बारिश से आलू-सरसों जैसी फसलों को नुकसान, गेहूं की खेती के लिए फायदेमंद

Divendra SinghDivendra Singh   23 Jan 2019 7:36 AM GMT

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बारिश से आलू-सरसों जैसी फसलों को नुकसान, गेहूं की खेती के लिए फायदेमंद

लखनऊ। पिछले कई दिनों से कई राज्यों बारिश से गलन बढ़ गई है, इससे बारिश से कई फसलों को फायदा भी होगा तो कई फसलें ऐसी भी हैं, जो बारिश से खराब हो गई हैं।

भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. बीएस त्यागी बताते हैं, "जहां पर अभी गेहूं की फसल में बालियां नहीं आयी हैं, उनमें ओला या बारिश से कोई नुकसान नहीं होगा, बल्कि ये फायदेमंद ही है। क्योंकि इस बार सर्दी नहीं पड़ रही थी, तापमान लगातार बढ़ने से गेहूं में पहले ही बालियां आ जाती जिससे उत्पादन पर भी असर पड़ता।"

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वो आगे कहते हैं, "अब बारिश होने से और सर्दी बढ़ने से गेहूं की फसल में वृद्धि होगी क्योंकि बारिश से प्रकाश संश्लेषण गतिविधि में वृद्धि होगी और यह फसल के उत्पादन को बढ़ाने में मदद करेगा और बालियों का आकार भी बढ़ेगा, लेकिन अगर लगातार ऐसे ही लगातार बारिश और कोहरा पड़ता है तो पीला रतुआ की संभावना बढ़ सकती है, लेकिन अभी ऐसी संभावना नहीं है।


केंद्रीय कृषि एवं कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी देशभर में रबी फसलों की बुवाई के आंकड़ों के अनुसार, इस बार गेहूं की बुवाई 294.7 लाख हेक्टेयर हुई है। जबकि दलहन की बुवाई 147.91 लाख हेक्टेयर हुई है। मोटे अनाज का रकबा 44.98 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया है। साथ ही सरसों की बुवाई 68.28 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में हुई है।

लेकिन बारिश और ओला सरसों, आलू और चने की फसल के लिए नुकसानदायक होगी। इस बारे में वो आगे बताते हैं, "इस समय सरसों व आलू दोनों ही फसलें कच्ची हैं। सरसों के जमीन पर लेटने से वह गलनी शुरू हो जाएगी, तो वही आलू के खेत में पानी अधिक देर ठहरने से आलू की फसल भी गलनी शुरू हो जाएगी।"


पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के चलते 26 जनवरी तक बारिश का सिलसिला चलेगा। इसके बाद 25 और 26 जनवरी को भी कुछ इलाकों में बर्फबारी की उम्मीद लगाई जा रही है।

उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और कश्मीर के पहाड़ी इलाकों में पिछले कई दिनों बर्फबारी हो रहा है जिसकी वजह से उत्तर प्रदेश के मैदानी इलाकों में बर्फीली हवा के चलते खासी गलन महसूस की जा रही है। मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 24 घंटे के दौरान राज्य के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहा लेकिन बर्फीली हवा की वजह से लोगों को कंपकंपाती सर्दी से कोई राहत नहीं मिली।

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