दो रुपए किलो वाला आलू खुले बाजार में सात रुपए किलो  

Rishi MishraRishi Mishra   5 March 2017 10:35 PM GMT

दो रुपए किलो वाला आलू खुले बाजार में सात रुपए किलो  आलू के दाम कम होने के बावजूद खुले बाज़ार में ग्राहकों को मिल रहा है सात से आठ रुपये किलो।

लखनऊ। किसान इसलिए परेशान है कि उसको आलू का सही दाम नहीं मिल रहा है। न लंबे समय तक बचाने के लिए कोल्ड स्टोरेज में जगह। आलू की कीमत दो रुपये किलो तक पहुंच गई। मध्य प्रदेश के एक किसानों को कुंतलों आलू बेचने के बाद एक रुपए की रसीद टिका दी गई थी। मगर आलू की ये गिरी कीमत खुले बाजार में नहीं दिख रही है। थोक की मंडियों में जहां 30 से 40 रुपए किलो का पांच किलो आलू बेचा जा रहा है। वहीं फुटकर में सब्जियों का राजा सात से आठ रुपए किलो बिक रहा है। ऐसे में स्पष्ट है कि बढ़े उत्पादन और कम कीमत का लाभ आम लोग कम और बिचौलिये ज्यादा उठा रहे हैं।

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आम लोगों को आलू की अधिक कीमत का लाभ नहीं मिल पा रहा है। खुले बाजार में आलू की कीमत कम से कम छह से सात रुपए किलो के नीचे नहीं जा रही है। जबकि किसान कोल्ड स्टोर के बाहर आलू छोड़ने को मजबूर हो रहा है। मगर बिचौलियों का लाभ कम नहीं हो रहा है और आम आदमी भी इसका फायदा नहीं उठा पा रहा है।

बिचौलिये खा रहे हैं मुनाफा

मगर बिचौलिये जमकर मुनाफा कमा रहे हैं। किसान से 400 रुपए कुंतल खरीद कर बहुत आसानी से 600 रुपए कुंतल फुटकर सब्जी विक्रेताओं को बेचा जा रहा है। जबकि यहां से फुटकर विक्रेता आम लोगों को सात से आठ रुपए किलो आलू बेच रहा है। टेढ़ी पुलिया मंडी में कारोबारी फुरकान अंसारी कहते हैं, “हमको तो 550-600 रुपए कुंतल से कम कारोबारी नहीं बेच रहा है। ऐसे में हमको एक कुंतल पर कम से कम 50 रुपए तो चाहिये ही मगर वह नहीं मिल रहा है।”

हम तो सुन रहे थे कि आलू दो रुपये किलो है मगर हमको सात रुपए किलो से नीचे मिल ही नहीं रहा है।
अनुपमा , सरकारी कर्मचारी

किसान बेहाल न स्टोरेज में जगह न उचित दाम

लखनऊ स्थित कुमार कोल्ड स्टोरेज में सुबह से लाइन लगाये काकोरी से आए वकार अहमद ने बताया कि आलू का उत्पादन इस वर्ष पिछले वर्ष कि तुलना में काफी अधिक हुआ है। लखनऊ कि बात करें तो यहां आठ से दस आलू के कोल्ड स्टोरेज हैं। एक भी कोल्ड स्टोरेज में जगह नहीं हैं। आलू स्टोरेज के लिए 220 रुपए प्रति कुंतल के रेट से छह महीने के लिए कोल्ड स्टोरेज में रखा जाता है। लखनऊ के डुगारिया गाँव से आए किसान सुशील कुमार बताते हैं, “इस वर्ष उत्पादन अधिक होने कि वजह से हम लोगों को आलू को स्टोरेज में रखने के अलावा और कोई चारा नहीं बचा हैं। क्योंकि थोक भाव में 400 से 500 रुपए प्रति कुंतल व्यापारी आलू खरीदने में हिचक रहे हैं। इससे कम में हमारी लागत भी नहीं निकलती है। अगर हम स्टोरेज रखवा देते हैं तो भविष्य में इससे अच्छा रेट मिलने की गुंजाइश है।

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