छत्तीसगढ़: सरकार को 15 दिनों का अल्टीमेटम देकर सांतवें दिन आदिवासियों ने खत्म किया आंदोलन
Tameshwar Sinha 13 Jun 2019 11:39 AM GMT
दन्तेवाड़ा (छत्तीसगढ़)। देव पहाड़ी नंदराज को बचाने के लिए सरकार से संघर्ष कर रहे आदिवासियों का आंदोलन सातवें दिन खत्म हो गया है। सात जून से किरंदुल में एनएमडीसी के चेकपोस्ट पर धरना दे रहे आदिवासी वापस लौटने लगे हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से आश्वासन मिलने के बाद पिछले सात दिनों से आंदोलन कर रहे आदिवासियों ने राज्य सरकार को 15 दिन का अल्टीमेट देते हुए आंदोलन खत्म कर दिया है। पंचायत संघर्ष समिति ने अपना आंदोलन वापस लेने का एलान किया है। राज्य सरकार द्वारा उनकी मांगें मानने के बाद गुरुवार को आंदोलन खत्म करने का निर्णय लिया गया और आदिवासी अपने गांव लौटने लगे हैं।
जल, जंगल, जमीन के लिए सालों से लड़ाई लड़ रहे हैं, आदिवासी समाज ने अब अपनी इष्ट देव पहाड़ी पहाड़ को बचाने के लिए अडानी की कंपनी को एनएमडीसी के 13 नंबर लोह अस्यक खदान देने के विरोध में पिछले सात दिनों से आंदोलन कर रहे थे। हजारों के तादाद में आदिवासियों ने एनएमडीसी के चेकपोस्ट को घेरा हुआ ही और वहां धरना प्रदर्शन किया जा रहा था।
आदिवासी नेताओं और पंचों सरपंचों ने शासन-प्रशासन को 15 दिनों की मोहलत दी है। इन लोगों ने कहा है कि अगर 15 दिनों के अंदर इस मामले पर सकारात्मक कार्यवाही नहीं होती है तो फिर वह लोग एनएमडीसी के गेट पर दोबारा धरना देंगे, और इसके बाद वे सडक़ से सदन तक इस आंदोलन को लेकर जाएंगे। इसकी पूरी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी। आदिवासी नंदराज पहाड़ को लेकर ज्यादा चिंतित हैं। इसके अलावा वनों की अंधाधुंध कटाई से भी इनको शिकायत है ।
बुधवार की देर शाम एसडीएम नूतन कंवर ने नोटिस जारी कर रात 12 बजे तक धरना स्थल खाली करने का निर्देश दिया है। कहा जा रहा है कि यदि रात 12 बजे तक धरना स्थल खाली नहीं किया गया तो प्रशासन द्वारा बल का प्रयोग कर खाली करवाया जा सकता है।
बस्तर के दंतेवाडा जिले के किरंदुल स्थित बैलाडीला आयरन ओर माइंस परिसर (एनएमडीसी) कार्यालय के सामने आदिवासियों का सात जून को शुरू हुआ था। दंतेवाडा जिले के संयुक्त पंचायत समिति के अगुवाई में हो रहे यह आन्दोलन एनएमडीसी द्वारा अदानी ग्रुप को 13 नंबर खदान दिए जाने पर अनिश्चित कालीन हड़ताल एवं विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
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