ये हैं 29 महिलाएं, जिन्हें मिला है नारी शक्ति पुरस्कार, हर एक की है प्रेरणादायक कहानी

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर राष्ट्रपति ने साल 2020 और 2021 के लिए 29 महिलाओं को नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया। पुरस्कार पाने वाली हर महिला की अपनी अलग प्रेरणादायक कहानी है।

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
ये हैं 29 महिलाएं, जिन्हें मिला है नारी शक्ति पुरस्कार, हर एक की है प्रेरणादायक कहानी

सभी 28 पुरस्कार (वर्ष 2020 और 2021 के लिये 14-14) 29 हस्तियों को दिए गए हैं। सभी फोटो : @rashtrapatibhvn/Twitter

थारू समुदाय की आरती राना को आज यानी 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले की आरती राना के यहां तक पहुंचने के लिए एक लंबी लड़ाई लड़ी है, आरती की तरह ही देश की अलग-अलग क्षेत्रों में मिसाल कायम करने वाली 29 महिलाओं को नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इनमें से हर एक महिला की अपनी कहानी है...

थारू जनजाति से ताल्लुक रखने वाली आरती राना कभी पेट भरने के लिए तालाब से मछली पकड़ती थीं, रोटी बनाने के लिए जंगल में भटककर लकड़ियां बीनकर लाती थीं, लेकिन आज इन्होंने न सिर्फ खुद का बल्कि थारू समुदाय की 1200 से ज्यादा महिलाओं को हैंडीक्राफ्ट उत्पाद बनाने का मौका देकर उनके भविष्य को संवार रही हैं।

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले के पलिया की थारू समुदाय की आरती राणा।

इन्हें साल 2016 में रानी लक्ष्मीबाई जैसे प्रतिष्ठित अवॉर्ड से भी नवाजा जा चुका है। इनके यहां का बना हैंडीक्राफ्ट उत्पाद देश के कई बड़े-बड़े शोरूम में बिकता है। साल 2021 में इन्हें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सम्मानित किया था।

बिहार के भोजपुर की अनीता गुप्ता

ग्रामीण और वंचित महिलाओं को सशक्त बनाने में उनके योगदान के लिए अनीता गुप्ता को नारी शक्ति पुरस्कार प्रदान किया गया। बिहार के भोजपुर की एक सामाजिक उद्यमी, उन्होंने 50,000 से अधिक वंचित ग्रामीण महिलाओं को विभिन्न कौशलों में प्रशिक्षित किया है।

महिलाओं के स्वास्थ्य, विशेष रूप से हाशिए पर रहने वालों के लिए उनके योगदान के लिए डॉ इला लोध (मरणोपरांत) को नारी शक्ति पुरस्कार प्रदान किया। उन्होंने त्रिपुरा के हेपेटाइटिस फाउंडेशन की स्थापना की थी।

तमिलनाडु के नीलगिरी की जया मुथु और तेजम्मा।

तमिलनाडु के नीलगिरी की जया मुथु और तेजम्मा को संयुक्त रूप से नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। जया मुथु और तेजम्मा सदियों पुरानी कढ़ाई कला टोड़ा बनाती हैं। यह कढ़ाई टोडा महिलाओं द्वारा बनाई जाती है और इसमें रूखे सफेद सूती कपड़े पर ज्यामितीय डिज़ाइनों में विशिष्ट लाल व काले (कभी-कभी नीले) धागे का प्रयोग होता है। इसे जीआई टैग भी मिला हुआ है।

आदिवासी बैगा कला को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने वाली जोधैया बाई बैगा को नारी शक्ति पुरस्कार प्रदान किया। जनजातीय संस्कृतियों को कैनवास पर चित्रित करते हुए, उनके काम को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इटली और फ्रांस में प्रदर्शित किया गया है।

जोधैया बाई बैगा।

सिक्की घास कला को बढ़ावा देने और पंजाब में वंचित महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए मीरा ठाकुर को नारी शक्ति पुरस्कार प्रदान किया। वह सिक्की ग्रास आर्ट का मुफ्त प्रशिक्षण देती हैं और 400 से अधिक वंचित महिलाओं को प्रशिक्षित कर चुकी हैं।

पंजाब की मीरा ठाकुर

पर्यावरण संरक्षण में जमीनी स्तर पर नवाचार के लिए नसीरा अख्तर को नारी शक्ति पुरस्कार प्रदान किया गया। कुलगाम, जम्मू और कश्मीर की रहने वाली, नसीरा अख्तर एक जड़ी-बूटी विकसित की जो पॉलिथीन को राख में बदल देती है, जिससे पॉलीथिन बायोडिग्रेडेबल हो जाती है।

जम्मू-कश्मीर की नसीरा अख्तर

प्रौद्योगिकी में उत्कृष्टता के लिए निवृति राय को नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानितय किया गया। इंटेल इंडिया की कंट्री हेड, निवृति राय ने सेमीकंडक्टर चिप्स विकसित किए जो कम बिजली की खपत करते हैं और नए ग्रामीण कनेक्टिविटी समाधान जो कि लागत प्रभावी हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड कनेक्शन प्रदान करते हैं।

इंटेल इंडिया की कंट्री हेड निवृति राय।

डाउन सिंड्रोम के कारण तमाम मुश्किलों का सामना करने के बावजूद भारतीय शास्त्रीय नृत्य को बढ़ावा देने के लिए सायली नंदकिशोर अगवने को नारी शक्ति पुरस्कार प्रदान किया। सायली एक कथक नृत्यांगना हैं और उन्हें भारत और विदेशों में पहचान मिली है।

सायली नंद किशोर अगावने और उषाबेन दिनेश भाई

गुजरात की आदिवासी किसान उषाबेन दिनेशभाई वसावा को जैविक खेती में उनके योगदान के लिए नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। गुजरात में एक आदिवासी कार्यकर्ता के रूप में, उन्होंने 500 महिलाओं को जमीन का अधिकार दिलाया है। वह महिला किसानों को उर्वरक उपयोग और तकनीक आधारित खेती पर प्रशिक्षण प्रदान करती हैं।

दिव्यांगजन अधिकारों के प्रति उनके योगदान और समर्पण के लिए संध्या धर को नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। संध्या ने 2015 में 'जम्मू इंस्टीट्यूट ऑफ जनरल एजुकेशन एंड रिहैबिलिटेशन' की स्थापना की जो दिव्यांगजन और वंचित बच्चों के लिए क्लास चलाती हैं।

दृष्टिबाधित ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए टिफ़नी बराड़ को नारी शक्ति पुरस्कार प्रदान किया। टिफ़नी बराड़ ने ज्योतिर्गमय फाउंडेशन और केरल में एक मोबाइल ब्लाइंड स्कूल की स्थापना की। उन्होंने 200 से अधिक नेत्रहीन व्यक्तियों को ब्रेल, कंप्यूटर और अन्य कौशल में प्रशिक्षण प्रदान किया है।

टिफनी बराड़ और बतूल बेगम

भारतीय लोक संगीत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देने के लिए बतूल बेगम को नारी शक्ति पुरस्कार प्रदान किया। जयपुर की एक मांड और भजन लोक गायिका, वह राजस्थानी लोक धुनों में माहिर हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय संगीत कार्यक्रमों का प्रदर्शन करती हैं।

वन्यजीव संरक्षण विशेषकर सांपों को बचाने के लिए वनिता जगदेव बोराडे को नारी शक्ति पुरस्कार दिया गया। 50,000 से अधिक सांपों को उनके प्राकृतिक आवास में बचाकर, बुलढाणा, महाराष्ट्र की वनिता को 'स्नेक फ्रेंड' और फर्स्ट वुमन स्नेक रेस्क्यूअर के रूप में जाना जाता है।

वनिता जगदेव बोराडे व कमल कुम्भार

पशुपालन में महिलाओं की उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए कमल कुम्भर को नारी शक्ति पुरस्कार प्रदान किया। उस्मानाबाद की उद्यमी कमल कुम्भर ने एक छोटे से व्यवसाय की मदद से 5,000 महिलाओं की मदद की है और 3,000 घरों को सौर ऊर्जा से रोशन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

वंचित ग्रामीण महिलाओं को हथकरघा बुनाई और हिमाचल हथकरघा को बढ़ावा देने के लिए अंशुल मल्होत्रा ​​​​को नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। अंशुल मल्होत्रा ने 200 वंचित ग्रामीण महिलाओं को मुफ्त हथकरघा बुनाई प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार भी दिया है।

अंशुल मल्होत्रा व नीना गुप्ता

नीना गुप्ता को गणित में उनकी उत्कृष्टता के लिए नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। भारतीय सांख्यिकी संस्थान, कोलकाता में एक प्रोफेसर नीना गुप्ता ने 70 साल पुरानी Zariski cancellation problem को हल किया है। प्रोफेसर नीना गुप्ता को मैथ्स के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक 'विकासशील देशों के युवा गणितज्ञों का 2021 DST-ICTP-IMU रामानुजन पुरस्कार' से सम्मानित किया गया है।

इससे पहले नीना गुप्ता को साल 2019 में 'शांति स्वरूप भटनागर प्राइज फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी' भी मिला था। उन्हें बीजगणित जियोमेट्री के फील्ड में Zariski cancellation problem को सॉल्व करने के लिए नेशलन साइंस अकेडमी द्वारा यंग साइंटिस्ट अवॉर्ड भी दिया गया था।

महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के प्रयासों के लिए छत्तीसगढ़ के राजनंद गाँव की सामाजिक कार्यकर्ता मधुलिका रामटेके को नारी शक्ति पुरस्कार प्रदान किया।मधुलिका रामटेके 'माँ बम्लेश्वरी बैंक' की शुरुआत की है जो पूरी तरह से महिलाओं द्वारा प्रबंधित और नियंत्रित है और अब इसकी 5,372 शाखाएं हैं।

मधुलिका रामटेके व नीरजा माधव

हिंदी लेखिका नीरजा माधव को हिंदी साहित्य के माध्यम से हाशिए के लोगों के लिए उनके काम के सम्मान में नारी शक्ति पुरस्कार प्रदान किया। उत्तर प्रदेश की एक हिंदी लेखिका, उन्होंने हिजड़ों और तिब्बती शरणार्थियों के लिए विश्व शांति, अधिकारों और आरक्षण को बढ़ावा दिया है।

लद्दाख के खोए हुए व्यंजनों और हाथ से बुनाई की तकनीकों को संरक्षित और पुनर्जीवित करने और इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देने के लिए पद्म यांगचन को नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

निरंजनाबेन मुकुलभाई कलारथी व पद्मा यांगचान

गुजराती भाषा को बढ़ावा देने और आदिवासी लड़कियों की शिक्षा के लिए निरंजनाबेन मुकुलभाई कलारथी को नारी शक्ति पुरस्कार प्रदान किया। उन्होंने आदिवासी वंचित लड़कियों को शिक्षा प्राप्त करने में मदद करने के लिए मुकुल ट्रस्ट, बारडोली, सरदार कन्या विद्यालय और स्वराज आश्रम की स्थापना की है।

महिलाओं और उद्यमिता के कौशल विकास और सशक्तिकरण में योगदान के लिए पूजा शर्मा को नारी शक्ति पुरस्कार प्रदान किया। गुरुग्राम की रहने वाली, पूजा ने 9 स्वयं सहायता समूह की स्थापना की, लगभग 1,000 महिलाओं को प्रशिक्षित किया और अपनी खाद्य निर्माण इकाइयों में 150 महिलाओं को रोजगार दिया।

पूजा शर्मा व रीता ताखे

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महिला उद्यमिता और स्थानीय उत्पाद को बढ़ावा देने में उत्कृष्टता के लिए तागे रीता ताखे को नारी शक्ति पुरस्कार प्रदान किया। अरुणाचल प्रदेश के सुबनसिरी की निवासी तागे रीता ताखे ने भारत की पहली ऑर्गेनिक कीवी वाइन 'नारा आबा' का उत्पादन किया है।

अल्पसंख्यक आदिवासी भाषाओं के संरक्षण के लिए सथुपति प्रसन्न श्री को नारी शक्ति पुरस्कार प्रदान किया गया। आंध्र विश्वविद्यालय की प्रोफेसर सथुपति प्रसन्न श्री 19 आदिवासी भाषाओं के लिए स्क्रिप्ट तैयार करने वाली दुनिया की पहली महिला हैं।

महिलाओं और लड़कियों के सशक्तिकरण में उल्लेखनीय प्रयासों के लिए शोभा गस्ती को नारी शक्ति पुरस्कार प्रदान किया गया। उन्होंने एक एनजीओ शुरू किया जिसने कर्नाटक के बेलगाम में 3600 से अधिक देवदासियों को मुख्यधारा में लाने में मदद की।

तारा रंगस्वामी व शोभा गस्ती

मानसिक विकारों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए राष्ट्रपति कोविंद ने तारा रंगास्वामी को नारी शक्ति पुरस्कार प्रदान किया। थारा रंगास्वामी ने तमिलनाडु में एक मुफ्त मोबाइल टेली-मनोचिकित्सा सेवा शुरू की। उनके द्वारा तैयार किए गए 'इंडियन डिसेबिलिटी इवैल्यूएशन एंड असेसमेंट स्केल' का उपयोग मानसिक विकारों के आकलन के लिए किया जाता है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महिला उद्यमिता और स्थानीय उत्पाद को बढ़ावा देने में उत्कृष्टता के लिए तागे रीता ताखे को नारी शक्ति पुरस्कार प्रदान किया। अरुणाचल प्रदेश के सुबनसिरी की निवासी तागे रीता ताखे ने भारत की पहली ऑर्गेनिक कीवी वाइन 'नारा आबा' का उत्पादन किया है।

श्रुति महापात्र व सथुपति प्रसन्न श्री

दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए श्रुति महापात्र को नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 'क्रूसेडर इन ए व्हीलचेयर' के नाम से जानी जाने वाली, उन्होंने ओडिशा में दिव्यांगजनों के उत्थान के लिए काम करने वाले गैर सरकारी संगठनों की स्थापना की।

भारतीय मर्चेंट नेवी में उत्कृष्टता और अनुकरणीय साहस के लिए राधिका मेनन को नारी शक्ति पुरस्कार प्रदान किया। वह मर्चेंट नेवी की पहली भारतीय महिला कैप्टन हैं और उन्होंने जून, 2015 में सात मछुआरों की जान बचाते हुए बचाव अभियान का नेतृत्व किया।

#International women day #women empowerment #story 

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.