अब किसी भी सरकारी विक्रेता की दुकान से ले सकेंगे राशन, ग्रामीणों को इस महीने से मिलेगा फायदा

Sachin Dhar DubeySachin Dhar Dubey   29 July 2019 11:11 AM GMT

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अब किसी भी सरकारी विक्रेता की दुकान से ले सकेंगे राशन, ग्रामीणों को इस महीने से मिलेगा फायदाimage credit- the financial express

लखनऊ। खाद्य और रसद विभाग ने नगरीय निकायों के राशन कार्ड धारकों के लिए नई योजना जारी करने का निर्देश दिया है। योजना के मुताबिक नगर पालिका और नगर पंचायत क्षेत्रों के राशन कार्ड धारक अब शहर के किसी भी सरकारी रेट विक्रेता के दुकान से राशन कार्ड दिखा कर राशन ले सकेंगे। इसके अलावा इस व्यवस्था को विभाग ग्रामीण क्षेत्रों में भी लागू करने की योजना पर भी काम कर रही है।

अगस्त से लागू हो जाएगी व्यवस्था

खाद्य विभाग के अपर आयुक्त अनिल दुबे ने गांव कनेक्शन को बताया कि यह आदेश तत्काल प्रभाव से प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में एक अगस्त से लागू हो जाएगा। उन्होंने बताया कि इस व्यवस्था को लागू करने से पहले प्रदेश के कुछ मुख्य निकायों में इसका ट्रायल रखा गया था। लखनऊ, बाराबंकी, गोरखपुर, वाराणसी और कानपुर नगर में यह ट्रायल सफल रहने के बाद अब इसे पूरे प्रदेश में लागू करने का फैसला लिया गया है।

पोर्टबिलिटी व्यवस्था की तहत 74 हजार कार्ड धारकों को मिलेगा लाभ

विभाग ने इस व्यवस्था को पोर्टबिलिटी व्यवस्था का नाम दिया है। अनिल दुबे ने कहा कि इससे पहले पहले राशन कार्ड धारक एक निश्चित दुकान से ही राशन ले सकते थें। इससे उन राशन कार्ड धारकों को काफी परेशानी उठानी पड़ती थी जो रहते किसी और क्षेत्र में हैं और उन्हें राशन किसी और क्षेत्र की दुकान से लेना पड़ता है। अब इस नई व्यवस्था की तहत वह नगर में किसी भी जगह के सरकारी रेट विक्रेता के दुकान से सरकारी कीमतों पर राशन खरीद सकते हैं।

पोर्टबिलिटी व्यवस्था को बेहतर तरीके से लागू करने के लिए खाद्य विभाग राशन कार्ड धारकों के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने का भी विचार कर रहा है। इसके साथ ही विभाग राशन विक्रेताओं को क्षेत्रवार ट्रेनिंग देने की भी योजना बना रहा है।

खाद्य विभाग के आंकड़े के अनुसार इस व्यवस्था से प्रदेश भर के नगरीय क्षेत्रों के तकरीबन 74 हजार कार्ड धारकों को इसका लाभ मिलेगा। जिनमें 44640 पात्र गृहस्थी राशन कार्ड धारक और 30,016 अंतयोदय कार्ड धारक इस योजना का लाभ उठाएंगे।

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अक्टूबर से ग्रामीण क्षेत्रोंं में भी इस व्यवस्था को लागू करने की तैयारी

नगरीय क्षेत्रों में इस व्यवस्था को लागू करने के बाद खाद्य विभाग प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसे लागू करने की योजना पर काम कर रहा है। खाद्य विभाग के अपर आयुक्त अनिल दुबे ने जानकारी दी कि हम ग्रामीण क्षेत्रों में भी इस व्यवस्था को लागू करने पर काम कर रहे हैं । ग्रामीण क्षेत्र में इस योजना को लेकर सरकार से मंजूरी मिल चुकी है। फूटप्रिंट भी लगभग तैयार है। विभाग की पूरी कोशिश है कि अक्टूबर तक इस योजना को ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन पर लागू कर दिया जाए।

दिसंबर तक करा लें राशन कार्ड को आधार से लिंक

अब सरकारी रेट विक्रेता के दुकान से राशन लेने के लिए राशन कार्ड का आधार से लिंक होना जरूरी है। अनिल दुबे कहते हैं कि सरकार और विभाग राशन कार्ड को आधार से लिंक कराने के लिए लगातार नोटिफिकेशन भी जारी कर रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों में इसको लेकर जागरूकता भी आ रही है और काफी संख्या में लोग अपना राशन कार्ड आधार से लिंक भी करा रहे हैं। उन्होंने जानकारी दी कि सरकार ने राशन कार्ड को आधार लिंक कराने का दिसंबर तक समय दिया है । दिसंबर के बाद बिना आधार लिंक राशन कार्ड पर धारकों को राशन मिलना बंद हो जाएगा।

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पोर्टबिलिटी सिस्टम की खासियत

पोर्टबिलिटी सिस्टम की तहत अगर किसी कार्डधारक ने एक बार किसी भी दुकान से फिंगर प्रिंट देकर राशन लिया है तो वह डाटा सर्वर में अपने आप सेव हो जाएगी। अनिल दुबे के मुताबिक इसके बाद वह दोबारा कहीं भी किसी भी दुकान से राशन लेना चाहेगा तो दुकान पर मौजूद ई-पॉश मशीन में राशन कार्ड को स्केल करते ही यह जानकारी सामने आ जाएगी कि व्यक्ति ने राशन कार्ड के माध्यम से राशन ले लिया है। इससे राशन को लेकर जालसाजी रूकेगी और विभाग को भी इस बारे में सटीक जानकारी मिलेगी कि राशन केद्र से कितना राशन का वितरण किया गया है। इससे राशन वितरण की प्रबंधन प्रणाली भी मजबूत होगी।

ई-पॉश मशीनों के जरिए बांटा जाएगा मिट्टी का तेल

प्रदेश में अनाज के अलावा केरोसिन( मिट्टी का तेल) भी ई-पॉश मशीनों के जरिए ही बांटा जाएगा। यह जानकारी आलोक कुमार ने अपने आदेश में दी। इसके अलावा उन्होंने सभी ऑइल कंपनियों से समय से केरोसीन की आपूर्ति के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि केरोसीन वितरण में पारदर्शिता लाने के लिए ई-पॉश मशीन मददगार साबित होगी। अभी तक ग्रामीण क्षेत्रों के 80 हजार कोटे की दुकानों पर केरोसीन मैनुअल तरीके से बांटा जाता है। अब इस पर जल्द ही रोक लगाकर ई-पॉश मशीनों के जरिए ही वितरण करवाया जाएगा। लेकिन मिट्टी के तेल पर पोर्टबिलिटी की व्यवस्था लागू नहीं होगी।

   

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