वीडियो : कभी चूकता नहीं शूटर दादी का निशाना

Ashwani Kumar DwivediAshwani Kumar Dwivedi   9 Sep 2017 7:44 PM GMT

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वीडियो : कभी चूकता नहीं शूटर दादी का निशानासीएम योगी आदित्यनाथ ने किया सम्मानित।

लखनऊ। आज आपको एक ऐसी महिला से मिलाते हैं जिनका निशाना अचूक है। प्यार से लोग इन्हें शूटर दादी, रिवाल्वर रानी, और बंदूक वाली दादी कहकर पुकारते हैं। जिस उम्र में लोग चलने फिरने में दिक्कत महसूस करने लगते हैं। उस उम्र में एक वृद्ध महिला ने बंदूक उठायी और आज इस वृद्ध महिला को भारत मे ही नहीं बल्कि विश्व कर कई देशों में बंदूक वाली दादी के नाम से जाना जाता है।


उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के जोहरी गाँव की रहने वाली 86 वर्षीय चंद्रो तोमर का नाम आज पहचान का मोहताज नहीं है। 30 से ज्यादा प्री नेशनल मेडल जीत चुकी शूटर दादी अब बालीवुड की भी चहेती बन चुकी हैं। सत्यमेव जयते, इंडिया गॉट टैलेंट में प्रतिभागी रह चुकी शूटर दादी पर जल्द ही बॉलीवुड में एक फ़िल्म भी आने वाली है। हालांकि इस का पूरा खुलासा शूटर दादी ने नहीं किया। हिस्ट्री चैनल ने चंद्रो तोमर पर एक डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म भी बनाई है साथ ही अलजजीरा,सीएनएन भी दादी को लेकर शॉर्ट स्टोरी बना चुके हैं।

खेल खेल में दादी बन गयी प्रसिद्ध शूटर

चंद्रो तोमर ने बताया,“ जोहरी गाँव में ही डॉ. राजपाल आज से लगभग 15 वर्ष पूर्व एक झोपड़ी में अस्थाई शूटिंग रेंज चलाते थे। जहाँ अपनी पोती शेफाली को मैं एडमिशन दिलाने गयी। उस समय शूटिंग में लड़कियां न के बराबर थी तो शेफाली के साथ मैं खुद जाती थी। वहां पर बच्चों ने हंसी हंसी में मुझसे निशाना लगाने को बोला और मैंने गन चलाई तो मेरा निशाना सही बैठ गया। इस पर डॉ राजपाल बोले दादी शूटिंग सीख लो।कुछ समय तक ट्रेनिंग के बाद कम्पीटिशन में जाना शुरु किया। हरियाणा, पंजाब ,यू पी देश के हर अंतर्देशीय प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और मेडल जीते।”

छोरिया , छोरे से कम ना होती

आज शूटर दादी खुद में एक ब्रांड बन चुकी हैं व शूटिंग रेंज में जाकर लड़कियों को प्रोत्साहित करती हैं। जोहरी गाँव का छोटा सा शूटिंग रेंज अब सुविधाओं से सम्पन्न हो चुका है।

ग्रामीण लड़कियों में असाधारण प्रतिभा है

शूटर दादी ने बताया,“ उनका मायका मखमूद पुर जिला शामली में है। उस समय लड़कियों को बहुत कम ही पढ़ाया जाता था और कम उम्र में शादी का चलन था।जिसके चलते लड़कियां अपनी प्रतिभा का उपयोग नहीं कर पाती थीं। अगर गाँव की लड़कियों को सही माहौल और सुविधाए मिले तो ये छोरिया छोरो को टक्कर दे सकती हैं।

राष्ट्रपति व कई मुख्यमंत्री कर चुके है सम्मानित

दादी को उनके प्रयासों और उपलब्धियों कर लिए जहा तीस से ज्यादा मैडल मिले हैं वहीं दो बार राष्ट्रपति व कई राज्यों के मुख्यमंत्री अब तक दादी को सम्मानित कर चुके हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी मुख्यमंत्री आवास पर शूटर दादी को शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। साथ ही शूटर दादी बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ कार्यक्रम का भी हिस्सा रही हैं।

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