कृषि अध्यादेश के 2 बिल राज्यसभा में पास, जानिए किस सांसद ने चर्चा के दौरान क्या कहा, किस किस के बीच हुई कहासुनी

Arvind ShuklaArvind Shukla   20 Sep 2020 8:55 AM GMT

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सड़क से लेकर संसद तक जोरदार हंगामे और प्रदर्शनों के बीच 2 किसान बिल संसद के ऊपरी सदन में पास हो गए। बिल पहले से लोकसभा में पास हो चुके हैं इसलिए अब उन्हें राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा, जिसके बाद कानून बन जाएगा। कृषि रिफार्म के नाम पर तीन अध्यादेश लॉकडाउन के दौरान नरेंद्र मोदी सरकार लाई थी, जिन्हें लागू तो कर दिया गया था लेकिन संसद में पास होना जरुरी है

कौन कौन से बिल हुए पास

राज्यसभा में आज कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) बिल ( Farmers' Produce Trade & Commerce (Promotion & Facilitation) Bill 2020 और कृषक (सशक्ति करण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020 Farmers (Empowerment & Protection) Agreement on Price Assurance & Farm Services Bill 2020 आज यानि 20 सितंबर 2020 को राज्यसभा में ध्वनिमत से पास हुए।

बिल पर चर्चा के दौरान सदन में क्या-क्या हुआ

देशभर में मचे हंगामे के बीच मानसून सत्र के दौरान कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने उपसभापति के समक्ष पेश किया, जिस पर चर्चा के दौरान भारी हंगामा हुआ। सदन के कई सदस्यों ने बिल को सेलेक्ट कमेटी को भेजने की मांग की जिसे खारिज कर दिया गया। ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी (तृणमूल कांग्रेस) के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने सदन की कार्यवाही को अलोकत्रांतिक बताते हुए बिल बुक फाड दी। इस दौरान टीएमसी के दूसरे सांसद भी डेरेक ओ ब्रायन के साथ हंगामा करते रहे।

केंद्र की सत्ताधारी बीजेपी को छोड़कर लगभग पूरा विपक्ष किसान बिलों के खिलाफ है। यहां तक कि एनडीए में सहयोगी पंजाब की मुख्य पार्टियों में से एक अकाली दल की मंत्रि हरसिमत कौर ने कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है और आज सदन में अकाली दल ने तीनों बिलों की जोरदार मुखालफत की। किसानों की पार्टी रही और किसानों के नेता कहे जाने प्रकाश सिंह बादल की शिरोमणि अकाली दल ने सदन में सरकार से तीखी बहस के बीच चेतावनी तक दे डाली। अकाली दल भी बिल को पहले सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांग करता रहा है। अकाली दल के सांसद नरेश गुजराल ने राज्यसभा में चर्चा के दौरान कहा कि सरकार चेताया कि वो किसानों को कमजोर समझने की भूल न करे, सरकार को चाहिए कि पहले बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाए फिर उसके उससे जुड़े पक्षों (किसान, आढ़ती, बटाईदार और दूसरे लाभ उठाने वाले) का पक्ष जाना जाए फिर सदन में पेश किया जाए। उन्होंने अकाली दल को सदन में बोलने के लिए सिर्फ 2 मिनट बोलने के लिए दिए जाने पर भी सवाल उठाए। उन्होंने देश का पेट भरने के लिए, अनाज का बंपर उत्पादन करने के लिए पंजाब के किसानों का क्रेडिट दिया।

देखिए क्या कह रहे थे कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर जिसके बाद हुआ जमकर हंगामा

सदन में चर्चा के दौरान कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मोदी सरकार की किसानों को लेकर उपलब्धियां गिनाईं तो कांग्रेस और यूपीए सरकार पर हमला भी बोला। कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी साफ कर चुके हैं कि देश में एमएमपी पर जो खरीद होती रही है वो आगे भी होती रहेगी इस पर किसी को संशय नहीं होना चाहिए। उन्होंने यूपीए के दो कार्यकालों और पीएम मोदी के दो कार्यकालों 2014 से लेकर 2020 तक की उपलब्धियां आंकड़ों के जरिए गिनाईं।

कृषि मंत्री ने कहा कि 2014-15 में धान की एमएसपी 1410 रुपए थी जो 2019-20 में बढ़कर 1815 रुपए है। इसी तरह गेहूं 1525 से बढ़कर 1925 रुपए पर पहुंच गया है। खरीफ के लिए एसएसपी पर ही जल्द खरीफ शुरु होगी जबकि आने वाले रवी सीजन के लिए जल्द न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी किया जाएगा। उन्होंने पीएम मोदी के 10 हजार एफपीओ बनाए जाने और कृषि को लेकर एक लाख करोड़ के फंड को किसानों दशा सुधारने वाला कदम बताया।

इस दौरान विपक्ष के नेता गुलाब नबी आजाद, आम आदमी पार्टी के संजय समेत कई नेता चाहते थे कि सदन में विपक्ष के कम संख्या बल को देखते हुए कार्यवाही स्थगित की जाए और सोमवार को कृषि मंत्री अपना पूरा भाषण पढ़ें जिस पर चर्चा हो। लेकिन उपसभापति ने इस अस्वीकार कर दिया जिसके बाद कई सांसद बेल में आ गए और जोरदार हंगामा किया।

खबर अपडेट हो रही है..

पंजाब से कांग्रेस के सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने अपनी बात इस शेर से की "सरकारें तमाम उम्र ये भूल करती रहीं, धूल उनके चेहरे पर थीं वो आइना साफ करती रहीं.." ये बिल किसान की आत्मा पर घाव हैं, कांग्रेस पार्टी इन्हें रिजेक्ट करती हैं। ये बिल खास तौर से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी यूपी के किसानों के खिलाफ हैं। हम किसी कीमत पर किसानों के डेथ वारंट पर दस्तख्त नहीं करेंगे। वीडियो में सुनिए प्रताप सिंह बाजवा ने बिल और पंजाब के किसानों को लेकर क्या कहा...




    

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