गरीबों के आशियाने बनाने का घट गया लक्ष्य

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गरीबों के आशियाने बनाने का घट गया लक्ष्यगाँव कनेक्शन

कन्नौज। गरीबों को आशियाने देने का लक्ष्य बढऩे के बाद घटा दिया गया है। जिले में 471 लोगों को आवास देने का लक्ष्य कम कर दिया गया है। इस वित्तीय वर्ष में उन सैकड़ों ग्रामीणों को घर मयस्सर नहीं हो पाएंगे, जो झोपड़ी, कच्चे घरौंदे व पॉलिथीन तानकर सर्दी में रात गुजारते हैं। गर्मी में लू के थपेड़े झेलते हैं और बरसात में भींगते रहते हैं।

भारत सरकार ने गरीबों को आवास का मालिक बनाने के लिए इंदिरा आवास योजना चला रखी है। इसके तहत उन गरीबों को आवास दिया जाता है जिनका नाम वर्ष 2002 की बीपीएल सूची में दर्ज है। एक आवास की कीमत 70 हजार रुपये निर्धारित है। अब यह रकम लाभार्थी के बैंक खाते में सीधे भेजी जाती है। वर्ष 2015-16 में पहले 4,871 लोगों को इंदिरा आवास दिए जाने थें, अब लक्ष्य घटाकर 4,400 कर दिया गया है। वित्तीय वर्ष समाप्त होने में करीब 78 दिन बचे हैं, लेकिन सभी लाभार्थियों के खातों में अब तक पहली किस्त भी नहीं पहुंच पाई है। 

पहली किस्त के रूप में 35 हजार रुपये भेजे जाते हैं। लाभार्थी जब इतने रुपये आवास बनाने में खर्च कर देता है तो दूसरी किस्त उसके खाते में भेजी जाती है। सभी लाभार्थियों के बैंक खातों में अब तक पहली किस्त ही न भेजे जाने से उनके आशियानों का निर्माण शुरू नहीं हो सका है। वित्तीय वर्ष 2014-15 में 3,109 लाभार्थियों को इंदिरा आवास दिए गए थें। हालांकि उस हिसाब से जिले को लक्ष्य बढ़ाकर मिला है, लेकिन पहले दिए गए लक्ष्य के हिसाब से 471 गरीबों के आशियाने कम कर दिए गए हैं।

डीआरडीए विभाग के मुताबिक दिसम्बर 2015 तक 1,130 लाभार्थियों के खातों में पहली किस्त भेजी जा चुकी है। भुगतान की सुविधा ऑनलाइन है। अब जिलों से बजट लाभार्थियों के खातों में नहीं भेजा जाता है। शासन स्तर से ही काम होता है। उनके पास पहली किस्त मिलने वाले लाभार्थियों की सूची धीरे-धीरे आ रही है। जैसे-जैसे पैसा उनके खातों में चला जाता है, लाभार्थियों की संख्या बढ़ जाती है।

रिपोर्टर - विजय कुमार मिश्र

 

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