उत्तर प्रदेश में नस्ल सुधारेंगी 140 सरोगेट गायें

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उत्तर प्रदेश में नस्ल सुधारेंगी 140 सरोगेट गायेंबरेली के मुड़िया मुकर्रमपुर गाँव में बनाया जा रहा पशु उत्थान केंद्र।

सुधा पाल

लखनऊ। बरेली के बहेड़ी तहसील के मुड़िया मुकर्रमपुर गाँव में नस्ल सुधार कर गायों की अच्छी नस्ल के संरक्षण के लिए देसी गायों को सरोगेट मदर बनाया जाएगा। योजना के तहत लगभग 50 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले पशु उत्थान केन्द्र में गायों से अच्छी नस्ल के भ्रूण तैयार किए जाएंगे।

पशुधन विकास परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. बीबीएस यादव ने बताया, “देश में थारपारकर, हरियाना, साहीवाल और गंगातीरी गायों की नस्ल को उच्च श्रेणी में गिना जाता है। इन देसी नस्ल की गायों से लगभग 25 लीटर दूध प्रति गाय से मिलता है। सरकार की तरफ से इन देसी नस्लों के उत्थान के लिए प्रयास किए जा रहे हैं और इनकी ब्रीडिंग पर भी ध्यान दिया जा रहा है। इस तरह उच्च गुणवत्ता की नस्लों को बढ़ावा देने और इनके संरक्षण के लिए इस केंद्र की स्थापना कराई जा रही है।”

उन्होंने बताया, “इस केंद्र में 140 गायों को सरोगेट मदर बनाए जाने की योजना बनाई जा रही। इन सभी सरोगेट मदर में भ्रूण रखा जाएगा जिससे उच्च गुणवत्ता की नस्ल वाले बछड़े और बछिया का जन्म होगा। सरोगेसी के जरिए जन्म लेने वाले बछड़ों को उच्च जनन क्षमता के सांड़ बनाकर ब्रीडिंग के लिए रखा जाएगा। इसके साथ ही बछियों को गाय के रूप में दूध उत्पादन के लिए रखा जाएगा।”

उन्होंने बताया, “पहले इन गायों के दूध उत्पादन की क्षमता को परखते हुए इन्हें दूध उत्पादन के उपयोग में लाया जाएगा। इसके बाद उत्पादन क्षमता को ध्यान में रखकर इन गायों पर ऐम्ब्रियो ट्रांसफर तकनीक का उपयोग किया जाएगा। इस तकनीक से पशु में अच्छी नस्ल का ऐम्ब्रियो डालकर अच्छी नस्ल के बछड़े होंगे। ऐम्ब्रियो ट्रांसफर तकनीक एक ऐसी आधुनिक तकनीक है जिसमें अगर खराब नस्ल में भी अच्छी नस्ल का ऐम्ब्रियो डाला जाएगा तब भी आने वाले बछड़े या बछिया की नस्ल अच्छी ही होगी। इस तरह सरोगेसी के माध्यम से गायों की नस्ल सुधार के साथ दूध उत्पादन भी बढ़ेगा।”

     

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