खुली बैठकों को बेहतर करने के लिए गांव में जाकर मीटिंग करेंगे अधिकारी

Ranvijay SinghRanvijay Singh   13 Nov 2019 1:01 PM GMT

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खुली बैठकों को बेहतर करने के लिए गांव में जाकर मीटिंग करेंगे अधिकारी

गांवों में होने वाली ग्राम सभा की बैठकों का हाल खराब है। ऐसी शिकायतें अक्‍सर सामने आती भी रहती हैं। ऐसे में अब उत्‍तर प्रदेश का पंचायती राज विभाग गांव में ग्राम सभा की मीटिंग को बेहतर करने की दिशा में जुटा है। इसके लिए अध‍िकारी गांव में जाकर गांव वालों के साथ मीटिंग करेंगे और उन्‍हें कार्ययोजना बनाने संबंधित जानकारी देंगे।

इस योजना के तहत उत्‍तर प्रदेश में मंडल स्‍तर पर मीटिंगों का दौर जारी है। इसी कड़ी में बुधवार को लखनऊ स्‍थ‍ित पंचायती राज भवन में मंडल स्‍तर के अधि‍कारियों की एक मीटिंग हुई। इस मीटिंग में यह तय हुआ कि गांव में अध‍िकारी मीटिंग करके गांव वालों को सालाना मीटिंग में भाग लेने के लिए प्रेरित करेंगे। इसके साथ ही गांव की कार्ययोजना को बनाने संबंधि‍त जानकारी भी गांव वालों को दी जाएगी। ग्राम पंचायतों में बैठक करके गांव वालों को 2020-21 के लिए ग्राम पंचायत विकास योजना (जी.पी.डी.पी) बनाने संबंध‍ित जानकारी भी दी जाएगी।

भारत में 2.39 लाख ग्राम पंचायतें हैं। नियम के मुताबिक इन ग्राम पंचायतों में होने वाले काम को खुद गांव के रहने वाले लोग तय करेंगे। जैसे- गांव में कहां सड़क की जरूरत है, कहां नाली बननी चाहिए, ऐसे तमाम काम गांव वाले तय करेंगे। इसके लिए गांव में ग्राम सभा की खुली बैठक बुलाने का प्रवधान है। यह बैठक साल में दो बार होनी चाहिए। एक बैठक खरीफ की फसल कटने के बाद और दूसरी रबी की फसल काटने के बाद होनी होती है। लेकिन यह बैठकें सिर्फ कागजों में हो जाती हैं, ऐसे में अब पंचायती राज विभाग इन बैठकों को सुचारू रूप से कराने की दिशा में काम करने जा रहा है।


पंचायती राज भवन भवन में हुई मीटिंग के बारे में बताते हुए पंचायती राज विभाग की उप निदेशक प्रवीणा चौधरी कहती हैं, ''इस बार हमारा फोकस रहेगा कि ग्राम पंचायतें अपनी कार्ययोजना बेहतर तरीके से बनाएं। कार्ययोजना में केवल निर्माण कार्यों पर ही फोकस न हो, बल्‍कि जो भी सामाजिक विकास की योजनाएं हैं उसे भी शामिल किया जाए।

प्रवीणा चौधरी बताती हैं, ''यह भी बताया जाएगा कि केवल पंचायती राज विभाग के फंड का ही प्‍लान न बनाया जाए, इसके साथ ही कृष‍ि विभाग, समाज कल्‍याण विभाग, सिंचाई विभाग जैसे अन्‍य विभागों की योजनाएं को भी ग्राम पंचायत के प्‍लान का हिस्‍सा बनाया जाए। आज हुई मीटिंग में यह तय हुआ है कि यह सुनिश्‍चित करना है कि पंचायतों की बैठकों में विभागों की भी सहभागिता हो, लोगों की भी सहभागिता हो और प्रधान की भी लीडशिप हो। यानि सभी लोग इसमें शामिल हों।''

''साथ ही यह भी बताया जाएगा कि फंड के हिसाब से प्‍लान तैयार किया जाए। क्‍योंकि कई बार ऐसा देखने में आता है कि ग्राम पंचायत का बजट है 50 लाख का और कार्ययोजना में 5 करोड़ का काम तैयार कर दिया गया। ऐसे में इसे बेहतर करने की भी जरूरत है।''

ग्राम पंचायत: खुली बैठकों के नाम पर हो रहा धोखा


  

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