दक्षिण भारत की रसोई में पहुंचेगा यूपी का आलू

Ashwani NigamAshwani Nigam   13 April 2017 7:39 PM GMT

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दक्षिण भारत की रसोई में पहुंचेगा यूपी का आलूउत्तर प्रदेश में आलू की बंपर पैदावार हुई है

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में जहां आलू की बंपर पैदावार होने से आलू सस्ता बिक रहा है वहीं दक्षिण भारतीय राज्यों केरल, तमिलनाडु, तेलंगना में आलू के दाम आसमान छू रहे हैं। ऐसे में उत्तर प्रदेश का आलू इन राज्यों में आलू की कमी को दूर करेगा।

उत्तर प्रदेश बागवानी और खाद्य प्रसंस्करण विभाग में उपनिदेशक सह आलू मिशन के मैनेजर डीएन पांडेय ने बताया, प्रदेश में प्रदेश में आलू की अच्छी पैदावार हुई है, जिसका नतीजा है कि प्रदेश में आलू बहुत सस्ता हो गया है जिसके कारण आलू उत्पादक किसानों को उचित दाम नहीं मिल पा रहा है, लेकिन अब यूपी के आलू को दक्षिण भारत के उन राज्यों में भेजा जाएगा जहां पर आलू की कमी है। इससे प्रदेश के किसानों को लाभ होगा।

उत्तर प्रदेश में इस साल रिकार्ड 160 लाख टन आलू पैदा होने का का अनुमान है, जिसमें से 140 लाख टन आलू खेत से किसान के घर, बाजार, मंडियों और कोल्ड स्टोरेज तक पहुंच चुका है।

आलू की इस बंपर पैदावार से किसानों को आलू का उचित दाम नहीं मिल पा रहा था जिससे किसान परेशान थे। ऐसे में दो दिन पहले यूपी कैबिनेट की बैठक में प्रदेश सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए एक लाख टन आलू किसानों से खरीदेन का फैसला किया है। राज्य सरकार ने चार एजेंसियों उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक सहकारी विपणन संघ, यूपी एग्रो, पीसीएफ और उत्तर प्रदेश उपभोक्ता सहकरी संघ लिमिटेड किसानों से 487 रूपए प्रति कुंतल की दर से आलू खरीदने का आदेश दे दिया है। यह एजेंसियां आलू किसानों से आलू खरीदने का काम शुरू भी कर चुकी हैं। उसके बाद इस आलू को दक्षिण भारतीय राज्यों में भेजा जाएगा।

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उत्तर प्रदेश उद्यान एवं खादय प्रसंस्करण विभाग के अनुसार प्रदेश में 15 दिसंबर से आलू खुदाई का काम शुरू हुआ था। जिसमें अभी तक 105 लाख टन आलू केा कोल्ड स्टोरेज में भंडारण किया जा चुका है। 24 से लेकर 25 लाख टन आलू खाने में उपयोग में हो चुका है। जबकि 3 लाख टन आलू देश के अन्य राज्यों में भेजा जा चुका है।

उत्तर प्रदेश में 1651 कोल्ड स्टोरेज हैं, जहां पर 124 लाख टन आलू के स्टोर करने की क्षमता है, लेकिन इतना स्टोर हो नहीं पाता। प्रदेश में आलू किसान लंबे समय से कोल्ड स्टोर की संख्या और क्षमता बढ़ोन की मांग कर रहे हैं। किसानों की मांग है कि जबतक कोल्ड स्टोर की संख्या और क्षमता नहीं बढ़ाई जाती तबतक प्रदेश में आलू भंडारण की समस्या बनी रहेगी।

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