्त आधी रात को हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उसी सेंट्रल हॉल में बेसब्री से इंतजार कर रहे राष्ट्र को संबोधित करेंगे और देश एक और 'भाग्य से साक्षात्कार' की तरफ आगे बढ़ेगा।"
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अंबानी ने कहा कि धरती पर किए गए सभी आविष्कारों में मुक्त बाजार संभवत: मानव इतिहास के आर्थिक सहूलियत में सबसे बड़ा आविष्कार है। उन्होंने कहा, "यह धन पैदा करने और जीवन को बदलने वाली ताकत है।" उन्होंने कहा कि सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में है।
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अंबानी ने आगे कहा, "गैर निष्पादित परिसंपत्तियों के समाधान के लिए दिवाला एवं दिवालियापन कोड के तहत कार्रवाई करने के प्रस्ताव सहित मौजूदा सरकार ने देश की वित्तीय अवसंरचना में कई मूलभूत आमूल-चूल सुधार किए हैं, साथ ही देश की बैंकिंग प्रणाली को समेकित और मजबूती भी दी है।"
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उन्होंने कहा कि भारत इस समय एक डिजिटल क्रांति के मध्य से गुजर रहा है, जो देश के युवा नवउद्यमियों को बड़ा सोचने और बड़ा करने की इजाजत देता है।
अनिल ने कहा कि ई-कारोबार में और उससे संबंधित अन्य व्यवसायों में हाल के वर्षो में आया शानदार उभार दर्शाता है कि प्रौद्योगिकी कितनी सहायक हो सकती है।
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