ज्योतिष से राय लेकर बच्चों के लिए स्कूल चुन रहें अभिभावक
गाँव कनेक्शन 23 Jun 2016 5:30 AM GMT
लखनऊ। शादी के शुभ मुहूर्त के लिए ज्योतिष की राय और करियर शुरू करने से पहले पंडित का मशविरा तो आम बात है, लेकिन अब ज्योतिष और पंडित बच्चों के स्कूल में दाखिलों में भी बड़ी भूमिका निभाने लगे हैं। कौन से स्कूल में किस कक्षा से किस कक्षा तक पढ़ाई करनी है और किस मुहूर्त में दूसरे स्कूल में दाखिला लेना है, इसके लिए भी समय तय किया जाने लगा है।
मॉन्टेसरी से कक्षा 10 तक लगातार काकोरी स्थित सेंट क्लेअर्स एकेडमी में पढ़ने वाले कलश चन्द्रा (15 वर्ष) के अभिभावकों ने सिर्फ इसलिए स्कूल से निकाल लिया क्योंकि आगे की पढ़ाई उसी स्कूल में करने से भविष्य में उसे अपने करियर में असफलता का सामना करना पड़ता।
कलश की माँ बताती हैं, “पिछले एक वर्ष से उसकी तबीयत बार-बार खराब हो रही थी। इसी बारे में जानकारी प्राप्त करने पंडित के पास गयी तो उन्होंने पूछा कि बच्चा कौन से स्कूल में कब से पढ़ रहा है। फिर उन्होंने यह कहा कि इस स्कूल से नाम कटवा लो वरना उसका करियर असफलता से घिरा रहेगा। चूंकि स्कूल कक्षा 12 तक था तो हमने सोचा था कि वह अपनी बहन के साथ उसी स्कूल में पढ़ाई करता रहेगा, तो बेफ्रिक थे। अचानक उसके दाखिले की बात ने परेशानी बढ़ा दी। काफी दौड़-भाग और समझाने-बुझाने के बाद उसका दाखिला अभी कुछ दिनों पूर्व ही करवा सके।
स्कूल अप्रैल से शुरू हो चुके थे तो उसकी पढ़ाई का नुकसान हुआ। लेकिन सवाल मेरे बच्चे के बेहतर भविष्य का था तो बाकी चीजों के बारे में नहीं सोचा।” मॉन्टेसरी से कक्षा छह तक लगातार निवाजगंज स्थित टाउनहॉल स्कूल में पढ़ने वाली खुशी वैश्य (11 वर्ष) का नाम स्कूल से कटवा कर उसके अभिभावकों ने दूसरे स्कूल में लिखवा दिया।
रिपोर्टर - मीनल टिंगल
More Stories