हर दिन हो सकती है खेती से कमाई, बस अपनाना होगा ये नया मॉडल

अगर आपसे कहा जाए कि आप अपने खेत से हर दिन कमाई कर सकते हैं? तो शायद आपको यकीन नहीं होगा, लेकिन कृषि वैज्ञानिकों ने खेती का एक ऐसा मॉडल विकसित किया है, जिससे हर रोज कमाई कर सकते हैं।

Manvendra SinghManvendra Singh   5 March 2024 2:55 PM GMT

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अगर आपको भी लगता है खेती घाटे का सौदा है तो आप गलत हैं। बस आपको अपनी खेती में कुछ बदलाव करने की ज़रूरत है, फिर तो आप हर दिन कमाई कर सकते हैं।

उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में स्थित कृषि विज्ञान केंद्र-2 के प्रभारी और प्रधान वैज्ञानिक डॉ दया शंकर श्रीवास्तव इंटीग्रेटेड फार्मिंग सिस्टम (Integrated Farming System) यानी एकीकृत कृषि प्रणाली के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।

खेती से दूर भागती युवा पीढ़ी के बारे में डॉ दया शंकर श्रीवास्तव गाँव कनेक्शन से बताते हैं, "आज हम किसी युवा से रोज़गार की बात करें तो उसकी पहली पसंद नौकरी होती है; बहुत कम ऐसे युवा होंगे जो किसी उद्यम या व्यवसाय को चुनेंगे, नौकरी की ख़ास बात ये होती है कि महीने के आखिरी दिन तनख़्वाह की उम्मीद होती है।"


वो आगे कहते हैं, "अगर खेती किसानी की बात करें तो इसमें कोई तनख्वाह होती ही नहीं है, किसान की आय फसल के उत्पादन पर निर्भर करती है वो या तो मिलेगी या तो नहीं मिलेगी। क्या खेती में हम अपनी दैनिक आय या मासिक आय तय नहीं कर सकते? ये एक जानने का विषय है। मैं सभी युवाओं से कहना चाहता हूँ कि खेती किसानी में भी आप दैनिक, मासिक या सालाना इनकम निकाल सकते हैं।"

"बस ज़रुरत है खेती को इंटीग्रेटेड तरीके से करने की और उसको अडॉप्ट करके आगे बढ़ने की; कृषि विविधीकरण का स्वरूप है, कृषि में विविधीकरण के बहुत सारे आयाम हैं जिसके सहारे अनेकों रोज़गार, उद्यम और ऐसे अवसर हैं, जिसको अपना कर आप अधिक से अधिक धन कमा सकते हैं जिसकी कोई लिमिट नहीं है," उन्होंने आगे कहा।

किसी नौकरी से कम नहीं होती खेती

"लोग कहते हैं कि नौकरी वालों के पास एक सिक्योरिटी होती है, लेकिन कृषि में भी हम बात करें तो बहुत सिक्योरिटी है; बस कुछ बिंदू हैं, जहाँ चुनौतियाँ हैं, उनको समझ के सुलझाने की ज़रुरत हैं। विशेषज्ञों की राय लेकर और अगर सही से आप प्लान करें तो निश्चित तौर से कृषि से अच्छा व्यवसाय कोई और नहीं हो सकता। आज भी आप देखेंगे ऐसी बहुत सी कहानियाँ आपको मिल जाएँगी जहाँ आईआईएम से पढ़े या आईआईटी के पढ़े बच्चे नौकरी को छोड़कर कृषि की तरफ बढ़ रहे हैं; अगर कृषि को सही से समझे तो आय की कोई लिमिट नहीं है बस शर्त यही है की उसको सही से प्लान किया गया हो।"

वे कहते हैं, "प्लानिंग की बात करें तो, विविधीकरण लेकर के और विविधीकरण में भी डिमांड आधारित खेती की ज़रुरत हैं; आज ऐसा नहीं है की कोई भी कृषि आप करें वो मुनाफ़ा देगी; आज माँग आधारित कृषि की बात हो रही हैं। बाज़ार में जिस चीज़ की माँग है, उस आधार पर आप खेती करेंगे तो निश्चित तौर पर आप सफल होंगे। दूसरी बात कृषि में एकीकृत कृषि प्रणाली यानी इंटीग्रेटेड फार्मिंग तकनीक को अपनाना होगा। यानी आपको ऐसी प्लानिंग करनी होगी जैसे कुछ दस वर्षों के लिए कुछ पाँच वर्षों के लिए कुछ तीन वर्षों में कुछ एक वर्षों में कुछ छह माह में कुछ चार माह में कुछ पंद्रह दिन में तो कुछ आज के आज। यानी सतत इनकम जो है वो आज की तारीख में आपकी स्टार्ट हो जाए और जैसे जैसे दिन बढ़ता जायेगा वैसे वैसे आपकी इनकम बढ़ती जाएगी। ऐसी प्लानिंग अगर आप चाहते हैं तो आपको एकीकृत फार्मिंग से जुड़ना होगा।"

क्या है एकीकृत फसल प्रणाली?

एकीकृत फसल प्रणाली विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों के लिए फायदेमंद है। इंटीग्रेटेड फार्मिंग मतलब खेती के साथ पशुपालन समेत कई ऐसे काम जो न सिर्फ खेती में सहायक होंगे बल्कि आमदनी को कई गुना बढ़ा देंगे।

एकीकृत फसल प्रणाली यानी कृषि तंत्र का एक ऐसा सिस्टम जिसमें सबकों इंटीग्रेड किया गया है सब एक दूसरे के पूरक हैं। बहुत सारी ऐसी विधाओं को लेकर चलना पड़ेगा जो एक दूसरे से जुड़ी है और सामंजस्य बना हुआ है।


साल के हिसाब से बढ़ेगी आमदनी

हम अगर दस वर्षों की बात करें तो क्या ऐसा प्लान करना पड़ेगा ? तो जो आपकी ज़मीन है उस ज़मीन के किनारे-किनारे आपको फॉरेस्ट्री के प्लांट लगाने पड़ेंगे। जैसे आप सागौन लगा सकते हैं, शीशम लगा सकते हैं, बम्बू लगा सकते हैं इसके अलावा नींबू या करौंदा को भी प्लान कर सकते हैं; नींबू के लिए अगर एक बात कहें तो एक छोटा सा आकड़ा है कि अगर आप एक हज़ार पौधे लगाते हैं तो आपको तीन वर्षों के बाद हज़ार पौधों से 8 से 10 लाख हर साल कमा सकते हैं और वो भी तीस से चालीस वर्षों तक। उसके बाद आप किनारे किनारे गेंदा के फूल लगा सकते है इससे आपका इकोसिस्टम मजबूत होगा।

आप किनारे-किनारे रजनीगंधा या ग्लेडियोलस लगा सकते हैं। इनर क्रॉप की आप बात करें तो आप फलदार वृक्ष भी लगा सकते हैं। जैसे नींबू, आम, अमरूद, पपीता या केला लगा सकते हैं;आपको पौधे ऐसे इकोनॉमिक्स पर लगाने हैं जिससे आपको एक सतत आय आपको कुछ कुछ दिनों पर होती रहें।

मुर्गी पालन के साथ मछली पालन

अगर हम पाँच से छह महीने की बात करें तो जो अन्य चीज़े हैं जैसे कि मछली पालन; उसके लिए आपको बीच में तालाब बनाना पड़ेगा जिससे आपको पाँच से छह महीने में आय मिल जाएगी। कुछ जगह पर आपको बकरी पालन भी करना होगा, कुछ जगह पर आपको कुक्कुट पालन (Poultry Farming) भी करना होगा।

उर्वरक के तौर पर आपको वर्मी कम्पोस्ट का प्रयोग करना होगा, जैविक खेती से आपकी लागत भी कम रहेगी। इसके लिए आपके पास पशुधन का होना बहुत ज़रूरी है। पशुधन में आप बकरी पालन आप लेंगे तो आपको बाकी की बीट भी आप डाल सकते हैं। मुर्गी पालन की बीट आप डाल सकते हैं और एक डेयरी गाय या भैंस उसको भी आप पाल सकते है।


बाद में अगर आप कुछ चूजे पाल ले जो आपको अंडे दे उसके बाद आप एक छोटी सी मशीन खरीद ले। अंडे से आज चूज़ा बनाने के लिए भी मशीन आ गयी है जिसको एग हटचिंग मशीन बोलतें है। आप देसी मुर्गियां पाले जो बैकयार्ड पॉल्ट्री फार्मिंग से कम लागत में हो जायेगा।

देसी मुर्गों की बहुत डिमांड होती है, आज शहर के लोग भी देसी मुर्गे पसंद करते हैं। आप अगर चूजे लाते हैं तो 60 से 70 रूपए में आपको एक चूज़ा मिल जाएगा और ये चार से पाँच महीने में 600 से 700 रूपए में बिक गई तो सोचिये आपका आठ से दस गुना फायदा हो सकता हैं।

यानी अगर आपके पास एक हज़ार चूजे हैं तो आप मान के चलिए की 60 हज़ार रूपए आपका बच्चों में लग गया और करीब दो लाख रूपए आपकी फीडिंग कॉस्ट लग गयी तो भी अगर आपका मुर्गा 600 से 700 रूपए किलो बिकता है तो आप तीन से चार लाख तक की बचत कर सकते हैं।

सब्जियों की खेती से हर दिन की कमाई

बीच बीच में आप सब्ज़ियों की खेती भी कर सकते हैं। सब्ज़ियों में बहुत सारी सीजनल सब्ज़ियाँ है, जिसे आप उगा सकते हैं। अगर हम लोग चार महीने की इनकम की बात करें तो सब्ज़ियों की भी खेती कर सकते हैं और कुछ नर्सरी पौध भी आप लगा सकते हैं। बाकी सब्ज़ियों से और फूलों से भी आपकी आय होगी।

दूध उत्पादन से आमदनी

अब अगर डेली इनकम की हम बात करें तो वो पशुधन है। पशु धन में आज आप दुधारू जानवर खरीद के ले आए तो आज से ही आपकी बिक्री चालू हो सकती हैं। पशुआहार अगर आप खुद बना सकतें है तो और मुनाफ़ा संभव हैं। जैसे एजोला वगैरह आप घर पर लगा ले इससे आपके पशुधन में भी लागत कम आएगी और एकीकृत खेती में भी कम पैसा लगेगा। ये आपको एक अच्छी आय दे सकती हैं।

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