आईपीएस की मार्मिक पोस्ट- ‘उसकी किसी ने नहीं सुनी क्योंकि वो गरीबी रेखा के अंतिम पायदान पर है’
Shrinkhala Pandey 28 Oct 2017 7:21 PM GMT
लखनऊ। हर मां के लिए उसका बच्चा सबसे अजीज होता है और अगर किसी कारण से वो दूर हो जा तो क्या हालत होगी ये बताने की जरूरत नहीं है। बुलंदशहर की रहने वाली मीना देवी के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ।
मीना के पति कन्हैया मजदूरी के लिए अलग अलग शहरों में जाते थे, कई महीने से उनकी कोई खबर न मिलने पर। मीना के ऊपर बच्चों की जिम्मेदारी आ गई। मीना के तीन बच्चे थे एक लड़का चार माह का, दूसरा दस साल का और लड़की आठ साल की। पति के गायब होने के बाद से मीना गरीबी में किसी तरह गुजारा कर रही थी। इधर उधर मजदूरी ढूंढती थी मिल गयी तो ठीक, नहीं तो लोगों से मदद मांग कर बच्चों का पेट भरती थी।
लगभग 4 माह पहले जब वो अपने बच्चों के साथ शमशाद मार्केट जनपद अलीगढ़ के फुटपाथ पर सो रही थी, रात में कोई उसके 4 माह के बेटे और आठ साल की बेटी को कोई चोरी कर ले गया। आंख खुलते ही मीना ने फुटपाथ पर खोखे, रेडी लगाने वाले लोगों से गुहार लगाई, सभी लोगों ने सलाह तो दी लेकिन मदद किसी ने नहीं की। वह पागलों की तरह भटकती रही लेकिन मदद के लिए कोई आगे नहीं आया।
मीना ने जब अपनी तरफ से सारी कोशिशें कर ली तो उसके बाद उसने उसी फुटपाथ पर अशोक के पेड़ की डाल पर अपनी बेटी काजल की पासपोर्ट साइज की फोटो टांग दीं और कहने लगी कि “मैंने फोटो भी टांग दी” फिर भी कोई नहीं बता रहा है, मेरे बच्चे कहां हैं।
अलीगढ़ के एसएसपी राजेश पाण्डेय को जब ये बात पता चली तो उन्होंने थाना सिविल लाइन के प्रभारी निरीक्षक को बुलाकर तुरन्त मुकदमा कायम कराया गया। इसके लिए एक टीम बनाई गई है और बच्चों के बरामदगी का प्रयास किया जा रहा है। एसएसपी के इस प्रयास की जिले में लोग सराहना कर रहे हैं।
अलीगढ़ के एसएसपी ने फेसबुक पर लिखा... ‘उसकी किसी ने नहीं सुनी क्योंकि वह गरीबी रेखा के अन्तिम पायदान पर है’
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