कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब विधानसभा में आज विशेष सत्र, किसान संगठनों का और तेज हुआ आंदोलन

देश में नए कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब विधानसभा में आज से दो दिवसीय विशेष सत्र शुरू होने जा रहा है। पंजाब में कृषि कानूनों के खिलाफ कई दिनों से किसान संगठनों का विरोध प्रदर्शन चल रहा है।

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कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब विधानसभा में आज विशेष सत्र, किसान संगठनों का और तेज हुआ आंदोलनपंजाब में कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों का जारी है रेल रोको आंदोलन।

नए कृषि कानूनों के विरोध में जहाँ एक तरफ पंजाब में किसान संगठनों का रेल रोको आंदोलन और तेज होता जा रहा है, दूसरी तरफ कृषि कानूनों के विरोध में आज पंजाब सरकार का विधानसभा में दो दिवसीय विशेष सत्र शुरू होने जा रहा है।

इस विशेष सत्र में विधायक दल सर्वसम्मति से कृषि कानूनों को पंजाब में लागू नहीं करने पर वकालत करेंगे। साथ ही कृषि कानूनों पर चर्चा के बाद पंजाब सरकार की ओर से विधेयक भी पेश किया जा सकता है।

किसान संगठनों का समर्थन करते हुए कृषि कानूनों के खिलाफ ऐसा करने वाला पंजाब देश का पहला राज्य होगा। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह पहले ही कह चुके हैं कि कृषि कानूनों के खिलाफ यह लड़ाई जारी रहेगी और पंजाब सरकार इस मामले को सुप्रीम कोर्ट तक लेकर जायेगी।

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने यह भी कहा कि कांग्रेस के लिए यह लड़ाई कोई राजनीति नहीं है, बल्कि पंजाब के किसानों और कृषि को बचने का प्रयास है। इस पर जो भी फैसला लिया जाएगा, वह किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए लिया जाएगा।

दूसरी ओर नए कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब में किसान संगठनों का रेल रोको आंदोलन और तेज होता जा रहा है। किसान आंदोलन की वजह से भारतीय रेलवे को अब तक कई ट्रेनें रद्द करनी पड़ी हैं। यह आंदोलन पंजाब में एक अक्टूबर से जारी है।

पंजाब में किसानों के आंदोलन को लेकर भाजपा को भी झटका लगा है। दो दिन पहले पंजाब भाजपा के महासचिव मालविंदर सिंह कंग ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इससे पहले शिरोमणि अकाली दल कृषि कानूनों के खिलाफ पहले ही भाजपा से किनारा कर चुकी है।

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