गेहूं चावल से भरे रहेंगे अनाज के गोदाम: 2021-22 में देश में 316.06 मिलियन टन रिकॉर्ड खाद्यान का अनुमान

देश में गेहूं, चावल, चना, गन्ना, तिलहन और दलहन के रिकॉर्ड उत्पादन का अनुमान है। कृषि मंत्रालय के दूसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक देश भर में साल 2021-22 में 316.06 मिलियन टन खाद्यान अनुमानित है जो पिछले साल से 5.32 मिलियन टन ज्यादा है।

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गेहूं चावल से भरे रहेंगे अनाज के गोदाम: 2021-22 में देश में 316.06 मिलियन टन रिकॉर्ड खाद्यान का अनुमान

कृषि मंत्रालय के दूसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक देश भर में साल 2021-22 में 316.06 मिलियन टन खाद्यान अनुमानित है।

नई दिल्ली। कोरोना की तीसरी लहर से उबर रहे देश के लिए अच्छी ख़बर है। देश में साल 2021-22 में रिकॉर्ड खाद्यान अनुमान होने का अनुमान है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश में धान, गेहूं, तिलहन, दलहन और गन्ने का रिकॉर्ड उत्पादन होने वाला है। साल 2021-22 में 316.06 मिलियन टन खाद्यान होने का अनुमान है जो कि साल 2020-21 के 310.74 मिलियन टन से 5.32 मिलियन टन ज्यादा है।

साल 2021-22 के दूसरे अग्रिम अनुमान के हवाले से कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने कहा कि सभी प्रमुख फसलों का इस साल रिकॉर्ड उत्पादन होने का अऩुमान है। आंकड़ों के मुताबिक देश में खरीफ और रबी सीजन को मिलाकर देश में 127.93 मिलियन टन चावल होने का अनुमान है जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। साल 2020-21 में 124.37 मिलियन टन का उत्पादन हुआ था। वहीं देश की दूसरी प्रमुख फसल गेहूं है। चावल की अपेक्षा गेहूं कम राज्यों में उगाया जाता है। साल 2021-22 में 111.32 मिलियन टन गेहूं का उत्पादन अनुमानित है जो साल 2020-21 के 109.5 मिलियन टन से 1.82 मिलियन टन (18.02 लाख टन) ज्यादा है।

खाद्यान के रिकॉर्ड उत्पादन का श्रेय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान, वैज्ञानिक और सरकार की नीतियों को दिया। केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा, "देश में खाद्यान्न उत्पादन का लगातार नया रिकार्ड बन रहा है, जो किसान भाइयों-बहनों की कड़ी मेहनत, वैज्ञानिकों के कुशल अनुसंधान और सरकार की किसान हितैषी नीतियों का सद्परिणाम है।"

सरसों का बढ़ा रकबा।

तिलहन का रिकॉर्ड उत्पादन बढ़ा

साल 2021 में लोगों को खाद्य तेल कीमतों ने काफी परेशान किया। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस साल तिलहन का भी रिकॉर्ड उत्पादन होने का अनुमान है। साल 2021-22 के दूसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक देश में सरसों, रेप सीड, मूंगफल, सूरजमुखी, सोयाबीन, नाइजर सीड, अरंडी (Castorseed), तिल (Sesamum), अलसी (Linseed) को मिलाकर सभी 9 तिलहनों का उत्पादन 37.15 मिलियन टन होने का अनुमान है। जिसमें 11.46 मिलियन टन अकेले रेपसीड एवं सरसों है। ये भी एक रिकॉर्ड है। साल 2021 में 3200-3500 रुपए कुंटल बिकी सरसों कुछ समय बाद में 7500-8000 रुपए कुंटल तक पहुंच गई है, जिसके बाद किसानों ने सरसों की बुवाई में काफी रुचि दिखाई है।

पोषक/मोटे अनाज (Nutri/Coarse Cereals) का उत्पादन बढ़ा या घटा?

पिछले कुछ वर्षों में मोटे अनाज, कदन्न (ज्वार, बाजरा, रागी, मडुआ,सांवा, कोदो, कुटकी, कंगनी) की मांग तेजी से बढ़ी है। जिसके चलते किसानों को भी रुझान इन पोषण से भरपूर फसलों की तरफ गया है। साल 2021-22 के दूसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक देश में में कदन्न का 49.86 मिलियन टन उत्पादन होने का अनुमान है। साल 2020-21 में 51.32 मिलिटन टन उत्पादन हुआ था, जबकि 2019-20 का उत्पादन 47.75 मिलियन टन था। मोटे तौर पर बात करें तो सरकार के लक्ष्य और साल 2020-21 के मुकाबले ज्वार, बाजरा और रागी का उत्पादन कम हुआ है। हालांकि फाइनल नतीजे आना बाकी हैं। इस वर्ष कई बार की बारिश और मौसमी गतिविधियां भी एक वजह हो सकती है। हालांकि पिछले 5 वर्षों के औसत उत्पादन की बात करें तो पोषक/मोटे अनाजों का उत्पादन 3.28 मिलियन टन अधिक है। दुनियाभर में मोटे अनाजों को लोकप्रिय करने के लिए भारत सरकार के अनुरोध पर विश्व खाद्य संगठन और भारत साल 2023 को मोटे अनाज वर्ष के रुप में मनाएंगे।

मक्के की बात करें तो 2021-22 में 32.42 मिलियन टन यानि रिकार्ड उत्पादन होने का अनुमान है। जबकि साल 2020-21 में 31.65 मिलियन टन का उत्पादन हुआ था। पिछले 10 वर्ष में मक्के उत्पादन डेढ़ गुने से ज्यादा हुआ है। साल 2011-12 में 21.76 मिलियन टन का उत्पादन हुआ था।

वहीं ज्वार का उत्पादन 4.31 मिलियन टन अनुमानित है जो 2020-21 में 4.81 मिलियन टन था, जबकि 10 साल पहले की बात करें तो साल 2011-12 में 5.98 मिलियन टन का उत्पादन हुआ था। बाजरे के उत्पादन की बात करें तो 2021-22 में 9.22 मिलियन टन का अनुमान है जो 2020-21 में 10.86 था। वहीं अगर 10 साल पहले की बात करें साल 2011-12 में 10.28 मिलियन टन का उत्पादन हुआ था।

साल 2021-22 में रागी का उत्पादन 1.67 मिलियन टन अनुमानित है, 2020-21 में 2.00 मिलियन टन का उत्पादन हुआ था। वहीं 2019-20 में 1.76 मिलियन टन का उत्पादन हुआ था। वहीं 10 वर्ष पहले की बात करें तो साल 2011-12 में 1.93 मिलियन टन का उत्पादन हुआ था।

साल 2021-22 में अनुमानित खाद्यान उत्पादन। ग्राफ. मो. फराज

दलहन का रिकॉर्ड उत्पादन

साल 2021-22 में दलहन का रिकॉर्ड उत्पादन 26.96 मिलियन टन तक पहुंचने का अनुमान है। ठीक एक साल पहले 2020-21 की बात करें तो देशभर में 25.46 टन का उत्पादन हुआ था, जिसमें तुर, उड़द, मूंग, मसूर और दूसरी क्षेत्रीय दलहनी फसलें शामिल हैं। देश में दलहन की फसलों में सबसे ज्यादा उत्पादन चने का होता है। ये भी कह सकता है, जितना चना पैदा होता है, बाकी सब दलहनी फसलें मिलाकर लगभग उतना उत्पादन होता है। और चने का इस साल रिकॉर्ड उत्पादन हो सकता है। साल 2021-22 में 13.12 मिलियन टन का उत्पादन अनुमानित है. साल 2020-21 में 11.91, साल 2019-20 में 11.08 मिलियन टन का उत्पादन हुआ था।

साल 2021-22 में अरहर (तुर) का उत्पादन 4.00 मिलियन टन अनुमानित है, जबकि 2020-21 में 4.32 मिलियन टन उत्पादन हुआ था। उड़द की बात करें तो रबी और खरीफ सीजन को मिलाकर 2.66 मिलियन टन का उत्पादन होने का अनुमान है जबकि सास 2020-22 में 2.23 मिलियन टन का उत्पादन हुआ था। वहीं दोनों सीजन मिलाकर मूंग का उत्पादन 3.06 मिलियन टन होने का अनुमान है। वहीं अगर मसूर की बात करें तो 1.58 मिलियन टन का उत्पादन अनुमानित है।

दलहन उत्पादन के बारे में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय में संयुक्त सचिव सुभा ठाकुर ने सोशल मीडिया पर लिखा, "2021-22 के दौरान कुल दलहन उत्पादन 26.96 मिलियन टन होने का अनुमान है जो पिछले पांच वर्षों के औसत उत्पादन 23.82 मिलियन टन से 3.14 मिलियन टन अधिक है।"


गन्ने का उत्पादन भी बढ़ा

वर्ष 2021-22 के दौरान देश में गन्ना का उत्पादन 414.04 मिलियन टन अनुमानित है, जो 373.46 मिलियन टन औसत गन्ना उत्पादन की तुलना में 40.59 मिलियन टन अधिक है। देश में यूपी, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक समेत कई राज्यों में गन्ने की बड़े पैमाने पर खेती होती है। देश में करीब 5 करोड़ किसान परिवार गन्ने की खेती से जुड़े हैं।

कपास का उत्पा‍दन 34.06 मिलियन गांठें (प्रति 170 कि.ग्रा.) अनुमानित है, जो 32.95 मिलियन गांठें औसत उत्पादन की तुलना में 1.12 मिलियन गांठें अधिक है। पटसन व मेस्ता का उत्पादन 9.57 मिलियन गांठें (प्रति 180 किलोग्राम) अनुमानित हैं।

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