गाँव कनेक्शन का दमदार वित्तीय प्रदर्शन, लाभकारी कंपनी बनी
गाँव कनेक्शन का दमदार वित्तीय प्रदर्शन, लाभकारी कंपनी बनी

By Gaon Connection

गाँव कनेक्शन ने अब तक का अपना सबसे मजबूत वित्तीय प्रदर्शन करते हुए लाभकारी कंपनी बनने के साथ ही इस वर्ष ऐतिहासिक ग्रोथ दर्ज की। 31 मार्च, 2025 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में कंपनी को 5.33 करोड़ राजस्व की प्राप्ति हुई, जो पिछले वित्तीय वर्ष से 350% ज्यादा रही। कंपनी ने साबित किया कि उद्देश्य और लाभ दोनों साथ-साथ चल सकते हैं।

गाँव कनेक्शन ने अब तक का अपना सबसे मजबूत वित्तीय प्रदर्शन करते हुए लाभकारी कंपनी बनने के साथ ही इस वर्ष ऐतिहासिक ग्रोथ दर्ज की। 31 मार्च, 2025 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में कंपनी को 5.33 करोड़ राजस्व की प्राप्ति हुई, जो पिछले वित्तीय वर्ष से 350% ज्यादा रही। कंपनी ने साबित किया कि उद्देश्य और लाभ दोनों साथ-साथ चल सकते हैं।

Crop insurance scheme: Despite rise in farmers’ enrolment, Centre’s expense on subsidy falls
Crop insurance scheme: Despite rise in farmers’ enrolment, Centre’s expense on subsidy falls

By गाँव कनेक्शन

As per data shared by the Union Agriculture Ministry in the Rajya Sabha, the enrolment of farmers for the Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana has risen by 73% between 2020-21 and 2022-23. Despite this, the Centre’s expenditure on the share of the premium subsidy has reduced by 14.7% . Details here.

As per data shared by the Union Agriculture Ministry in the Rajya Sabha, the enrolment of farmers for the Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana has risen by 73% between 2020-21 and 2022-23. Despite this, the Centre’s expenditure on the share of the premium subsidy has reduced by 14.7% . Details here.

Farmers’ Protest: Farmers detained in Haryana released; meeting with the govt expected tomorrow
Farmers’ Protest: Farmers detained in Haryana released; meeting with the govt expected tomorrow

By Brijendra Dubey

The farmers’ agitation, demanding compensation for the losses they faced during the recent floods, has shifted venue to the Nai Mandi at Ambala, 12 kilometres from the Shambhu Barrier on the Haryana-Punjab border where many of them were detained and their tractors impounded.

The farmers’ agitation, demanding compensation for the losses they faced during the recent floods, has shifted venue to the Nai Mandi at Ambala, 12 kilometres from the Shambhu Barrier on the Haryana-Punjab border where many of them were detained and their tractors impounded.

दुबई से नौकरी छोड़ कांगड़ा में शुरू की प्राकृतिक खेती, अब गाँव के युवा सीख रहे हैं मालामाल होने की तरकीब
दुबई से नौकरी छोड़ कांगड़ा में शुरू की प्राकृतिक खेती, अब गाँव के युवा सीख रहे हैं मालामाल होने की तरकीब

By Ambika Tripathi

मोहन सिंह, हिमाचल प्रदेश के किसान हैं, पिता नहीं चाहते थे बेटा किसान बने, आज वही पिता बेटे की खेती पर गर्व करते हैं। प्राकृतिक खेती से उन्होंने गाँव के युवाओं को जोड़कर खेती का नज़रिया बदल दिया है।

मोहन सिंह, हिमाचल प्रदेश के किसान हैं, पिता नहीं चाहते थे बेटा किसान बने, आज वही पिता बेटे की खेती पर गर्व करते हैं। प्राकृतिक खेती से उन्होंने गाँव के युवाओं को जोड़कर खेती का नज़रिया बदल दिया है।

यूपी के किसानों के लिए कृषि सलाह: सितंबर से अक्टूबर महीने में खेती पशुपालन के इन ज़रूरी कामों को निपटा लें
यूपी के किसानों के लिए कृषि सलाह: सितंबर से अक्टूबर महीने में खेती पशुपालन के इन ज़रूरी कामों को निपटा लें

By गाँव कनेक्शन

सितंबर से अक्टूबर का महीना रबी की फसलों के लिए सही समय होता है, इस समय किसानों को कुछ ज़रूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए।

सितंबर से अक्टूबर का महीना रबी की फसलों के लिए सही समय होता है, इस समय किसानों को कुछ ज़रूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए।

कुम्हड़ा किसानों को इस वजह से मालामाल करता है आगरा का पेठा
कुम्हड़ा किसानों को इस वजह से मालामाल करता है आगरा का पेठा

By गाँव कनेक्शन

मिठाई बाज़ार में आगरे का पारंपरिक पेठा अब लड्डू और बर्फी को टक्कर दे रहा है। ऐसे में पेठे की बढ़ती माँग से कुम्हड़ा की ख़ेती किसानों के लिए अच्छा विकल्प है। पारंपरिक फ़सलों से मुँह मोड़ चुके कई किसान इसकी ख़ेती पर अब ज़ोर दे रहे हैं। कितना आसान है इसकी ख़ेती और कैसे बनती है पेठे की मिठाई जानिए यहाँ।

मिठाई बाज़ार में आगरे का पारंपरिक पेठा अब लड्डू और बर्फी को टक्कर दे रहा है। ऐसे में पेठे की बढ़ती माँग से कुम्हड़ा की ख़ेती किसानों के लिए अच्छा विकल्प है। पारंपरिक फ़सलों से मुँह मोड़ चुके कई किसान इसकी ख़ेती पर अब ज़ोर दे रहे हैं। कितना आसान है इसकी ख़ेती और कैसे बनती है पेठे की मिठाई जानिए यहाँ।

नींबू, आम जैसे फलदार पेड़ों को सुखा देता है साधारण सा दिखने वाला ये मशरूम, ऐसे करें बचाव
नींबू, आम जैसे फलदार पेड़ों को सुखा देता है साधारण सा दिखने वाला ये मशरूम, ऐसे करें बचाव

By Dr SK Singh

साधारण दिखने वाले गैनोडर्मा मशरूम से फल के पेड़ सूखने लगते हैं, चलिए जानते हैं इस मशरूम से बागवानी फ़सलों को कैसे बचाया जा सकता है?

साधारण दिखने वाले गैनोडर्मा मशरूम से फल के पेड़ सूखने लगते हैं, चलिए जानते हैं इस मशरूम से बागवानी फ़सलों को कैसे बचाया जा सकता है?

Now you can bite into crisp apples grown in the hot climes of Varanasi
Now you can bite into crisp apples grown in the hot climes of Varanasi

By Dewesh Pandey

Two farmer brothers in Varanasi district, Uttar Pradesh have successfully cultivated sweet and crunchy apples that usually grow in much higher altitudes of Kashmir and Himachal. They are also earning profits through the sale of the fruit.

Two farmer brothers in Varanasi district, Uttar Pradesh have successfully cultivated sweet and crunchy apples that usually grow in much higher altitudes of Kashmir and Himachal. They are also earning profits through the sale of the fruit.

एक बेड से की थी वर्मी कम्पोस्ट बनाने की शुरुआत, आज 15 हज़ार क्विंटल है उत्पादन
एक बेड से की थी वर्मी कम्पोस्ट बनाने की शुरुआत, आज 15 हज़ार क्विंटल है उत्पादन

By Ambika Tripathi

किसान नागेंद्र पांडेय ने लगभग 22 साल पहले वर्मी कम्पोस्ट का व्यवसाय शुरू किया, आज वो साल में लगभग 12 से 15 हज़ार क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन कर रहे हैं।

किसान नागेंद्र पांडेय ने लगभग 22 साल पहले वर्मी कम्पोस्ट का व्यवसाय शुरू किया, आज वो साल में लगभग 12 से 15 हज़ार क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन कर रहे हैं।

इस ठंड के मौसम में शीतलहर और पाले से फ़सलों को बचाने के आसान उपाय
इस ठंड के मौसम में शीतलहर और पाले से फ़सलों को बचाने के आसान उपाय

By Dr SK Singh

शीतलहर व पाले से फसलों व फलदार पेड़ों की उत्पादकता पर सीधा विपरीत प्रभाव पड़ता है। फसलों में फूल और फल आने या उनके विकसित होते समय पाला पड़ने की सबसे ज्यादा संभावनाएँ रहती हैं। पाले के प्रभाव से पौधों की पत्तियां और फूल झुलसने लगते हैं। इसकी वजह से फसल पर असर पड़ता है। कुछ फ़सलें बहुत ज्यादा तापमान या पाला झेल नहीं पाती हैं जिससे उनके खराब होने का खतरा बना रहता है।

शीतलहर व पाले से फसलों व फलदार पेड़ों की उत्पादकता पर सीधा विपरीत प्रभाव पड़ता है। फसलों में फूल और फल आने या उनके विकसित होते समय पाला पड़ने की सबसे ज्यादा संभावनाएँ रहती हैं। पाले के प्रभाव से पौधों की पत्तियां और फूल झुलसने लगते हैं। इसकी वजह से फसल पर असर पड़ता है। कुछ फ़सलें बहुत ज्यादा तापमान या पाला झेल नहीं पाती हैं जिससे उनके खराब होने का खतरा बना रहता है।

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