फूलों की खेती कर कमाई का अच्छा उदाहरण पेश कर रहे किसान

फूलों की खेती कर कमाई का अच्छा उदाहरण पेश कर रहे किसान: धान-गेहूं जैसी परंपरागत फसलों की खेती करने वाले किसान गेंदा की खेती से बढ़िया मुनाफा कमा रहे हैं

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रामजी मिश्रा, कम्युनिटी जर्नलिस्ट

शाहजहांपुर (उत्तर प्रदेश)। धान-गेहूं जैसी परंपरागत फसलों की खेती करने वाले किसान गेंदा की खेती से बढ़िया मुनाफा कमा रहे हैं। किसान गुलाब, गेंदा, बेला जैसी फूलों की खेती करने लगे हैं।

शाहजहांपुर जिले में सदर तहसील के शाहबेगपुर गाँव के रहने वाले नदीम ने दस बीघा में गुलाब लगाए हैं। वो बताते हैं, "मैं अपने खेतों में फूलों की खेती किया करता हूँ। यह किसानो के लिए अच्छा व्यवसाय हो सकता है। मैंने दस बीघा गुलाब लगा रखा है। इसके साथ मैंने और भी फूलों की खेती भी लगाई है।"

नदीम के अनुसार गुलाब की खेती वर्ष भर चलने वाली होती है। नदीम अपनी खेती में महीने में दो बार सिचाई करते हैं। इसके अलावा उन्होंने गुलाब में अधिक शाखाओं के लिए केंचुए की सहायता से देसी खाद भी तैयार की है। नदीम की मानें तो गुलाब की घटती बढ़ती कीमतों के बावजूद इसका वर्ष भर का औसत मूल्य लगभग 80 रुपये किलो तक निकल आता है। शादी ब्याह के मौकों पर गुलाब की कीमत दो सौ से लेकर ढाई सौ तक पहुंच जाया करती है।


गुलाब के उत्पादन का औसत साझा करते हुए वह बताते हैं, "दस बीघा में रोज के हिसाब से सलाना औसत 25 किलो फूल का पड़ता है। गुलाब की खेती के लिए बहुत अधिक लोगों की जरूरत नही पड़ती है और साथ ही इसके लिए बहुत अधिक भूमि की आवश्यकता भी नहीं है। कम भूमि के किसान भी इसे अपना कर अच्छा लाभ कमा सकते हैं। गुलाब की खेती आस पास के लोगों को छोटा मोटा रोजगार भी देती है। फूलों की चुनाई करने पर चुनाई करने वालों को प्रति किलो के हिसाब से मूल्य की अदायगी की जाती है जिससे आस पास के लोग भी रोजगार से लाभ लेते रहते हैं। गुलाब के साथ साथ बेला, चाँदनी, गुलदाऊदी और गेंदा जैसे फूल भी लगाए जा सकते हैं जो अतिरिक्त आय देते हैं।

शाहजहांपुर के अजीजगंज के मोहन सैनी ने भी तीन बीघा गुलाब लगा रखा है। खेत के किनारे चांदनी और बेला जैसे फूल भी लगा रखे हैं। मोहन के पास तीन बीघा के लगभग खेत है। उन्होंने इलेक्ट्रीशियन ट्रेड से आई टी आई किया है। उन्हें जॉब भी मिल रही थी लेकिन वह नौकरी करने नही गए। मोहन फूलों की खेती से अच्छा लाभ कमा रहे हैं। मोहन आगे भी फूलों की खेती से जुड़े रहना चाहते हैं। शाहजहांपुर में फूलों की अलग कोई मंडी नही है। फूल की खेती से मुनाफा कमा रहे किसान इसके बाद भी सारे फूल बिक्री कर लेते हैं।

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