Lockdown : ये रो रहे हैं, भूखे पेट हैं, हर किसी से मदद की गुहार लगा रहे हैं
दिल्ली समेत उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, महाराष्ट्र, हरियाणा, मध्य प्रदेश, झारखण्ड जैसे राज्यों से निकले ये मजदूर बड़ी मुसीबत में फँस चुके हैं।
Kushal Mishra 30 March 2020 6:26 AM GMT
पहले कुछ तस्वीरें देखें ...
ये तस्वीरें उस देश की हैं जहां 21 दिनों का लॉकडाउन है। हम और आप कोरोना वायरस के डर से घरों में कैद हैं मगर ये मजदूर अपने घर लौटने के लिए परेशान हैं। साधन नहीं है तो ये पैदल ही सैकड़ों किमी की यात्रा पर निकल पड़े हैं। पिछले कई दिनों से भारत में कोरोना की लड़ाई मजदूरों को भोजन और उनके गंतव्य तक पहुंचाने पर केंद्रित नजर आने लगी है।
दिल्ली समेत उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, महाराष्ट्र, हरियाणा, मध्य प्रदेश, झारखण्ड जैसे राज्यों से निकले ये मजदूर बड़ी मुसीबत में फँस चुके हैं। अपने घर जाने के लिए इनके पास कोई साधन नहीं है, ये रो रहे हैं, भूखे पेट हैं, बीच रास्ते में फँस चुके हैं और हर किसी से मदद की गुहार लगा रहे हैं।
रोज कमाकर अपना पेट भरने वाले ऐसे लाखों मजदूरों के सड़कों पर निकलने की तस्वीरें सामने आने के बाद राज्य सरकारें हरकत में आईं और लॉकडाउन के दो दिन के बाद इन प्रवासी मजदूरों की सुविधा के लिए खाने-पीने की व्यवस्था करने के आदेश दिए। जबकि केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के चौथे दिन सभी राज्य सरकारों को इन मजदूरों के लिए जरूरी कदम उठाने की अपील की। ऐसे में सवाल यह है कि लॉकडाउन से पहले आखिर क्यों सरकार ने इन गरीबों के बारे में नहीं सोचा?
"हम मजदूरों की क्या गलती थी, हमें इतना समय भी नहीं दिया गया कि हम बस या ट्रेन से अपने घर पहुँच सकें। हम मजदूरों के बारे में तो सोचना चाहिए था, तीन दिनों बाद जैसे-तैसे लखनऊ पहुंचे हैं, अम्बेडकरनगर जाना है, बस पैदल चले जा रहे हैं, न जाने कब पहुंचेंगे, बहुत बुरी हालत है," लखनऊ के चारबाग बस अड्डे में बस मिलने की उम्मीद से पहुंचे सूरज कुमार बताते हैं। सूरज दिल्ली में एक टाइल्स के कारखाने में मजदूरी करते थे।
लॉकडाउन के बाद 24 मार्च की रात से ही हजारों की संख्या में मजदूर दिल्ली-एनसीआर की सीमा से उत्तर प्रदेश और बिहार में अपने-अपने घरों की ओर पैदल ही चल पड़े। दिल्ली में कई बेघर मजदूर बस अड्डों में ही फँसे रह गए। तीन-तीन दिनों तक इंतज़ार करने के उन्हें बस नहीं मिली और पुलिस की लाठियां खाने को मजबूर हुए।
आनंद विहार बस अड्डे से बड़ी संख्या में मजदूर तपके के लोग पैदल जा रहे हैं,दिल्ली से वापस अपने घर जाना चाहते हैं,लेकिन जाने का कोई साधन नहीं,न जेब में पैसा है ,एक लड़का काफी रो रहा है कह रहा है पुलिस मारने के लिए दौड़ती है,हम कहाँ जाएं#lockdownindia #Corinnavirus pic.twitter.com/Cw5buZIzVP
— Mukesh singh sengar मुकेश सिंह सेंगर (@mukeshmukeshs) March 24, 2020
भुखमरी से बचने के लिए इन मजदूरों के पास घर पहुँचने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। कोरोना वायरस से खौफ के बावजूद दिल्ली से हजारों मजदूरों का पलायन अभी भी जारी है। ऐसे में मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए सरकार की ओर से बस की सुविधा उपलब्ध कराने की अफवाह फैलने के बाद 28 मार्च को हजारों की तादाद में मजदूर आनंद विहार बस अड्डे और धौलकुवां पहुंच गए और सरकार की ओर से लॉकडाउन की व्यवस्था धरी की धरी रह गयी।
Scenes at the Delhi UP Border!
— Kannan Gopinathan (@naukarshah) March 28, 2020
We are possibly seeing the biggest human migration on foot after partition. One can see streams of people on foot on all highways. Without water or food. Terrible terrible human cost. pic.twitter.com/njMbzPk3Qp
Anand Vihar bus station in New Delhi right now. Thousands of migrants have lined up to catch buses back home. Story out soon on @bsindia: #Covid19India #CoronaLockdown #MigrantsOnTheRoad pic.twitter.com/JisGSqdQQo
— Somesh Jha (@someshjha7) March 28, 2020
वहीं दिल्ली से मध्य प्रदेश अपने गाँव जाने के लिए पैदल निकले एक मजदूर की रास्ते में ही मौत होने से खलबली मच गयी। यह मजदूर रणवीर (38 वर्ष) मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में अंबाह के गांव बड़ का पुरा का रहने वाला था और दिल्ली के एक रेस्टोरेंट में काम करता था। इसके बावजूद दिल्ली से हजारों मजदूरों के पलायन का क्रम लगातार जारी है।
नरेंद्र मोदी की मूर्खतापूर्ण लॉक डाउन की वजह से दिल्ली से मुरैना अपने घर को वापस जा रहे एक गरीब दिहाड़ी मजदूर की भूख प्यास से तड़पते हुए मौत हो गई।😥😢
— Suraj Kumar Bauddh (@SurajKrBauddh) March 28, 2020
माफ कीजिए.. यह मौत नहीं बल्कि हत्या है। सरकार के द्वारा की गई सरेराह निर्मम हत्या।
मजदूरों के पलायन से जुड़ी दिल्ली जैसी तस्वीरें देश के अलग-अलग राज्यों से भी सामने आ रही हैं। राजस्थान में भी मजदूरों का पलायन जारी है। जयपुर के सिन्धी कैंप बस स्टेशन में दिल्ली के आनंद विहार जैसा नजारा दिखा जहाँ हजारों की संख्या में मजदूर अपने घर जाने के लिए सड़कों पर नजर आये।
Anand Vihar like situation in Sindhi Camp Bus Station, Jaipur. @ashokgehlot51 failed to help migrants in Rajasthan, Now they are forced to leave their native States.
— Prashant Patel Umrao (@ippatel) March 28, 2020
Horrible days are coming!@SachinPilot#pmcares pic.twitter.com/9xorY0D7yB
राजस्थान से निकले एक मजदूर अमर सिंह यादव ने बताया कि उन्होंने जोधपुर से अपनी पैदल यात्रा शुरू की थी और उन्हें उत्तर प्रदेश के बाँदा जाना है, करीब 900 किलोमीटर दूर।
Rajasthan: Migrant workers walking on foot in Jaipur to reach their homes in Uttar Pradesh in absence of transport services due to #CoronavirusLockdown. "I started my journey from Jodhpur & will go to Banda - a distance of over 900 kilometers," says Amar Singh Yadav, a labourer. pic.twitter.com/PaWLL4zdjS
— ANI (@ANI) March 28, 2020
राजस्थान में प्रवासी मजदूरों के लिए काम कर रही संस्था आजीविका ब्यूरो के प्रोग्राम मैनेजर कमलेश शर्मा 'गाँव कनेक्शन' से बताते हैं, "प्रवासी मजदूरों का पलायन लगातार जारी है। इसके अलावा हर रोज करीब 20 हज़ार से ज्यादा मजदूर राजस्थान की सीमा में आ रहे हैं, इनमें ज्यादातर मध्य प्रदेश में काम करने वाले हैं। हमारे पास मदद के लिए भी हर रोज 400 से ज्यादा फ़ोन कॉल आ रही हैं और हम अपनी तरफ से सरकार के साथ मिलकर मजदूरों को राहत पहुँचाने का काम कर रहे हैं। मगर मजदूरों के पलायन अभी भी जारी है।"
राजस्थान से अलग झारखण्ड में भी मजदूरों के पलायन को लेकर स्थिति दयनीय है। लॉकडाउन की वजह से हजारों मजदूर झारखण्ड में अपने घर की ओर आने को मजबूर हुए हैं। वहीं झारखण्ड के लाखों मजदूर दूसरे राज्यों में फँसे हुए हैं और सरकार से लगातार उन्हें मदद पहुँचाने की गुजारिश कर रहे हैं।
दिल्ली से उ.पी.,बिहार,झारखण्ड के मजदूर वर्ग लोग पैदल ही अपने घर लौटने पर मजबूर, कयोंकि कोरोना वायरस से कम भूख से ज्यादा मरने का डर सता रही है, सरकार ये आदेश जारी करें की प्राइवेट कंपनी के मालिक इनको 10,000 रु का रासन पानी के लिए आर्थिक मदद दे. pic.twitter.com/AiasXCVy4L
— विजय यादव समाजवादी (@BijayYa13984022) March 29, 2020
#covidindia नमस्कार सर
— Rishibala (@Rishibala17) March 28, 2020
ये सभी मजदूर मुम्बई में फसे हुए हैं । ये सभी मजदूर 175 ती संख्या में हैं झारखण्ड राज्य के चतरा जिला में प्रखण्ड इटखोरी के हैं कृप्या इनकी सहायता किजीये।@narendramodi_in @HemantSorenJMM @PMOIndia @JharkhandCMO @BhoktaSatyanand @SunilSingh_BJP pic.twitter.com/mMhwZW56YNयह सूची झारखंड के उन लगभग 90 मजदूर भाइयों का है जो लॉकडाउन के कारण मोदी मॉडल गुजरात के सूरत में भूखे - प्यासे फसे हुए हैं। उन्होंने यह हस्ताक्षर युक्त सहायता का अपील की है। मेरा झारखण्ड, गुजरात और केंद्र की सरकार से अनुरोध है तत्काल इनकी सहायता की जाय। pic.twitter.com/cFjS6OKfEN
— chandan kumar (@chandanml) March 28, 2020
@HemantSorenJMM सर आपसे विनती हे की इन सभी मजदुर लोग को झारखण्ड लाने का कष्ट करेंगे काफी दिक्कत हो रह हे आप का एक छोटा सा सहारा चाहिए 🙏 🙏 🙏 🙏 pic.twitter.com/ARNAk3OahO
— bholi mahto (@mahto_bholi) March 28, 2020पलायन
— GaonConnection (@GaonConnection) March 28, 2020
सिंगरौली (मध्य प्रदेश) से अपने घरों के लिए निकले बिहार और झारखण्ड के मजदूर रेलवे लाइन के सहारे सैकड़ों किलोमीटर का सफर करेंगे वीडियो- भीम कुमार सोनभद्र#lockdown #migrantworkers pic.twitter.com/LiG8FfGVNn
@HemantSorenJMM @IrfanAnsariMLA @Dist_Admin_Jmt हमारे झारखणड के जामताडा ओर देवधर जिले के अनेको मजदुर गुजरात के सुरत जिले कोरोनज मे फंसे हुई है इन लोगो को भुखे प्यासे रहने पर विवस होना पड रहा है
— Suresh kisku (@Sureshk79952444) March 28, 2020
झारखणड सरकार अविल्मब सहयोग प्रदान करने की पहल करे । contact no 9725902579 ,7383062906 pic.twitter.com/hmcQfaTZZo
झारखण्ड जैसी स्थिति गुजरात में भी है। गुजरात के साबरकांठा जिले के हाईवे से बड़ी संख्या में मजदूर पलायन कर रहे हैं। इन मजदूरों में सबसे ज्यादा संख्या राजस्थान जाने वाले मजदूरों की है। इसके अलावा लॉकडाउन की वजह से हजारों की संख्या में बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान के मजदूर गुजरात में ही फँसे रह गए हैं।
गुजरात के अहमदाबाद से राजस्थान करीब 300 किलोमीटर की दूरी के लिए लोग हाईवे पर चलते नजर आये। यहाँ राजस्थान जा रहे एक मजदूर की फोटो सोशल मीडिया में सामने आई जिसकी पत्नी के पैर में फ्रैक्चर होने की वजह से वो मजदूर अपने कंधे में बिठाकर उसे ले जाते देखा गया।
इसके अलावा मजदूरों को लेकर ट्रक से गुजरात पहुंचे लोगों पर पुलिस की बर्बरता का वीडियो भी सोशल मीडिया पर जारी हुआ। ट्रक को रोकने के बाद उस पर सवार मजदूरों पर पुलिस वालों ने जमकर लाठियां बरसाईं।
Truckmen helping poor laborers trapped in Gujarat,were beaten up by the police.
— Sumra (@Sumra_tweets) March 27, 2020
Why police unleashed too much brutality on poor?
Dear Mr PM @narendramodi , what arrangements you did before #lockdown for the poor and what arrangements you are doing now?
Plz do something for them🙏 pic.twitter.com/VZ0MlXaQQk
तस्वीर रुला देती है।
— कुँवर राम राघव गुप्त (@NMORAGHVAY) March 28, 2020
पत्नी के पैर में फ्रैक्चर है, पति उसे कंधे पर बिठाकर अहमदाबाद से राजस्थान के बांसवाड़ा यानी करीब 300 किलोमीटर तक पैदल चलने के लिए निकल पड़ा।
जब पुलिस की नजर इस जोड़े पर पड़ी तब उन्हें समझा-बुझाकर एक सेंटर में रोका गया और उन्हें खाने-पीने की व्यवस्था की गई। pic.twitter.com/TNOZvRGEzOगुजरात के मोरबी शहर से कारखना बन्द होने के बाद बिहार, मध्यप्रदेश, राजस्थान में अपने अपने घर जाने के लिए पैदल ही जाने को मजबूर है वहां के मजदूर... @PMOIndia pic.twitter.com/nCDgZBWzTb
— अभी बाबु (@TxOHZbqytMI3hgd) March 27, 2020
भुज गुजरात से मजदूर पैदल से रवाना हुए राजस्थान बांसवाड़ा तहसील कुशलगढ़ के निवासी। pic.twitter.com/QBpCOE3hFl
— RAJESH parmar (@RAJESHp01091443) March 27, 2020गुजरात के ग़रीब आदिवासी मज़दूर और UP से आए हुए लोगों को अपने घर तक पहुँचने के लिए #Gujarat सरकार द्वारा कोई व्यवस्था नहीं की गई।
— Gujarat Congress (@INCGujarat) March 27, 2020
राज्य और केंद्र सरकार से निवेदन है की इन्हें अपने घर तक सही सलामत पहुँचाने की व्यवस्था की जाए।#LockdownWithoutPlan pic.twitter.com/W7zE8PhJor
In #Kutch #Gujarat, 20 #migrants from #UP who were working in Sanghi cements, a prominent company are stuck with no supplies or means to return. @myogiadityanath @CMOfficeUP @CollectorKutch @CMOGuj pic.twitter.com/kk0vb2rv0U
— Aajeevika Bureau (@AajeevikaBureau) March 28, 2020
लॉकडाउन के बाद अपने घरों को पैदल ही जाने के लिए बेबस हुए मजदूरों की हजारों तस्वीरें देश के अलग-अलग राज्यों से सामने आ रही हैं। लाखों की संख्या में मजदूरों की रोजी-रोटी छिन गयी है और किसी तरह अपने गाँव पहुंचना चाहते हैं। लगभग हर राज्य से लाखों लोग पलायन कर रहे हैं।
एक तरफ हैदराबाद से राजस्थान जाने के लिए दो कंटेनर ट्रकों में कम से कम 300 लोग अपनी जान जोखिम में डालकर घर जाने के लिए मजबूर दिखाई दिए। दूसरी तरफ मजदूर दूध के कंटेनर ट्रक में छिपकर अपने राज्य पहुँचने के लिए जाते हुए दिखाई दिए। सामने आया कि ये मजदूर उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले से हैं और देहरादून से आ रहे थे। इसके अलावा केरल में भी मजदूर फँसे हुए हैं और अपने घर जाने के लिए सड़कों पर उतरे हैं।
#Lockdown अपने घर पहुंचने के लिए जान दांव पर लगा रहे हैं लोग#Lockdown की वजह से Rajasthan के 300 लोग Hyderabad से एक कंटेनर में भरकर अपने घर जा रहे थे। चौकस Police ने कंटेनर का ताला खुलवाया तो सबकी आंखें खुली रह गईं pic.twitter.com/JPjlze2oPM
— bandranews.com (@bandra_news) March 29, 2020
दूध के टैंकर में घुसकर अपने घरों तक जा रहे मजदूर लोग।@ndtv @DrKumarVishwas @ZeeNews @abpnewshindi @yogiadityanaths pic.twitter.com/j0IQlrYqtT
— Raju Kataria (@rajuspic) March 26, 2020
Thousands of migrant workers gather in a town in Kottayam in Kerala. Want to return to home states of Bengal, Bihar and Chhattisgarh. Say they haven't eaten for 2-3 days pic.twitter.com/NLIYMBSKBf
— Padmaja joshi (@PadmajaJoshi) March 29, 2020
कोरोना वायरस से भारत में लॉकडाउन की वजह से इसे देश का सबसे बड़ा पलायन माना जा रहा है। कोरोना वायरस से देश को बचाने के लिए लिया गया लॉकडाउन का फैसला इन मजदूरों की रोजी-रोटी के आगे सिमट कर रह गया है। ऐसे में लॉकडाउन कितना प्रभावी साबित होता है, यह अपने आप में बड़ा सवाल है।
मजदूर किसान शक्ति संगठन के संस्थापक सदस्य और नरेगा संघर्ष मोर्चा से जुड़े निखिल डे 'गाँव कनेक्शन' से बताते हैं, "मैंने अपने जीवन में मजदूरों का कभी भी इतना बड़ा पलायन नहीं देखा, देश के मजदूरों के सामने ऐसी स्थिति के लिए सरकारों को पहले ही सोचना चाहिए था, उनके खाने-पीने और ठहरने की पर्याप्त व्यवस्था करनी चाहिए थी, मगर ऐसी स्थिति सामने आने के बाद सरकार के लॉकडाउन को बड़ा झटका लगेगा।"
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