ओडिशा के आदिवासी गाँवों में मुर्गी पालन को बढ़ावा दे रही हैं केव दीदियाँ

Divendra Singh | Apr 14, 2024, 08:32 IST
हैचिंग होप ग्लोबल इनिशिएटिव की मदद से ओडिशा के गाँवों में केव दीदियाँ मुर्गी पालन में करने वाली आदिवासी महिलाओं की मदद करती हैं; जिससे आज वो बेहतर कमाई कर पा रहीं हैं।
Heifer India
एक समय था जब सबिता घर और खेत का काम निपटाने के बाद खाली बैठी रहती थीं। लेकिन अब तो हर समय तैयार रहती हैं कि आखिर कब उनके पास किसी का फोन आ जाए और उन्हें किसी मुर्गी पालक की मदद के लिए जाना पड़ जाए।

ओडिशा के मयूरभंज जिले की मिटुआनी गाँव की सबिता मोहंती की आज अलग पहचान है, लोग उन्हें केव दीदी के नाम जानते हैं। लेकिन शुरुआत से ऐसा नहीं था, 37 साल की सबिता बारहवीं तक पढ़ी हैं पहले उनकी पहचान सिर्फ गृहणी तक सीमित थी।

सबिता मोहंती गाँव कनेक्शन से बताती हैं, "हमारे यहाँ मुर्गी पालन तो शुरु से ही होता है, लेकिन पहले इतनी जानकारी नहीं थी। एक बार हमारे गाँव में सर लोग आए और उन्होंने कहा कि केव दीदी बनकर दूसरों की भी मदद कर सकती हो। मुझे लगा कि अब मैं भी कुछ कर सकती हूँ।"

इस समय सबिता के 80 से अधिक मुर्गे-मुर्गियाँ हैं, अपने साथ ही दूसरों की मुर्गियों का भी खयाल रखती हैं।

सबिता की तरह ओडिशा के गाँवों में कई दीदियाँ मुर्गी पालन करने वाली आदिवासी महिलाओं और किसानों के लिए मददगार साबित हो रहीं हैं। बदलाव की ये लहर आयी है हेफ़र इंटरनेशनल द्वारा चलाए जा रहे हैचिंग होप ग्लोबल इनिशिएटिव से, जिसके ज़रिए मुर्गीपालन में शामिल आदिवासी महिलाओं और किसानों की मदद की जा रही है।

370915-cave-didi-backyard-poultry-farming-tribal-women-empowerment-heifer-international-hatching-hope-project-2
370915-cave-didi-backyard-poultry-farming-tribal-women-empowerment-heifer-international-hatching-hope-project-2

मटुआनी गाँव की जयंती महतो भी मुर्गी पालन करती हैं, पहले उनकी मुर्गियाँ बीमार हो जाती है, जिसकी वजह से नुकसान भी उठाना पड़ता था। लेकिन मुर्गी पालन करने वाली इन महिलाओं की मदद के लिए ये केव दीदियाँ हमेशा तैयार रहती हैं।

32 साल की जयंती महतो गाँव कनेक्शन से कहती हैं, "अब तो मुर्गियों के बीमार होने पर एक फोन पर केव दीदी आ जाती हैं। वो हमें बहुत सारी जानकारियाँ देती हैं।

आय बढ़ाने में मददगार हैं पोल्ट्री उत्पाद

नवंबर 2018 में मयूरभंज जिले में शुरू की गई, हैचिंग होप पहल का मकसद बैकयार्ड पोल्ट्री फार्मिंग और पोल्ट्री उत्पादों की खपत को बढ़ावा देकर पोषण और आय के स्तर को बढ़ाना है।

समृद्ध प्रोटीन स्रोतों के रूप में चिकन और अंडे की सामर्थ्य और पहुँच को पहचानते हुए, हैचिंग होप ग्लोबल इनिशिएटिव ने दुनिया भर में एक महत्वपूर्ण छाप छोड़ी है। इस पहल के ज़रिए केव दीदियों को प्रशिक्षित किया जाता है, जो समय-समय पर मुर्गी पालकों को जानकारी उपलब्ध कराती रहती हैं।

अपनी शुरुआत के बाद से, इस प्रोजेक्ट ने पिछले पाँच वर्षों में अंडा उत्पादन में 33.31% की वृद्धि दर में योगदान दिया है, जिससे क्षेत्र में प्रोटीन स्रोतों की उपलब्धता पर पर्याप्त प्रभाव पड़ा है।

हैचिंग होप पोल्ट्री किसानों को उनके व्यवसाय को बढ़ाने और इसके लिए इस्तेमाल होने वाले ज़रूरी संसाधनों तक उनकी पहुँच बनाने में मदद करता है। ओडिशा में हैचिंग होप प्रोजेक्ट के स्टेट कोऑर्डिनेटर अक्षय बिस्वाल गाँव कनेक्शन को बताते हैं, "2018 में शुरू की गई यह परियोजना तीन साल से चल रही है, जिससे ओडिशा में लगभग 30,000 आदिवासी परिवारों को लाभ हुआ है।"

अंडा उत्पादन में आंध्र प्रदेश देश में सबसे आगे है, जहाँ कुल उत्पादन का 20.13% उत्पादन होता है, इसके बाद तमिलनाडु (15.58%), तेलंगाना (12.77%), पश्चिम बंगाल (9.94%) और कर्नाटक (6.51%) का स्थान आता है।

दीदियों को हमेशा प्रशिक्षण पर ज़ोर

केव दीदी के बारे में अक्षय ने गाँव कनेक्शन को बताया, "पशुपालन विभाग ने जिला और ब्लॉक स्तर पर पशु चिकित्सकों की नियुक्ति की है। इसलिए, हमने हर गाँव में केव दीदी को ट्रेनिंग दी है, जिन्हें पहले से ही टीकाकरण और अन्य बुनियादी बातों का ज्ञान है।"

पशुपालन विभाग के साथ मिलकर काम करते हुए, हेफ़र यह सुनिश्चित करता है कि केव दीदियों को हमेशा प्रशिक्षण मिले। विभाग के पोल्ट्री विशेषज्ञ डॉ. सौम्य रंजन खटुआ बताते हैं, "केव दीदी के साथ हमारी नियमित बैठकें होती हैं; अब, हम वैक्सीन और दवाएँ उपलब्ध कराते हैं, जिससे उन्हें मुर्गियों का प्रभावी ढंग से इलाज करने में मदद मिलती है।"

वह आगे जोर देकर कहते हैं, "उदाहरण के लिए, किसी विशेष क्षेत्र में मुर्गों की मौत के मामले में, हमने आगे के नुकसान को रोकने के लिए वहाँ केव दीदियों को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया।"

Tags:
  • Heifer India
  • poultry farming
  • Odisha
  • story

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.