उत्तर प्रदेश : बारिश और तेज हवा में गिरीं सैकड़ों बीघा फसलें, खेतों में भरा पानी
बीते तीन दिनों में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों में हुई भारी बारिश की वजह से कई किसानों की धान की फसलें बर्बाद हो गयी है। धान के अलावा गन्ना और दूसरी फसलों को भी खासा नुकसान पहुंचा है।
गाँव कनेक्शन 26 Sep 2020 1:45 PM GMT
(सीतापुर से मोहित शुक्ला, लखीमपुर से विनय शुक्ला और बाराबंकी से वीरेंद्र सिंह की रिपोर्ट)
उत्तर प्रदेश के कई जिलों में तीन दिनों से लगातार रुक-रुक कर हो रही बारिश ने किसानों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। कई किसानों की खेतों में खड़ी धान की फसलें गिर गयी हैं।
उत्तर प्रदेश में मानसून की शुरुवात के महीनों में अच्छी बारिश रिकॉर्ड की गयी। मगर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद, बुलंदशहर, बागपत, बिजनौर, सहारनपुर, नोएडा, मुजफ्फरनगर जैसे जिलों में बीते महीने मौसम विभाग के भविष्यवाणी की अपेक्षा 45 फीसदी कम बरसात दर्ज की गई है।
इस बीच मौसम विभाग ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में 23 से लेकर 25 सितम्बर तक भारी वर्षा की भविष्यवाणी की थी। इस बारिश के साथ चलीं तेज हवाओं से किसानों की फसलों को खासा नुकसान पहुंचा है।
Sub-Himalayan West Bengal & Sikkim; East Uttar Pradesh on 23rd-25th and Bihar on 23rd- 26th September, 2020.
— India Met. Dept. (@Indiametdept) September 23, 2020
ii) Isolated extremely heavy rainfall also very likely over over Sub-Himalayan West Bengal & Sikkim x
लखीमपुर खीरी जिले के सदरपुर गाँव के किसान बबलू मिश्र की एक एकड़ में लगी गन्ने की फसल इस बारिश में बर्बाद हो गयी। बबलू 'गाँव कनेक्शन' से बताते हैं, "आमदनी कुछ है नहीं और खेती में खर्चे पर खर्चे बढ़ते चले जा रहे हैं। हमारी फसल चौपट हो गयी है, अब कैसे गन्ने की बंधाई कराई जाये। मजदूर भी नहीं मिल रहे, कुछ समझ मे नही आ रहा है।"
केवल लखीमपुर जिले की बात करें तो मौसम विभाग के मुताबिक लखीमपुर खीरी में 65.4 मिमी बारिश हुई है। जबकि मोहम्मदी क्षेत्र में 80 मिमी और निघासन क्षेत्र में 173.4 मिमी बारिश हुई। बारिश के दौरान करीब 18 किमी प्रति घंटे के वेग से हवाएं चलीं, जिससे पकने को तैयार कई किसानों की धान की फसल औंधे मुंह खेत में गिर गई।
लखीमपुर खीरी से 50 किलोमीटर दूर सीतापुर में भी कई किसानों को बारिश की वजह से नुकसान हुआ है। सीतापुर के किसान राजेश यादव की दो एकड़ धान की फसल खराब हो गयी है।
राजेश यादव बताते हैं, "हमारी फसल तैयार खड़ी थी, मगर मजदूर न मिलने के चलते कटाई में देरी हो गयी। और अब बारिश ने सब कुछ बर्बाद कर दिया है, हमारी पूरी फसल चौपट हो गयी है।"
वही सीतापुर जिले से करीब 100 किलोमीटर दूर तहसील फतेहपुर के ग्राम लखनापुर निवासी किसान पवन अवस्थी बताते हैं, "हमारे क्षेत्र में धान की एडवांस ब्राइट बोई जाती है, हम लोग धान की फसल को काटकर आलू की खेती करते हैं, हमारी धान की फसल तो लगभग तैयार थी, मगर सब चौपट हो गया।"
"बरसात और तेज हवाओं ने सारी फसल चौपट कर दी, खेतों में पानी भरा है, अब धान के उत्पादन पर तो असर आएगा ही, और फसल को तैयार करने में भी अधिक खर्च आएगा," पवन आगे बताते हैं।
वहीं इसी तहसील के लालापुर गाँव के निवासी किसान जनार्दन वर्मा कहते हैं, "हमारे क्षेत्र में कई किसानों के धान पूरी तरह से जमींदोज हो गए, फसल की बर्बादी हुई है, लेकिन कोई भी अधिकारी कर्मचारी सर्वे करने हमारे क्षेत्र में नहीं आया है।"
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