ढाका: शेख हसीना से मिलकर रोहिंग्या मसले पर सुषमा स्वराज ने की वार्ता
गाँव कनेक्शन 23 Oct 2017 9:37 AM GMT
लखनऊ। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज बांग्लादेश की दो दिवसीय यात्रा पर रविवार को पहुंचीं। देर शाम उनकी प्रधानमंत्री शेख हसीना से मुलाकात हुई। जैसा कि कयास लगाया जा रहा था रोहिंग्या शरणार्थी मसले पर दोनों के बीच लंबी वार्ता चली। स्वराज ने उनको बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी ने भी म्यामांर की नेता आंग सेन सू की को सलाह दी है कि वह अपनी छवि को खराब न होने दें। दोनों देशों ने संयुक्त बयान में म्यांमार से कहा कि रोहिंग्या शरणार्थियों को वह वापस बुलाए। सुषमा का कहना था कि म्यामांर को आतंकियों और आम आदमी में फर्क करना होगा। दोनों के खिलाफ एक जैसी सैन्य कार्रवाई करना सिरे से गलत है। उन्होंने बांग्लादेश सरकार के उदार रवैया की जमकर सराहना की।
वार्ता के दौरान उनका कहना था कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को रखाइन प्रांत के उद्धार के आगे आना चाहिए। इससे पहले विदेश मंत्री ने अपने बांग्लादेशी समकक्ष एएच महमूद अली के साथ भारत-बांग्लादेश की संयुक्त सलाहकार समिति की बैठक की सह-अध्यक्षता भी की। बैठक में द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की गई। स्वराज ने बताया कि बांग्लादेश को आठ अरब डॉलर का ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। भारत ने इतनी बड़ी सहायता राशि अब तक किसी देश को नहीं दी है। उन्होंने कहा कि भारत अपने पड़ोसी देश को 660 मेगावाट बिजली की आपूर्ति कर रहा है। भविष्य में यह दोगुनी की जा सकती है। अंतरराष्ट्रीय सौर ऊर्जा समझौते में भी दोनों देश मिलकर काम करेंगे।
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दोनों देश सिलीगुड़ी से बांग्लादेश के पार्बतीपुर के बीच पेट्रोलियम पाइपलाइन का निर्माण करने को सहमत हुए हैं। उनका कहना है कि ढाका-मैत्री एक्सप्रेस के फेरे बढ़ाने के साथ संपर्क मजबूत करने के अन्य मसलों पर भी भारत विचार कर रहा है। विदेश मंत्री ने कहा कि बांग्लादेश के स्वतंत्रता सेनानियों को बहु प्रवेश वीजा देने के साथ उनके इलाज के लिए भारत में सुविधा उपलब्ध कराने पर भी विचार किया जा रहा है।
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यात्रा के दौरान दक्षिण पश्चिमी शहर खुलना में लघु एवं मध्यम उद्यमों के लिए साझा सुविधा केंद्र बनाने और बांग्लादेश को हाई स्पीड डीजल के निर्यात के समझौते पर हस्ताक्षर हो सकते हैं। इसके अलावा स्वराज भारत सरकार द्वारा बनाई गईं 15 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगी। इससे पहले हाल ही में वित्त मंत्री अरुण जेटली की यात्रा के दौरान बिजली, रेलवे, सड़क और जहाजरानी समेत प्रमुख विकास परियोजनाओं के लिए बांग्लादेश को 4.5 अरब डॉलर (करीब 29,288 करोड़ रुपये) का ऋण उपलब्ध कराने की घोषणा की गई थी। बांग्लादेश के विकास में भारत की मदद को वहां चीन के बढ़ते प्रभाव से मुकाबले के प्रयास के रूप देखा जा रहा है। चीन वहां के उद्यमों में पैठ बनाने का प्रयास कर रहा है।
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