राजस्थान के डॉक्टरों ने पीएम मोदी को लिखा ख़त - एक दिन हमारे जैसी ज़िंदगी जीकर देखिए
गाँव कनेक्शन 24 Dec 2017 5:44 PM GMT
जयपुर। राजस्थान में ज़्यादा सैलरी की मांग को लेकर एम्स के डॉक्टर हड़ताल पर हैं। अपनी मांगों को जायज़ ठहराते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के लिए एक ख़त लिखा है। इस ख़त में उन्होंने लिखा कि हमारी परेशानियों को समझने के लिए पीएम को एक दिन के हमारी तरह की ज़िंदगी जी कर देखनी चाहिए। रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने पीएम को खत लिखकर कहा कि वो उनकी परेशानियों को समझने के लिए सरकारी अस्पताल में खराब इंफ्रास्ट्रक्चर और इमरजेंसी की स्थिति में मरीजों के रिश्तेदारों का दुर्व्यवहार सहते हुए भारी तनाव के बीच काम करके दिखाएं।
जयपुर एम्स के आरडीए अध्यक्ष हरजीत सिंह भाटी ने प्रधानमंत्री मोदी को ये ख़त लिखा है। उन्होंने लिखा -हम भाग्यवान है कि हमें आपके जैसा सतर्क प्रधानमंत्री मिला है। इब आरडीए एम्स आपसे गुजारिश करता है कि आप व्हाइट एप्रैन पहनें और सरकरी डॉक्टर की हैसियत से एक दिन तनाव को समझने की कोशिश करें, जिसे हम रोज़ झेलते हैं। आप उन मरीज़ों का गुस्सा भी झेलें जिनका इलाज़ खराब इंफ्रास्ट्रक्चर के चलते नहीं हो पाता है और सुविधाओं के अभाव में वो मरने की कगार पर पहुंच जाते हैं, जिसके लिए हेल्थकेयर सिस्टम जिम्मेदार है।
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इस ख़त में उन्होंने आगे लिखा - ये उन मंत्रियों के लिए मिसाल साबित होगा जो अपनी सस्ती लोकप्रियता के चक्कर में सारा इल्जाम सरकारी डॉक्टर्स पर डाल देते हैं। खत में लिखा है कि आपका सरकारी डॉक्टर्स के लिए बिताया गया एक दिन स्वास्थ्य विभाग के लिए टर्निंग प्वाइंट होगा क्योंकि इससे मेडिकल प्रोफेशनल में विश्वास उत्पन्न होगा।
बता दें कि हाल ही में राजस्थान के कई डॉक्टर्स को हड़ताल के बीच रेस्मां कानून लागू करने के बाद गिरफ्तार कर लिया था। राजस्थान के डॉक्टर्स 16 दिसंबर से हड़ताल पर है। ये हड़ताल असहायी तौर पर थी न कि जानबूझकर की गई थी क्योंकि राज्य सरकार ने रेस्मां क़ानून (राजस्थान आवश्यक सेवा कानून) लागू कर 86 डॉक्टर्स को गिरफ्तार कर लिया था। पत्र में कहा गया है कि उनकी यह मांगें पहले राज्य सरकार ने मान ली थीं, लेकिन बाद में उन्हें मानने से मना कर दिया गया जिसके चलते अविश्वास और गुस्से में डॉक्टर्स ने हड़ताल की थी।
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