अगले खरीफ सीजन तक जारी करेंगे उन्नत अरहर के बीज: राधा मोहन
गाँव कनेक्शन 1 Nov 2016 9:25 AM GMT

नई दिल्ली (आईएएनएस)। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि 'पूसा अरहर-16' काफी पहले पक जाने वाली, परिमित, कम ऊंचाई एवं उच्च पैदावार वाली किस्म है और यह किसानों को अगले खरीफ सीजन से उपलब्ध करा दी जाएगी। राधा मोहन ने कहा कि जहां एक ओर परम्परागत किस्मों को पकने में 170 दिन लग जाते हैं, वहीं दूसरी ओर यह नई किस्म सिर्फ 120 दिनों में ही पक जाती है।
केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्री अरुण जेटली और राधा मोहन ने सोमवार को यहां दालों की नई किस्म 'पूसा अरहर-16' के खेत का मुआयना किया।
आईसीएआर-आईएआरआई, नई दिल्ली ने और अधिक जल्दी पकने वाली (120 दिन), कम ऊंचाई वाली (95 सेमी से 120 सेमी तक लंबी) परिमित, अधिक उपज देने वाली नई पादप प्रकार की आनुवंशिक सामग्री अर्थात पूसा अरहर-16 विकसित की है, जो अर्ध रूप से सीधा खड़ा होने वाला मजबूत किस्म का पौधा है।
पूसा अरहर 16 के रूप में आईसीएआर-आईएआरआई ने गेहूं और चावल के कम ऊंचाई वाले पौधों की तरह ही अरहर की यह नई किस्म विकसित की है। एनपीटी अरहर के लिए उत्पादकता को खेती की कम लागत के साथ मिश्रित करने के लिए संशोधित कृषि विज्ञान की आवश्यकता है, जिसे विकसित कर लिया गया है।
अरहर की फसल की सफल कटाई के बाद रबी सीजन में सरसों/आलू/गेहूं पैदा किया जा सकता है। इसके अलावा यह किस्म चूंकि जल्दी पकने वाली (120 दिन) है, इसलिए मानसून की शुरुआत (पांच जून) से लेकर जुलाई के पहले सप्ताह तक इसकी बुवाई की जा सकती है।
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