प्रधानमंत्री ने प्रयागराज में महिलाओं को दी सौगात, कहा- ये स्वयं सहायता समूह, असल में राष्ट्र सहायता समूह हैं
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने 1.60 लाख महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए 1,000 करोड़ रुपए व मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के लाभार्थियों को 20 करोड़ रुपए का ऑनलाइन ट्रांसफर किए साथ ही 202 विकास खंडों में टेक होम राशन प्लांटों का शिलान्यास किया।
गाँव कनेक्शन 21 Dec 2021 10:35 AM GMT
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 21 दिसंबर को प्रयागराज में महिलाओं को कई नई सौगात दी हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि रोजगार के लिए, परिवार की आमदनी बढ़ाने के लिए जो योजनाएं देश चला रहा है, उसमें भी महिलाओं को बराबर का भागीदार बनाया जा रहा है। मुद्रा योजना आज गांव-गांव में, गरीब परिवारों से भी नई-नई महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित कर रही है।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने 1.60 लाख महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए 1,000 करोड़ रुपए व मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के लाभार्थियों को 20 करोड़ रुपए का ऑनलाइन ट्रांसफर किए साथ ही 202 विकास खंडों में टेक होम राशन प्लांटों का शिलान्यास किया।
Addressing a programme in Prayagraj. #NariShaktiDeshKiShakti https://t.co/2njX6mz9zB
— Narendra Modi (@narendramodi) December 21, 2021
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, "बेटियां कोख में ही ना मारी जाएं, वो जन्म लें, इसके लिए हमने 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान के माध्यम से समाज की चेतना को जगाने का प्रयास किया। आज परिणाम ये है कि देश के अनेक राज्यों में बेटियों की संख्या में बहुत वृद्धि हुई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रयागराज हजारों सालों से हमारी मातृशक्ति की प्रतीक माँ गंगा-यमुना-सरस्वती के संगम की धरती रही है। आज ये तीर्थ नगरी नारी-शक्ति के इतने अद्भुत संगम की भी साक्षी बन रही है।
कन्या सुमंगला योजना योजना पर पीएम ने कहा, "अभी यहां मुझे मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना की एक लाख से ज्यादा लाभार्थी बेटियों के खातों में करोड़ों रुपए ट्रान्सफर करने का सौभाग्य मिला। ये योजना गाँव-गरीब के लिए, बेटियों के लिए भरोसे का बहुत बड़ा माध्यम बन रही है।
रोजगार के लिए, परिवार की आमदनी बढ़ाने के लिए जो योजनाएँ देश चला रहा है, उसमें भी महिलाओं को बराबर का भागीदार बनाया जा रहा है।
— PMO India (@PMOIndia) December 21, 2021
मुद्रा योजना आज गांव-गांव में, गरीब परिवारों से भी नई-नई महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित कर रही है: PM @narendramodi
इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री 20 हजार व्यापार सखियों (बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेन्ट सखी – बीसी सखी) के खातों में पहले महीने का 4000 रुपये मानदेय भी ट्रांसफार किया गया। बीसी-सखियां जब घर-घर जाकर जमीनी स्तर पर वित्तीय सेवायें उपलब्ध कराती हैं, तो उन्हें छह महीने के लिये 4000 रुपये मानदेय दिया जाता है, ताकि वे स्थायी रूप से काम कर सकें और उसके बाद लेन-देन से मिलने वाले कमीशन से उन्हें आय होने लगे।
पीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश की महिलाओं ने, माताओं-बहनों-बेटियों ने ठान लिया है- अब वो पहले की सरकारों वाला दौर, वापस नहीं आने देंगी। डबल इंजन की सरकार ने यूपी की महिलाओं को जो सुरक्षा दी है, जो सम्मान दिया है, उनकी गरिमा बढ़ाई है, वो अभूतपूर्व है।
"हमने गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण, अस्पतालों में डिलिवरी और गर्भावस्था के दौरान पोषण पर विशेष ध्यान दिया। प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना के तहत गर्भावस्था के दौरान 5 हज़ार रुपए महिलाओं के बैंक खाते में जमा किए जाते हैं, ताकि वो उचित खान-पान का ध्यान रख सकें, "पीएम ने कहा।
प्रयागराज में 1.60 लाख महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए ₹1,000 करोड़ व CM कन्या सुमंगला योजना के लाभार्थियों को ₹20 करोड़ का ऑनलाइन हस्तांतरण व 202 विकास खंडों में टेक होम राशन प्लांटों का शिलान्यास करते PM श्री @narendramodi जी#NariShaktiDeshKiShakti https://t.co/4HusZY2XRB
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) December 21, 2021
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि आज हमारी सरकार की योजनाएं, इस असमानता को भी दूर कर रही हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जो घर दिये जा रहे हैं, वो प्राथमिकता के आधार पर महिलाओं के ही नाम से बन रहे हैं।
यूपी में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 30 लाख से अधिक घर बने। इसमें 25 लाख घरों की रजिस्ट्री में महिलाओं का ही नाम है। यही तो सच्चा सशक्तिकरण है। दीनदयाल अंत्योदय योजना के जरिए भी देश भर में महिलाओं को सेल्फ हेल्प ग्रुप्स और ग्रामीण संगठनों से जोड़ा जा रहा है।
महिला स्वयं सहायता समूह की बहनों को तो मैं आत्मनिर्भर भारत अभियान की चैपिंयन मानता हूं। ये स्वयं सहायता समूह, असल में राष्ट्र सहायता समूह हैं। बेटियाँ भी चाहती थीं कि उन्हें उनकी पढ़ाई लिखाई के लिए, आगे बढ़ने के लिए समय मिले, बराबर अवसर मिलें। इसलिए, बेटियों के लिए शादी की उम्र को 21 साल करने का प्रयास किया जा रहा है। देश ये फैसला बेटियों के लिए कर रहा है, लेकिन किसको इससे तकलीफ हो रही है, ये सब देख रहे हैं।
पोषण वाला राशन अब महिलाएं खुद बनाएंगी। ये बहुत बड़ा काम है। सालाना हजारों करोड़ रुपए का काम है। जिन 202 पुष्टाहार यूनिट का आज शिलान्यास हुआ है, उससे महिलाओं की आमदनी बढेगी। महिलाएं अपनी फैक्ट्री में पुष्टाहार बनाने के लिए गांव से ही खरीदेंगी। यही सशक्तिकरण के प्रयास है। इनसे महिलाओं का जीवन बदलेगा।
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