किसान आंदोलन के 100 दिन पूरे होने पर 6 मार्च को आंदोलनकारी किसान घरों पर लगाएंगे काले झंडे

संयुक्त किसान मोर्चा ने कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ाई के लिए आगे की रणनीति तय की है। 6 मार्च को किसान काले झंडे लगाएंगे तो चुनाव वाले राज्यों में भी बीजेपी सरकार की नीतियों के खिलाफ मुहिम चलाई जाएगी। 2 मार्च को सिंघु बॉर्डर पर हुई बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं।

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किसान आंदोलन के 100 दिन पूरे होने पर 6 मार्च को आंदोलनकारी किसान घरों पर लगाएंगे काले झंडे6 मार्च को दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के 100 दिन पूरे हो रहे हैं। फोटो अमित पांडे

कृषि कानूनों का विरोध कर आंदोलनकारी किसान 6 मार्च को किसान आंदोलन के 100 दिन पूरे होने पर सरकार के खिलाफ अपनी नाराजगी दिखाने के लिए अपने घर और कार्यालयों पर काले झंडे लहराएंगे। इसके साथ ही कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेस-वे (KMP) पर 5 घंटे की नाकेबंदी भी करेंगे। ये फैसला सिंघु बॉर्डर पर 2 मार्च को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में लिया गया है।

तीन कृषि कानूनों को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी की मांग को लेकर कई पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी यूपी, मध्य प्रदेश और राजस्थान समेत कई राज्यों के किसान 26 नवंबर 2020 से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने सिंघु बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर, टिकरी और शाहजहांपुर बॉर्डर पर धरना प्रदर्शन के 100 दिन पूरे होने पर सुबह 11 बजे से 4 बजे तक केएमपी एक्सप्रेस-वे पर नाकेबंदी का ऐलान किया है। इस दौरान टोल प्लाजा को भी फ्री किया जाएगा।

किसान नेता डॉ. दर्शनपाल की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि केएमपी पर नाकेबंदी के अलावा पूरे देश में आंदोलन को समर्थन के लिए और सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए घरों और कार्यालयों पर काले झंडे लहराए जाएंगे। प्रदर्शनकारी उस दि काली पट्टी भी बांधेंगे।"

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इसके साथ संयुक्त किसान मोर्चा ने 8 मार्च को महिला दिवस को महिला किसान दिवस के रूप में मनाने का ऐलान किया है। इस दौरान देशभर के सभी संयुक्त किसान मोर्चा के धरना स्थल 8 मार्च को महिलाओं के द्वारा संचालित होंगे। संयुक्त किसान मोर्चा ने इस दिन के लिए देश के अन्य महिला संगठनों और दूसरे लोगों को आमंत्रित किया है कि वे आंदोलन के समर्थन में ऐसे की कार्यक्रम करें और देश में महिला किसानों के योगदान को पर चर्चा करें।

15 मार्च 2021 को केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर निजीकरण विरोधी दिवस मनाया जाएगा। संयुक्त किसान मोर्चा ने ट्रेड यूनियन को समर्थन देने का ऐलान किया है।

मंगलवार (2 मार्च) की बैठक ये भी फैसला लिया गया है कि जिन राज्यों में अभी चुनाव होने वाले है, उन राज्यों में संयुक्त किसान मोर्चा भारतीय जनता पार्टी (BJP) की किसान-विरोधी, गरीब-विरोधी नीतियों को दंडित करने के लिए जनता से अपील करेगा। किसान नेता इस दौरान चुनाव वाले राज्यों का दौरा करेंगे और कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे।

संयुक्त किसान मोर्चा ने इसके साथ ही अपनी दूसरी प्रमुख मांग एमएसपी पर गारंटी कानून के लिए भी अभियान शुरु करेगा। डॉ. दर्शन पाल ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा, "MSP दिलाओ अभियान" तहत, विभिन्न बाजारों में किसानों की फसलों की कीमत की वास्तविकता को दिखाएगा, जो मोदी सरकार व एमएसपी के झूठे दावों और वादों को उजागर करेगा। यह अभियान दक्षिण भारतीय राज्यों कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में शुरू किया जाएगा। देश के बाकी राज्यों के किसान भी इस अभियान में शामिल किए जाएंगे।"


   

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