मोदी कैबिनेट: इन मंत्रियों का नहीं बदला विभाग, ये है खास वजह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरूवार को प्रधानमंत्री पद की शपथ ले ली है। इनके साथ 57 मंत्रियों ने भी शपथ ग्रहण किया। इनमें से 24 कैबिनेट मंत्री, 09 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 24 राज्य मंत्रियों को पद और गोपनियता की शपथ दिलाई गई थी।
गाँव कनेक्शन 31 May 2019 8:36 AM GMT
लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरूवार को प्रधानमंत्री पद की शपथ ले ली है। इनके साथ 57 मंत्रियों ने भी शपथ ग्रहण किया। इनमें से 24 कैबिनेट मंत्री, 09 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 24 राज्य मंत्रियों को पद और गोपनियता की शपथ दिलाई गई थी। शुक्रवार सुबह इनके विभागों का बंटवारा किया। इस मंत्रीमंडल में कुछ ऐसे नाम हैं जिनका विभाग नहीं बदला गया है।
भाजपा सरकार में नितिन गडकरी ने परिवहन मंत्री के रूप में नया आयाम स्थापित किया। इनकी छवि 'विकास पुरुष' की है। सड़क निर्माण में अगर मोदी सरकार की वाहवाही होती है तो इसका बड़ा कारण नितिन गडकरी का बुनियादी ढांचे पर किए गए काम हैं। इस बार भी इन्हें परिवहन मंत्री बनाया गया है।
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डॉक्टर हर्षवर्धन सिंह को स्वास्थ्य मंत्रालय दिया गया है। 2014 में भी डॉ हर्षवर्धन को स्वास्थ्य मंत्रालय ही दिया गया था। डॉ. हर्षवर्धन अपनी ईमानदार और विनम्र छवि की वजह से पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की पसंद हैं। विनम्रता भरा सहज व्यवहार और सादगीपूर्ण व्यक्तित्व नई दिल्ली की चांदनी चौक लोकसभा सीट से चुनाव जीतने वाले डॉ हर्षवर्धन की पहचान है।
वहीं रवि शंकर प्रसाद को पहले की तरह ही कानून और आईटी मंत्री बनाया गया है। रविशंकर प्रसाद पहले भी मोदी सरकार में कानून मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। रविशंकर प्रसाद ने मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में 26 मई 2014 को संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री के रूप में नियुक्त होने के बाद से भारत के दूरसंचार क्षेत्र को पुनर्जीवित करने में अहम भूमिका निभाई।
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केंद्रीय मंत्री और शिरोमणि अकाली दल की उम्मीदवार हरसिमरत कौर बादल ने लोकसभा चुनाव में जीत दर्जकर कैबिनेट में स्थान बनाया है। 2014 में भी हरसिमरत कौर बादल खाद्य प्रसंस्करण मंत्री थी। इस बार भी इन्हें ही मौका दिया गया है।
पीयूष गोयल फिर से रेल मंत्री बनाये गए हैं। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में सबसे काबिल मंत्रियों में एक रहे। जिस मंत्रालय में मुश्किलें पेश आईं, गोयल को आगे किया गया और वो उसे पटरी पर ले आए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पिछली सरकार में पीयूष गोयल की एंट्री भी राज्यमंत्री के रूप में ही हुई थी लेकिन जल्द ही उनकी तरक्की हो गई थी और वो रेल मंत्री बन गए थे। जेटली की बीमारी के दौरान बजट पेश किया था।
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राम विलास पासवान उपभोक्ता मामलों के मंत्री बने रहेंगे। लोक जनशक्ति पार्टी के मुखिया राम विलास पासवान एक बार फिर एनडीए सरकार में कैबिनेट मंत्री बन गये हैं। लोकसभा चुनाव में इनकी पार्टी ने छह सीटों पर चुनाव लड़ा था और सभी पर जीत दर्ज की। इस शानदार प्रदर्शन इनाम मिला।
धर्मेंद्र प्रधान भी पेट्रोलियम मंत्री बने रहेंगे। वह 2014 की मोदी सरकार में भी पेट्रोलियम मंत्रालय का प्रभार संभालते हुए भाजपा सरकार की महत्वाकांक्षी उज्ज्वला योजना को कामयाब बनाया था। जिसके तहत देश के गरीब परिवारों को मुफ्त में गैस कनेक्शन दिए गए। साथ ही ओडिशा में बीजेपी को मिली जीत के पीछे भी इनका बड़ा हाथ माना जाता है।
प्रकाश जावड़ेकर को सूचना एवं प्रसारण मंत्री बनाया गया है। इसके अलावा उन्हें पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन की जिम्मेदारी भी दी गई है। पिछली मोदी सरकार में जावड़ेकर मानव संसाधन विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। राज्यसभा में बतौर सदस्य वह काफी सक्रिय रहे। 2008 से लेकर 2012 के बीच उन्होंने 12 गैर सरकारी विधेयक राज्यसभा में पेश किए।
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